गर्मियों में पेट और दिमाग को ठंडक दे रहा है यह ज्वार- बाजरा और मक्के से बना सत्तू !

यदि आप भी गर्मियों के दिनों में अपने शरीर को हष्ट पुष्ट निरोगी बनाना चाह रहे हैं और इन भीषण गर्मियों के दिनों में अपने आप को डिहाईड्रेशन से मुक्त करना चाह रहे हैं तो गर्मियों के दिनों में आपके लिए ज्वार बाजरा और मक्के के साथ-साथ भुने हुए चने को एक साथ कम दबाव में पीसकर इससे बना सत्तू आपके लिए वरदान साबित हो सकता है ।

अक्सर हर साल  मई महीने की शुरुआत से लेकर जुलाई तक के मौसम में भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक भीषण गर्मी का प्रकोप चलता है और ऐसे में लोगों को उल्टी दस्त लू लगने और डिहाईड्रेशन के साथ-साथ कालरा जैसी भयंकर बीमारियों से सामना होता है और ऐसे में कई लोग जो कि अपने खान-पान को लेकर ध्यान नहीं रख पाते उनमें से अधिकांश लोग इस भीषण गर्मी में कई गंभीर संकटों का सामना करके मुश्किल से अपने जीवन को बचा पाते हैं वहीं कई लोग इन 3 महीना के भीषण गर्मी के मौसम में अपनी जान तक गवा देते हैं ।

लेकिन हमारे आसपास ही कई तरह के ऐसे खानपान के देसी साधन मौजूद होते हैं जिनका यदि हम सही मात्रा में और सही मार्गदर्शन में इनको अपने दैनिक आहार में शामिल करें तो इन गंभीर जानलेवा गर्मियों में होने वाली शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली बीमारियों से पूरी तरह बचा जा सकता है ।

हाल ही में एक रिसर्च में पाया गया है कि मक्का जो कि मोटे अनाज की श्रेणी में आता है और वही ज्वार बाजरा के साथ-साथ चना भी मोटे अनाजों की श्रेणी में आता है लेकिन इन अनाजों में भरपूर मात्रा में आयरन कैल्शियम के साथ-साथ कई तरह की सूचना आंटी एक्सीडेंट तत्वों के साथ-साथ कई प्रकार की प्रमुख विटामिन तत्व इनमें पाए जाते हैं जो कि शरीर को इन भीषण गर्मियों के मौसम में भी शरीर को बेहतरीन पोषक तत्व प्रदान करके इन गंभीर जानलेवा उल्टी दस्त डिहाईड्रेशन कलर जैसी गंभीर बीमारियों से करोड़ों लोगों की जान बचाते हैं ।

हाल ही में डॉक्टर और एक्सपर्ट की टीम द्वारा किए गए एक रिसर्च अध्ययन में यह बात सामने निकल कर आई है कि जो लोग अपने दैनिक आहार में भीषण गर्मियों के मौसम में ज्वार बाजरा और मक्के के साथ-साथ भुने हुए चने(Gram) के सत्तू के आटे का सेवन अपने दैनिक आहार में करते हैं उनमें उल्टी दस्त लू लगने जैसी समस्याओं के साथ-साथ डिहाइड्रेशन की समस्या से उन्हें पूरी तरह से छुटकारा मिल जाता है और सत्तू का सेवन करने वाले लोगों में अन्य तरह की फास्ट फूड या फिर सामान्य भोजन लेने वाले लोगों की तुलना में उनका जीवन और आयु भी सामान्य लोगों की अपेक्षा ज्यादा पाई गई है ।

ज्वार बाजरा मक्का और भुने हुए चने में पाए जाने वाले विटामिंस मिनरल्स और पौष्टिक तत्व:-

sattu khnae ke phayde

गेहूं जो और अन्य पतले अनाजों की तुलना में यदि मोटे अनाजों में ज्वार बाजरा मक्का और चने में पाए जाने वाले विटामिन खनिज पदार्थ और पौष्टिक तत्वों की यदि बात करें तो इनमें इन सामान्य गेहूं चावल और जो के मुकाबले लगभग चार गुना अधिक पौष्टिक तत्व विटामिन मिनरल्स और खनिज पदार्थ इन मोटे अनाजों में पाए जाते हैं जिनमें प्रचुर मात्रा में यदि बात करें तो ज्वार में ही विटामिन b1 से लेकर विटामिन B12 तक प्रचुर मात्रा में पाया जाता है ।

वही मक्के में भरपूर मात्रा में कैल्शियम आयरन जिंक, मैंगनीज के साथ-साथ विटामिन बी विटामिन सी विटामिन के और विटामिन ई प्रचुर मात्रा में पाया जाता है वहीं इनमें प्रचुर मात्रा में कई प्रकार की सूचना एंटीऑक्सीडेंट तत्व भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं इसके साथ-साथ चने में भी भरपूर मात्रा में आयरन कैल्शियम जिंक फास्फोरस जैसे प्रमुख तत्व पाए जाते हैं और चने में प्रचुर मात्रा में विटामिन ए विटामिन के जैसे प्रमुख विटामिन पाए जाते हैं जो कि शरीर को  हष्ट -पुष्ट बलवान और निरोगी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।

