बादाम-केसर से भी ज्यादा ताकतवर है! यह अद्भुत जलीय पौधे का पत्ता:-
भारत में आज भी कई ऐसी दुर्लभ वनस्पतियां पेड़ पौधों के पत्ते मौजूद है जिनके बारे में लोगों को सही जानकारी न होने की वजह से वह इनसे होने वाले फायदे के बारे में अक्सर अनजान रहते हैं।
प्राचीन भारतीय सभ्यता संस्कृति में वनस्पति विज्ञान और आयुर्वेद को सबसे ज्यादा महत्व दी गई, इसके पीछे कोई और वजह नहीं बल्कि पेड़ पौधों की जड़ों छालों उनकी पत्तियों में पाए जाने वाले विशेष प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट तत्व विटामिन मिनरल्स खनिज पदार्थ और कई प्रकार की सूक्ष्म योग तत्वों की वजह से यह विशेष कर कई गंभीर बीमारियों में बेहद लाभदायक सिद्ध औषधि के रूप में प्रयोग होते आ रहे हैं। आज भी कई ऐसी गंभीर बीमारियां चाहे वह कैंसर हो या फिर ब्लड प्रेशर किडनी रोग हो या फिर, शरीर में, हीमोग्लोबिन की कमी, या फिर किसी अन्य प्रकार की खास विटामिन की कमी जिससे कि शरीर हमेशा कमजोर पड़ता जाता है और व्यक्ति गंभीर बीमारी की चपेट में आकर असहाय और समर्थ अवस्था में अपने आप को इन बीमारियों से छुटकारा पानी के लिए इन्हीं औषधीय का सहारा पहले लेता था लेकिन वर्तमान समय में कई प्रकार की एंटीबायोटिक दवाइयां और पैथोलॉजी इलाज की वजह से इन प्राचीन आयुर्वेद पद्धति को लोग धीरे-धीरे भूलते जा रहे हैं। लेकिन इन्हीं प्राचीन आयुर्वेद पद्धति से आज भी जो एंटीबायोटिक दवाइयां बनाई जाती हैं वह सभी मरीजों तक पहुंचती है क्योंकि इन्हीं पेड़ पौधों की पत्तियां छालों और इनसे मिलने वाले दूध और कंपाउंड योग का निरीक्षण परीक्षण करके आज वर्तमान समय में भी इसका प्रयोग किसी न किसी रूप में आज भी होता आ रहा है।
आज हम जिस महत्वपूर्ण जड़ी बूटी और प्रकृति में पाई जाने वाली सबसे ज्यादा कीमती औषधि की बात करने जा रहे हैं उसका नाम जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे क्योंकि इसे अपने अक्सर कर अपने आसपास के तालाबों में देखा होगा लेकिन इसके फायदे के बारे में आज तक अनजान, होने की वजह से इसको हम अक्सर कर नजर अंदाज करते आ रहे थे लेकिन तालाब में पाई जाने वाली इस जलकुंभी वनस्पति पौधे की विशेषता और इसमें पाए जाने वाले सूक्ष्म यौगिक तत्व विटामिन मिनरल्स खनिज पदार्थ और अन्य प्रकार के वायरस को खत्म करने की क्षमता वाले इस पौधे की खूबियों को जानकर आप भी आश्चर्यचकित हो जाएंगे।
जलकुंभी एक जलीय औषधि पौधा है जिससे कई प्रकार की एंटीबायोटिक दवाई बनाई जाती हैं:-
भारत में जलकुंभी का पौधा तालाबों, शांत पड़ी हुई छोटी नदियों के , साथ-साथ छोटी नहरे में अक्सर देखने को मिल जाता है, जलकुंभी एक जाल औषधि पौधा है जिसमें कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट तत्व और इसमें प्रमुख रूप से विटामिन ए, विटामिन ई, विटामिन,के -Kविटामिन-D, [डी] जैसे प्रमुख तत्व पाए जाते हैं इसके साथ-साथ जलकुंभी में हाई ब्लड प्रेशर उच्च रक्तचाप मधुमेह डायबिटीज जैसी बीमारियों को कंट्रोल करने की पूरी क्षमता होती है बस जरूरत है इस बेहद उपयोगी औषधीय पौधों से होने वाले लाभों और इसको दैनिक जीवन में उपयोग करने की सही विधि जानने की जिसका वर्णन आयुर्वेद विज्ञान में पूरी तरह से किया गया है।
जलकुंभी से होने वाले फायदे:-
इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग बनाने में बेहद मददगार
जलकुंभी की पत्तियों में कई प्रकार के विटामिन मौजूद होते हैं इसके साथ-साथ इसमें कई प्रकार के खनिज लवण, और कई प्रकार के वायरस को पूरी तरह से खत्म करने की क्षमता इसमें पाई जाती है, यही वजह है कि जो लोग जलकुंभी के पत्तों से बनी हुई आयुर्वेदिक औषधियां को अपने चिकित्सक के परामर्श के अनुसार इसका सेवन करते हैं उन्हें प्राकृतिक रूप से शरीर को अंदर से स्ट्रांग बनाने और इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
