डेंगू , मलेरिया. चिकनगुनिया के लिए 100% नेचुरल औषधि है गिलोय ! प्लेटलेट्स को बढ़ाने के साथ-साथ बुखार को जड़ से खत्म करने की है बेजोड़ आयुर्वैदिक संजीवनी:-

अक्सर कर बरसात के मौसम में कई जगह पानी इकट्ठा हो जाने की वजह से हर साल डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया के मच्छर पनपना लगते हैं और इसे हर साल लगभग 5 लाख से भी ज्यादा लोग सिर्फ दिल्ली जैसे शहरों में संक्रमित होते हैं और उनमें से कई ऐसे भी होते हैं जिनको डेंगू जैसे भयंकर भी बुखार की वजह से उन्हें कई मुश्किल कठिनाइयां का सामना करना पड़ता है और कई ऐसे मामले होते हैं जिनमें डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया से प्रभावित मरीज को अपनी जान तक जवानी पड़ती है ।

लेकिन प्रकृति में एक से एक बढ़कर ऐसे प्राकृतिक वनस्पतियां मौजूद है जो की भयंकर से भयंकर वायरल इंफेक्शन बुखार से लेकर डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया जैसे गंभीर बुखार को कम करने और शेयर में प्लेटलेट्स और अन्य पोषक तत्वों को बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।

इन्हीं में से जो डेंगू ,चिकनगुनिया और मलेरिया में सबसे कारगर  प्राकृतिक औषधि है उसका नाम है गिलोय जो की अपनी प्राकृतिक शक्तियों और इसमें पाए जाने वाले कई प्रकार की बैक्टीरियल  और कई प्रकार की सूचना एंटीऑक्सीडेंट तत्वों जो की अक्सर कर बुखार के समय प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मददगार होती है इनकी वजह से यह गंभीर से गंभीर डेंगू जैसे बुखार को भी कंट्रोल करके बुखार को जड़ से खत्म करने में अब तक की वैज्ञानिक कसौटियों पर ख री  उतरने वाली सबसे चमत्कारिक औषधि है ।

गिलोय की पत्तियों  में पाए जाने वाले सूक्ष्म एंटीऑक्सीडेंट तत्व और प्रमुख विटामिन:-

गिलोय की पत्तियों में यदि विटामिन की बात करें तो इसमें प्रमुख रूप से (विटामिन- ए.  विटामिन- बी विटामिन- ई ) जैसे प्रमुख विटामिन पाए जाते हैं इसके साथ-साथ गिलोय में प्रचुर मात्रा में आयरन फास्फोरस कॉपर कैल्शियम और जिंक की मात्रा भी पाई जाती है जिससे कि यह हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाने के साथ-साथ ब्लड सर्कुलेशन को नियंत्रित रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसके साथ-साथ गिलोय की पत्तियों में तीनों स्पेन पोमेरेनियन और तीनों स्पोरिक एसिड जैसे प्रमुख तत्व पाए जाते हैं जो की स्वाइन फ्लू और डेंगू मलेरिया जैसे गंभीर बीमारियों में इन्हें नियंत्रित करके जड़ से खत्म करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।

डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया जैसे बुखार से छुटकारा पाने के लिए गिलोय की पत्तियों का सेवन कैसे करें?

यदि आप भी इस मानसून मौसम में डेंगू चिकनगुनिया या फिर किसी अन्य वायरल बुखार से ग्रसित हो गए हैं तो आपको आपके आसपास मौजूद गिलोय की पत्तियां को प्रतिदिन एक पत्ती लगातार तीन से चार दिन इसका खाली पेट सुबह के समय सेवन करना है इसको खाने के बाद आपको कोई भी फास्ट फूड का सेवन नहीं करना है गिलोय की पत्तियों में कई प्रकार की सूचना एंटीऑक्सीडेंट तत्व और कई प्रकार की वायरस को खत्म करने की सूक्ष्म योगिक गुण होते हैं जिसकी वजह से यह शरीर में तेजी से घट रहे प्लेटलेट को नियंत्रित करके उसको बढ़ाने में मददगार होती है और खतरनाक बैक्टीरिया वायरस को खत्म करके शरीर में मौजूद टॉक्सिंस को निकाल कर खून को साफ करती है और बैक्टीरिया को खत्म करती है इसके साथ-साथ यह शरीर को गंभीर से गंभीर बुखार को जड़ से खत्म करके शरीर को हष्ट पुष्ट निरोगी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।

