बरसाना की लठमार होली 2023:
भारत में हर वर्ष फागुन महीने में होली का त्यौहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है और हो भी क्यों ना यह त्यौहार ना सिर्फ केवल भारत में बल्कि विश्व भर के कोने-कोने में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। भारत की सबसे लोकप्रिय और विश्व प्रसिद्ध बरसाना की लट्ठमार होली की अपनी अलग ही पहचान है जो बरसाना और नंद गांव के लोगों द्वारा कुछ इस जज्बे और विश्वास के साथ मनाया जाता है कि लोग एक दृश्य झलक भर पाने के लिए लालायित रहते हैं।
मथुरा वृंदावन के बरसाना और नंद गांव में होली का पर्व आते ही चारों तरफ आपको रंग-बिरंगे परिधान में अबीर गुलाल से सराबोर लोग होली का पर्व मनाते हुए नजर आएंगे लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यहां पर यह है कि बरसाना में लठमार होली से पहले नगर और मंदिरों में समाज होली के गीतों के गायन के साथ-साथ गुलाल के साथ होली खेलते हुए यहां का दृश्य अपने आप में अद्भुत होता है।
भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय मथुरा बरसाने की लठमार होली का अपना ही कुछ अलग महत्व है लोगों के मन में अक्सर कई प्रकार के प्रश्न होते हैं कि क्या एक दूसरे को लाठी-डंडों से मारपीट कर यह होली मनाई जाती है तो यह आपकी सोच बिल्कुल सही है लेकिन यहां पर राधा कृष्ण के प्रेम में सराबोर बरसाना और नंद गांव के लोगों का जब आमना सामना होता है तो वह एक दूसरे पर रंग अबीर गुलाल लगाते हैं और नंदगांव से चलकर बरसाने की 30 मिनट की पैदल यात्रा में जो भी हुड़दंग ई हुरिया रे मिलते हैं उन्हें लाठियों से अपने से दूर भगाने का प्रयास करते हैं जिसे लठमार होली का नाम दिया जाता है। नंद गांव से लेकर बरसाना तक के बीच की इस पैदल यात्रा में वह मनमोहक और अनुपम दृश्य भी देखने को मिलता है जहां पर अबीर गुलाल और कई प्रकार के रंगों में सराबोर लोग नजर आते हैं और एक दूसरे पर रंग लगाते हैं। इसके साथ साथ जब लोग नंद गांव से बरसाना के लिए निकलते हैं तो रास्ते में श्री कृष्ण मंदिर संकेत में राधा रमण को साथ चलने के लिए भी वह कहते हैं यहां की प्रथा परंपरा अपने आप में एक अनूठी इसलिए भी है कि प्रेम बिहारी के दर्शन के लिए लोगों को बरसाने आने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
यहां पर सभी लोग भक्ति में लीन श्रीजी मंदिर में कृष्ण और राधा को प्रेम पूर्वक अबीर गुलाल अर्पित करते हैं और एक दूसरे के साथ रंग में सराबोर हो जाते हैं यहां का नजारा कुछ अद्भुत होता है लोग बीच गलियों में हुड़दंग मचाते हैं और जिसमें उनकी पोटली तक खुल जाती है जिसका वर्णन अतुलनीय होता है। यहां रंगों की वर्षा के बीच में लोक नृत्य और संगीत गाते हुए नजर आते हैं जिसमें यहां का प्रसिद्ध गीत
( ब्रज जग को भा गया है )
आज तुम्हारी बारी है हमने हार स्वीकारी है,
जैसे मनभावन गीत सुनने को मिलते हैं इसके साथ-साथ हरियाराने हरियारों पर लाठियां बरसाती हैंl
बरसाना में खेली जाने वाली इस विशेष प्रकार की लठमार होली के बाद नंद गांव के लोग यह कहते हैं कि कल हमारी बारी है अब नंदगांव में होली की तैयारी हैl कल मोरे गांव नंद गांव आईयो, जैसे मनमोहक होली के रंगों के बीच मथुरा नगरी होली के त्यौहार में सराबोर हो जाती है।