अस्थमा रोगियों के लिए बेहद लाभदायक:-
भारतीय आयुर्वेद विज्ञान में अक्षर कर हमें जलकुंभी से जुड़े हुए, कई महत्वपूर्ण फायदाओं के बारे में जानकारी मिल जाती है जिसमें अस्थमा के रोगियों के लिए भी इसे बेहद लाभदायक और उपयोगी बनाया बताया गया है, लेकिन यहां पर यह सबसे महत्वपूर्ण ध्यान देने वाली बात है कि जो भी लोग इस प्रकार की गंभीर बीमारी से ग्रसित है उन्हें आयुर्वेद के एक्सपर्ट डॉक्टर के परामर्श और उनकी सलाह के अनुसार ही जलकुंभी के पौधे पत्तियों और फूलों का सेवन इस प्रकार की गंभीर बीमारी में उन्हीं के परामर्श के अनुसार उचित मात्रा में करना लाभदायक सिद्ध होगा।
हाई -ब्लड प्रेशर उच्च रक्तचाप के लिए रामबाण:-
उच्च रक्तचाप और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से पूरी तरह निजात दिलाने में जलकुंभी का पौधा और इसकी पत्तियां बेहद कारगर सिद्ध होती हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियां का उपयोग करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर या इसके एक्सपर्ट जानकारी की सलाह के अनुसार ही इसका सेवन करना बेहद लाभदायक और उपयोगी सिद्ध होगा इसलिए, जलकुंभी के पौधे का हाई ब्लड प्रेशर उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों में इलाज करने के लिए एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसका उपयोग करें अन्यथा नहीं।
शरीर को अंदर से स्ट्रांग और निरोगी बनाने में बेहद उपयोगी:-
जलकुंभी की पत्तियों में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट एंटी बैक्टीरिया, को पूरी तरह से खत्म करने के गुण पाए जाते हैं वहीं इसमें कई प्रकार के विटामिंस मिनरल्स खनिज पदार्थ और कई अन्य खतरनाक वायरस को पूरी तरह से खत्म करने के सूचना योगी गुण पाए जाते हैं इसलिए यह शरीर को अंदर से स्ट्रांग और निरोगी बनाने में बेहद मददगार साबित होता है।
मधुमेह और डायबिटीज के रोगियों के लिए बेहद उपयोगी:-
जिन लोगों को मधुमेह या फिर वह डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित है उन्हें आयुर्वेद के एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह में जलकुंभी के पत्ते और इसके जड़ों को उन्हीं के मार्गदर्शन और बताए गए खुराक के अनुसार इसका सेवन करना उचित होगा और यह कोई कही कही बातें नहीं है, प्राचीन भारतीय आयुर्वेद विज्ञान में जलकुंभी के पत्तों से लेकर इसके तनु और इसकी जड़ों के भी विशेष फायदे माध्यमिक डायबिटीज के रोगियों के लिए बताए गए हैं लेकिन ध्यान देने वाली बात यहां पर यह है कि इस प्रकार के रोगियों को आयुर्वेद के एक्सपर्ट डॉक्टर की देखरेख में ही इस प्रकार का इलाज करना लाभदायक सिद्ध होगा अन्यथा जिन लोगों को जलकुंभी के पत्तों का सेवन करने की सही जानकारी नहीं है वह इसका प्रयोग करने से उन्हें बचाना चाहिए।
डिस्क्लेमर:-
जलकुंभी का पौधा और इसकी पत्तियां फूलों सभी में कई प्रकार के विटामिन एंटीऑक्सीडेंट तत्व खनिज पदार्थ इसमें भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। लेकिन अक्सर करिया देखा गया है कि कई लोग बिना किसी डॉक्टर एक्सपर्ट की सलाह के इस प्रकार के औषधीय पौधों की सही जानकारी ना होते हुए भी इनका इस्तेमाल गलत तरीके से करने लगते हैं जिसका साइड इफेक्ट उनके शरीर पर पड़ता है इससे बचने के लिए कृपया पाठक गानों से विशेष अनुरोध है कि वह इस प्रकार की वनस्पति वाले पेड़ पौधों पत्तियों और जलीय पौधों का उपयोग अपने शरीर को स्वस्थ और निरोगी बनाने के लिए करने के लिए अपने एक्सपर्ट डॉक्टर और आयुर्वेद के विशेषज्ञों की सलाह पहले जरूर ले।