ज्वार- बाजरा, मक्का और भुने हुए चने का सत्तू बनाने की आसान विधि:-

यदि आप भी ज्वार बाजरा मक्का और भुने हुए चने से गर्मियों में अपने शरीर को हष्ट पुष्ट निरोगी और भीषण गर्मी के प्रकोप से अपने शरीर को नई ताजगी देना चाहते हैं तो इसके लिए आपको बाजार से ज्वार बाजरा मक्का और चना इन सभी मोटे अनाजों को एक-एक किलो की मात्रा में ले आना है और इसके बाद इन मोटे अनाज को कढ़ाई में बालू डालकर इन्हें हल्का ब्राउन होने तक इन्हें अच्छी तरह से भुन लेना है लेकिन यहां पर ध्यान देने वाली बात है यह है कि इन मोटे अनाजों को बहुत ज्यादा मात्रा में भुनाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ज्यादा बोलने पर इन मोटे अनाजों से विटामिन और इसमें पाए जाने वाली पौष्टिक तत्वों में कमी आ सकती है इसलिए इन्हें बेहद हल्की मात्रा में ही भूलना है और इन्हें एक अलग बर्तन में निकाल कर इन्हें ठंडा कर लेना है ।

इसके बाद ज्वार बाजरा मक्का और भुने हुए चने को कम दबाव वाली चक्क या फिर घर में जांत चक्की में बेहद कम दबाव के साथ पीस लेना है जिससे आपको सत्तू का आता मिल जाएगा और इस सत्तू के आटे को आपको एक जार बर्तन में कलेक्ट करके इकट्ठा रख लेना है ।

इसके बाद आपको सुबह के समय एक गिलास में 50 ग्राम मात्रा में गुड़ को भिगोकर रख देना है जिससे कि गुड अच्छी तरह से पानी में घुल जाए ।

इसके बाद एक दूसरे बर्तन में अपनी आवश्यकता अनुसार लगभग 80 ग्राम सत्तू के आटे में पानी में भूले हुए गुड़ के मिश्रण को अच्छी तरह से डालकर इसे चम्मच की मदद से इसे अच्छी तरह से मिला लेना है और बस अब आपका सत्तू पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है । इसमें आप स्वाद और टेस्ट को और बढ़ाने के लिए इसमें आप भुने हुए जीरे को भी पीसकर हल्का सा डाल सकते हैं इसके साथ-साथ इसमें आप चाहे तो पुदीने की एक पट्टी के छोटे-छोटे टुकड़े करके इसमें ऊपर से आप डालकर इसे और भी बेहतरीन और टेस्टी स्वाद दे सकते हैं ।

इसके बाद आप प्रतिदिन सुबह या फिर दोपहर को खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद इस सत्तू को अपने प्रतिदिन के आहार में शामिल कर सकते हैं इससे आपको एक नई ऊर्जा और भरपूर पौष्टिक तत्वों की खुराक मिलेगी और आप अपने आप को भीषण गर्मियों के दिनों में भी अपने आप को तरोताजा फर्स्ट पोस्ट निरोगी और बलवान महसूस कर पाएंगे ।

ज्वार- बाजरा, मक्का और भुने हुए चने के सत्तू खाने से होने वाले लाभ:-

  • भीषण गर्मियों के मौसम में लू लगने की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी ।
  • ज्वार बाजरा और मक्का के साथ-साथ भुनी हुई चने में कई प्रकार की विटामिन- मिनरल्स खनिज पदार्थ मौजूद होने की वजह से ही यह शरीर को  निरोगी और बलवान भी बनता है ।
  • गर्मियों के मौसम में शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले डिहाइड्रेशन की समस्या से छुटकारा मिल जाता है ।
  • भीषण गर्मियों के मौसम में लू लगने से उल्टी -दस्त कलरा जैसी समस्या के आने से पहले ही यह शरीर को पूरी तरह से रक्षा कवच प्रदान करता है ।
  • भीषण गर्मियों के मौसम में चेहरे पर पड़ने वाले लाल चकत्ते और घमौरियों से छुटकारा दिलाने में भी यह रामबाण औषधि का काम करता है ।
  • ज्वार बाजीराव और मक्का के साथ-साथ भुने हुए चने की सत्तू खाने से शरीर में कैल्शियम आयरन और अन्य पौष्टिक तत्वों की कमी पूरी होती है जिससे कि शरीर ऊर्जावान और शक्तिशाली बनता है ।

डिस्क्लेमर:-

मोटे अनाजों में ज्वार बाजरा मक्का और चना से बने हुए सत्तू का इतिहास काफी पुराना रहा है यह हमारी प्राचीन सभ्यता संस्कृति से लेकर हमारे दादा पर दादाओ द्वारा भीषण गर्मियों के प्रकोप से शरीर को लू लगने और कई अन्य प्रकार की गंभीर बीमारियों से बचने के लिए इस तरह के आहार को प्राचीन काल से ही अपने दैनिक आहार में शामिल किया जाता रहा है वर्तमान समय में फास्ट -फूड और कई अन्य टेस्ट वाले तले- भुने (Oily) हुए खाने को अपने आहार में शामिल करके वर्तमान समय में लोग अपने आप गंभीर बीमारियों को निमंत्रण दे रहे हैं ऐसे में जो लोग अपनी प्राचीनतम और सही खान-पान वाली भोजन को अपने आहार में शामिल कर रहे हैं वह आज भी फर्स्ट पोस्ट निरोगी और गंभीर बीमारियों से बचे हुए हैं । यहां पर दी जा रही जानकारी केवल सामान्य जानकारी के आधार पर पाठक गानों तक पहुंचाई जा रही है कृपया अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर एक्सपर्ट से सलाह जरूर ले ।

 

 

 

 

 

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