गिलोय की पत्तियों को खाने से शरीर को होने वाले पांच महत्वपूर्ण फायदे:-

1 – गिलोय की पत्तियों को प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में दो से चार दिन खाने से शरीर में मौजूद कई प्रकार के खतरनाक वायरस जड़ से खत्म हो जाते हैं और यह वायरल इंफेक्शन और हल्के-फुल्के बुखार को पूरी तरह से जड़ से खत्म करके शरीर को निरोगी बनाते हैं ।

2- गिलोय की पत्तियों को मात्र 4  से 5 दिन लगातार सुबह खाली पेट खाने से यह शरीर में मौजूद खून को साफ करने और शरीर के अंदर मौजूद टॉक्सिन को बाहर निकलने में भी बेहद मददगार होती है इसका सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि जो लोग किसी अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित है वह अपने एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह से ही गिलोय की पत्तियों का सेवन करें अन्यथा ना करें ।

3-  गिलोय की पत्तियों का सेवन करने से शरीर में अनावश्यक फैट चर्बी कम होती है जिससे कि जो लोग मोटापे की समस्या से विकसित है उनको अपने शरीर को स्लिम पतला बनाने में गिलोय की पत्तियां बेहद मददगार होती है ।

4 – गिलोय की पत्तियों का सेवन करने से इसमें पाए जाने वाले विटामिन ए और विटामिन सी की वजह से आंखों की रोशनी तेज होती है वही मानसून और बारिश के मौसम में शरीर की त्वचा पर पड़ने वाले फोड़े फुंसियों से भी छुटकारा मिल जाता है इसलिए प्राचीन आयुर्वेद कल से लेकर वर्तमान समय में भी गिलोय की महत्व को समझते ही लोग इसका सेवन आज भी करते हैं ।

5- गिलोय की पत्तियों का सेवन थोड़ी मात्रा में करने से यह किसी भी प्रकार से शरीर को नुकसान नहीं पहुंचता है वही जिन लोगों को पेट में एसिडिटी कब्ज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या है उनके लिए भी गिलोय की पत्तियां किसी रामबाण औषधि से काम नहीं है लेकिन जरूर यह है कि लोग अपने एक्सपर्ट और अपने आयुर्वेद की जानकारी डॉक्टर की सलाह परामर्श के आधार पर ही गिलोय की पत्तियों का सेवन करें जिससे कि इसके चमत्कारिक फायदा का लाभ वह हमेशा उठा सके ।

डिस्क्लेमर:- 

गिलोय जो की एक प्राकृतिक औषधि वनस्पति पौधा है इसमें कई प्रकार की सूचना एंटीऑक्सीडेंट तत्वों के साथ-साथ इसमें कई प्रकार के विटामिन और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं वहीं हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक बड़े रिसर्च में यह पाया गया है कि इसमें इतनी ज्यादा कार्य के एंटी ऑक्सीडेंट तत्व और कई प्रकार के अन्य सूक्ष्म यौगिक तत्व पाए गए हैं जो की शरीर को निरोगी और कई प्रकार की वायरल इंफेक्शन से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं लेकिन यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि सी सलाह परामर्श लेने के बाद ही गिलोय की पत्तियों का सेवन करना चाहिए जिससे कि उन्हें इसका उचित लाभ प्राप्त हो सके यहां पर यह जानकारी केवल सामान जानकारी के आधार पर साझा की जा रही है इसे अमल में लाने से पहले अपने एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।

 

 

 

 

 

 

 

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