चंद्रयान-3, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरकर रचा इतिहास, अंतरिक्ष की दुनिया में भारत बना नंबर 1:-
2023 Chandrayan 3 landing success :-
एक समय पर सभी की सांस थम सी गई थी:-
भारत का चंद्रयान 3 सफलतापूर्वक चांद पर उतर गया है। देश में चारों तरफ जश्न का माहौल है, भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान इसरो ने इस पूरे मिशन को लाइव टेलीकास्ट दिखाया, सिर्फ भारत ही नहीं पूरे विश्व की निगाहें एक समय के लिए थम सी गई थी जब भारत का विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर रहा था, एक समय के लिए तो सभी की सांस थम गई थी, इसरो की तरफ से निर्धारित मानकों और समय के मुताबिक भारत का चंद्रयान 3 बेहद सटीक समय पर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करके पूरे विश्व में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जैसे ही उतरा पूरा विश्व खुशी से झूम उठा, यह सिर्फ केवल भारत का मिशन नहीं था बल्कि पूरे विश्व की निगाहें चंद्रयान 3 मिशन पर थी जिसकी सफलता के बाद भारत को विश्व की तरफ से शुभकामनाओं का सिलसिला लगातार जारी है।
भारत का चंद्रयान 3 भारत के समय के अनुसार शाम ठीक 6:04 मिनट पर चांद की धरती पर जैसे ही अपने कदम रखे भारत विश्व का पहले ऐसा देश बन गया जिसे चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करके एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है, चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में अभी तक केवल तीन ही देश पहुंच पाए थे जिनमें अमेरिका, रूस ,और चीन का नाम शामिल है लेकिन भारत ने अपने चंद्रयान 3 मिशन को सफलतापूर्वक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जैसे ही अपने कदम रख भारत विश्व का ऐसा चौथा देश बन गया है जो कि चंद्रमा पर पहुंचने में कामयाब हो पाया है।
चांद की मिट्टी के सैंपल, और वहां पर मौजूद खनिज पदार्थ और पानी की मौजूदगी का अध्ययन करने में मदद करेगा प्रज्ञान रोवर:-
चंद्रयान 3 मिशन विश्व के अन्य मिशन से इसलिए भी खास है क्योंकि यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर वहां की मिट्टी का सैंपल लेकर नैनो की जांच करेगा कि वहां की मिट्टी में पानी की मौजूदगी है या फिर नहीं इसके साथ-साथ चांद की मिट्टी में कौन-कौन से खनिज पदार्थ मौजूद हैं उनकी भी खोज करेगा, इसके साथ-साथ चंद्रयान 3 से निकलकर प्रज्ञान रोवर चांद की सात की कई सारी हाई रेजोल्यूशन इमेज इसरो को भेजेगा, जहां इसकी बारीकी से जांच भी की जाएगी वहीं इस मिशन के साथ अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा भी जुड़ी हुई है जिसे अपना एक मोडल चंद्रयान-3 के साथ भेजा था वह भी चंद्रमा की सतह मिट्टी और वातावरण का गहन अध्ययन करेगा, चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव पर पानी बर्फ के रूप में मौजूद होने की संभावना जताई जा रही है यदि चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी का पता चल जाता है या वहां पर पानी बर्फ के रूप में मौजूद है तो आने वाले समय में यह पूरी मानव सभ्यता के जीवन को एक नया जीवन प्रदान करने वाली सबसे बड़ी खोज होगी।
प्रज्ञान रोवर ने चांद की धरती पर लहराया तिरंगा झंडा:-
भारत में चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करके जहां एक तरफ विश्व भर में अपनी एक अलग छाप छोड़ी है वहीं दूसरी तरफ चंद्रयान-3 के साथ गया विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरकर वहां पर सबसे पहले चांद की सतह पर भारत के अशोक चक्र के पद चिन्ह बनाए हैं वहीं दूसरी तरफ भारत की तिरंगे झंडे को चांद की सतह पर उतारकर एक नया इतिहास रच दिया है, भारत का चंद्रयान 3 मिशन आगे आने वाले 14 दिनों तक लगातार चंद्रमा की मिट्टी वहां के वातावरण वहां पर पाए जाने वाले खनिज पदार्थ, चंद्रमा की सतह की भौगोलिक बनावट के साथ-साथ अन्य बारीक पहलुओं का बेहद ही बारीकी से औसत्ता के साथ अध्ययन करेगा। यदि चंद्रमा पर वाकई में जीवन मौजूद होने के आसार हैं या फिर वहां पर पानी बर्फ के रूप में अभी भी मौजूद है तो यह आने वाले समय मानवीय सभ्यता को चांद तक ले जाने में सबसे महत्वपूर्ण और निर्णायक साबित होगा।