करोड़ों बकरी पालकों के लिए बेहद अच्छी खबर 2025:-
जी हां यदि आप भी बकरी का पालन करते हैं और आप चाहे ग्रामीण इलाके से हो या फिर शहरी इलाके से हों, अब आपको बकरियों के किसी भी मौसम में होने वाले जानलेवा बीमारियों और महामारी से होने वाले नुकसान से अब आप पूरी तरह सुरक्षित होंगे, क्योंकि वैज्ञानिकों ने हाल ही में बकरियों की जान बचाने वाली मल्टी एपीटॉप वैक्सीन का अविष्कार करके भेड़ और बकरियों में ज्यादा तेजी से फैलने वाले रोगों पर नियंत्रण पाने में पूरी तरह सफलता पाई है जिसकी वजह से अब किसानों और बकरी पालन करता को अब आसामइक मृत्यु से अब बचाए जा सकेगा जिससे कि लोगों को होने वाले मुनाफे में अब वृद्धि देखी जाएगी और लोग बकरी पालन के तरफ ज्यादा आकर्षित होंगे।
भारत देश के कई राज्यों में चल रहा है सेफ्टी ट्रायल :-
बकरियां में तेजी से फैलने वाले इंटरटाक्समिया (अतिभोजन रोग ) नlमक बीमारी फैल जाती है जिसकी वजह से उनकी आंतों में गंभीर संक्रमण हो जाने की वजह से घंटे के अंदर ही बकरियों की मृत्यु हो जाती है इसी से बचने के लिए वैज्ञानिकों ने लगातार अथक मेहनत करके एक नई वैक्सीन की खोज कर ली है जो की आने वाले समय में बकरियां और बीडीओ को मरने से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है।

हाल ही में मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के आधार पर केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान की वरिष्ठ वैज्ञानिक गुरु राज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मल्टीएपीटॉप सब यूनिट वैक्सीन हमने विकसित कर ली हैl
इस टीके को आधुनिक बायोइनफॉर्मेटिक्स और रिवर्स वैक्सीनोलॉजी तकनीक से तैयार किया गया है जो की विशेष रूप से बकरियों के लिए है और लंबे समय तक प्रभावी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करेगी जिससे कि आसामिक बकरियों की मृत्यु को रोकने में आने वाले समय में कमी आएगी जिससे कि पशुपालकों को मुनाफा होगा और लोगों की बकरी पालन में रुचि भी बढ़ेगी।
भारत में 1 वर्ष में बाजार में आ जाएगी बकरियों को बचाने वाली मल्टी एपिटोप वैक्सीन :-
बकरी पालकों के लिए अब बेहद खुशखबरी भरी खबर निकलकर सामने आ रही है क्योंकि हाल ही में केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मखदूम (फरह) मथुरा और दिल्ली अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने बकरियां में गंभीर रूप से फैलने वाली बीमारी से उनको बचाने के लिए मल्टी एपीटॉप नाम की New वैक्सीन तैयार कर ली है, जो की लगातार देश भर के कोने-कोने में चल रहे इसके सफल ट्रायल पूरा हो जाने के बाद देश के कई हिस्सों में इस सेफ्टी ट्रायल के तौर पर चलाए जा रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि यह 1 वर्ष के अंदर यह पूरी तरह से बाजार में उपलब्ध हो जाएगी जिससे कि प्रतिवर्ष करने वाली करोड़ भेड़ बकरियों को गंभीर बीमारी से बचाया जा सकेगा और लोगों को भेड़ पालन और बकरी पालन में मुनाफा आने वाले समय में देखने को मिलेगा।
ठंड में और ज्यादा खाने से भीड़ बकरियां में फैला है इंटर टॉक्स मियां नामक जानलेवा बीमारी रोग :-
हाल ही में हुए एक रिसर्च में पाया गया है की बकरियां या फिर भेड़ के अधिक चरने (खाने) पर क्लॉस्ट्रीडियम पफ्रीजेंस टाइप – डी नामक जीवाणु के सक्रिय हो जाने की वजह से इंटरटॉक्समियां बीमारी फैल जाती है जिसकी वजह से यह जीवाणु बकरियों की आंत में तेजी से बढ़ जाते हैं और यह खतरनाक ऐप्सीलोन टॉक्सिन नlमक( जहर) Poison छोड़ते हैं जिसकी वजह से आंतों से संबंधित कई प्रकार की गंभीर बीमारियां हो जाती है
जिससे कि भेड़ और बकरियों को पेट में दर्द और कई प्रकार की खतरनाक बीमारियां घेर लेती हैं और उनकी कुछ ही घंटे में मृत्यु हो जाती है, जिस पर विशेष रूप से वैज्ञानिकों की नजर थी और वह लंबे समय से इस पर प्रभावी रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए वैक्सीन की खोज कर रहे थे जो कि अब वैज्ञानिकों को इसमें बड़ी सफलता मिली है।