भारत देश इस साल 75 व स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है l केंद्र सरकार की तरफ से इस साल हर घर तिरंगा अभियान चला रही है, जिसमें संपूर्ण भारत के सभी परिवारों से सरकार अपने घरों पर तिरंगा लहरा कर इस अभियान को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि भारत में यूपी और हरियाणा जैसे बड़े राज्यों से कुछ राशन विक्रेताओं की तरफ से यह कहा जा रहा है कि यदि राशन लेने के साथ साथ तिरंगा झंडा जिसकी कीमत ₹20 रखी गई है नहीं लिया तो राशन भी नहीं मिलेगा। आपको बताते चलें कि सरकार की तरफ से इस तरह की किसी भी जोर जबरदस्ती या फिर राशन देने के लिए तिरंगा झंडा लेना जरूरी ही है, ऐसी कोई भी नियम कानून और आदेश जारी नहीं किए गए हैं l लेकिन उत्तर प्रदेश जो की राजनीतिका सबसे महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है, जहां का बच्चा बच्चा भी देश की छोटी सी छोटी जानकारी आपको चुटकियों में बता सकता है वहां पर इस तरह की अफवाह निकल कर सामने आ रही है कि कई राशन विक्रेताओं के द्वारा लोगों से झंडा खरीदने के लिए उनको मजबूर किया जा रहा है और उनको यहां तक कहा जा रहा है कि यदि कोई व्यक्ति तिरंगा झंडा राशन की दुकान से नहीं खरीदता है तो उसके बदले उसको राशन भी नहीं मिलेगाl आपको बताते चलें कि हरियाणा राज्य में तो ऐसे ही कई सारे प्रत्यक्ष उदाहरण देखने को तब मिली जब एनडीटीवी के पत्रकारों की तरफ से लोगों से कुछ प्रश्न पूछे गए जिसके जवाब में उन्होंने इस घटना को सही बताया, जिसके लिए जिसके लिए प्रशासन ने उन राशन विक्रेताओं के लाइसेंस पूरी तरह से बंद कर दिए जिन्होंने इस तरह का अपराध करने,और गरीबों का उनके हक का राशन न देने की बात की है।
इसी तरह का एक मामला हरियाणा के करनाल से तब सुर्खियों में आया जब न्यूज़ पत्रकारों के द्वारा गरीब लोगों से जबरदस्ती तिरंगे झंडे को खरीदने के लिए मजबूर किए जाने के विरोध में लोगों द्वारा आपत्ति जताई गई l इस पूरे मामले की सत्यता तब सामने आई जब एनडीटीवी NDTV के एक संवाददाता ने फरीदाबाद में भी ऐसी ही जोर जबरदस्ती राशन लेने के लिए 20 रूपए का तिरंगा झंडा लेना एक गरीब विधवा के द्वारा इस बात की सत्यता को कही गई, तभी से यह पूरा मामला सुर्खियों में आ गया और अब तो यह यूपी और हरियाणा तक सीमित न रहकर संपूर्ण भारत में फैल गई, हालांकि सरकार की तरफ से पूरे मामले की गंभीरता को लेते ही सरकार ने उन सभी राशन देने वालों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं जो ऐसा करके गरीबों के हक की रोटी उसे सुनना चाहते थे। शासन प्रशासन भी इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए लोगों से बार-बार आग्रह कर रहा है कि भारत में स्वतंत्रता दिवस का यह पावन अवसर सादगी और सौहार्द पूर्ण ढंग से इस साल भी उसी तरह मनाया जाएगा जिस तरह हर साल हम मनाते आए हैं l जहां तक तिरंगे झंडे को की अनिवार्यता की बात है वह लोगों के ऊपर निर्भर करता है वह चाहे तो अपने घर पर तिरंगा जरूर लहरा सकते हैं और भारत के इस 75 वी स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ पर देश को मजबूती के साथ आगे बढ़ने में अपना योगदान दे सकते हैं।
इस मामले पर राशन विक्रेताओं का क्या कहना है आओ जाने?
तिरंगा नहीं तो राशन नहीं बड़े मुद्दे को जब पत्रकारों द्वारा कई राशन विक्रेताओं से इसकी पूछताछ की गई तो उन्होंने इस बात को लेकर पूरी तरह इंकार कर दिया कि हमारी तरफ से इस तरह का कोई भी आग्रह राशन खरीदने वाले लोगों से नहीं की गई है, लेकिन इसके बावजूद कुछ गिने-चुने राशन विक्रेता ऐसा दुस्साहस भरा काम करके भारत सरकार को बदनाम करना चाहते हैं ऐसा उनकी तरफ से कहा गया है जहां तक तिरंगे खरीदने पर ही राशन मिलेगा इस बात को भी पूरी तरह से इन राशन विक्रेताओं की तरफ से गलत अफवाह और गलत बताया गया है।
इस बेहद दुखद और गंभीर मामले पर सरकार की तरफ से क्या कहा गया :-
भारत में केंद्र सरकार इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का जो संकल्प लिया है वह बिना किसी को दुख पहुंचाए, लगातार आगे बढ़ रहा है, और ऐसे ही आगे बढ़ता रहेगा यह कोई विशेष पार्टी राज्य या किसी गरीब अमीर का महोत्सव नहीं है यह संपूर्ण भारत के संपूर्ण नागरिकों के सम्मान और देश को नई ऊंचाइयों और नए राष्ट्र के रूप में विश्व के सामने ले जाने के लिए यह सवा सौ करोड़ देशवासियों का अथक प्रयास है ऐसा सरकार की तरफ से कहा गया है, देश में कुछ गिने-चुने लोग देश की शांति व्यवस्था को भंग करना चाहते हैं उनके लिए, शासन द्वारा विशेष प्रकार के उन्हीं के गलत क्रत्यो के आधार पर उनको उसका फल जरूर मिलेगा यह कई बड़े अधिकारियों की तरफ से साफ निर्देश दिए गए हैं। जहां तक इस तरह के किसी भी मामले की बात है उसको हमेशा गंभीर तरीके से उसको संज्ञान में लेकर जो भी देश के हित में होगा वह सरकार की तरफ से उस पर संज्ञान जरूर लिया जाएगा।
इस मामले पर BJP सांसद वरुण गांधी ने क्या -कहा?
इस गंभीर मामले पर बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा कि, आजादी की 75 वर्षगांठ का उत्सव गरीबों पर ही बोझ बन जाय तो यह हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगाl राशन कार्ड धारकों को यह तिरंगा खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है या उसके बदले उनकी हिस्से का राशन काटा जा रहा है, हर भारतीय के हृदय में बसने वाले तिरंगे की कीमत किसी भी गरीब भारतीय का निवाला छीन कर वसूलना हमारे लिए बहुत ही शर्मनाक की बात है।