रामायण हिंदू धर्म का सबसे प्रमुख धर्म ग्रंथ माना जाता है। त्रेता युग में भगवान श्री राम का अवतार विष्णु भगवान को इसलिए लेना पड़ा क्योंकि धरती पर रावण के आतंक बढ़ते ही जा रहे थे और पूरी धरती अत्याचार अन्याय असत्य से पूरी तरह ग्रसित हो गई थी। इस धरती को पहले जैसा हरा भरा और लोगों के मन में बैठे हुए भय चिंता और उनकी पीड़ा को दूर करने के लिए भगवान विष्णु ने राजा दशरथ के घर श्री राम के रूप में जन्म लेकर ना सिर्फ बुराई पर अच्छाई की विजय रावण को मारकर कराई बल्कि संपूर्ण धरती पर हाय अंधकार रूपी असत्य चिंता भय सभी प्रकार के कष्टों को दूर करके संपूर्ण मानव सभ्यता और प्रकृति को फिर से खुशहाल हरा भरा बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आप लोगों ने तो रामायण देखा होगा लेकिन क्या आपने कभी सोचा होगा कि रामायण का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल जिनका पूरा जीवन इस किरदार को निभाने के बाद बदल गया लोग उनको राम के स्वरूप ईश्वर के रूप में मानने लगे। इतना ही नहीं यदि कोई बड़ा यज्ञ अनुष्ठान यदि किसी भी प्रकार का पूजा पाठ किया जाता है तो आज भी लोग श्री राम के रूप में उनके फोटो को मंदिरों में घरों में सभी तीर्थ स्थानों में आप पा जाएंगे क्योंकि लोगों की अटूट आस्था और श्रीराम पर इतना विश्वास आज भी लोगों के दिलों दहन में छाया हुआ है और यह आने वाले समय में भी लोगों के ऊपर अपनी गहरी छाप छोड़ता रहेगा।
यदि बात की जाए अरुण गोयल जी की तो उन्होंने अपना अब अभिनय रामायण के अलावा भी फिल्म इंडस्ट्री मैं भी किया है जिसमें उनको काफी कम सफलता मिली उन्होंने जुदाई और हथकड़ी जैसी फिल्मों में अपना किरदार निभाया लेकिन उनको उतनी ज्यादा प्रसिद्धि नहीं मिल पाई जितना कि लोग उन्हें रामायण में श्री राम के रूप में आज भी अपने इष्ट देव के रूप में उनको साक्षात ईश्वर का रूप मानते हैं। इतना ही नहीं अरुण गोयल जी ने विक्रम बेताल जैसे सीरियल नाटक में भी बखूबी काम किया था जिसमें उनका प्रमुख रोल विक्रमादित्य का रहा था।
अरुण गोयल जी का भी जीवन आम इंसान की तरह पहले वह अपने माता और पिता के साथ अपने गांव में एक सामान्य व्यक्ति की तरह रहते थे। लेकिन लोगों और जन-जन तक श्री राम का आदर्श जीवन और उनके द्वारा किए गए महान कार्यों को लोगों तक पहुंचाने के लिए रामायण को प्रमुख रूप से टेलीविजन के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने के लिए अध्यात्म से जुड़े हुए प्रमुख रामानंद सागर द्वारा बनाई गई रामायण मैं उन्हें कई किरदारों की कड़ी परीक्षा लेने के बाद आखिर बाद में उनको सेलेक्ट किया गया और उन्होंने रामायण में श्रीराम की ऐसी भूमिका निभाई कि लोगों के दिलों जहन में उनके श्री रामस्वरूप का आज भी दर्शन लोग करते हैं और भारत ही नहीं विश्व के कोने-कोने में आप जहां भी पूछोगे श्री राम की इनकी छवि को लोग भी नहीं छोटे बच्चे भी आसानी से आप को पहचान कर बता देंगे कि यह श्री राम हैं जो कि अयोध्या में राजा दशरथ के सबसे बड़े पुत्र थे जिन्होंने रावण जैसे अहंकारी राक्षस का अंत करके संपूर्ण पृथ्वी को अत्याचार अन्याय असत्य की रक्षा करके धरती पर फैले अत्याचार को पूरी तरह से मिटा कर लोगों के जीवन में खुशहाली और सौहार्द हर्षोल्लास भरकर आज तक वह लोगों के दिलों में अपनी छाप छोड़े हुए हैं।
वर्तमान समय में अरुण गोयल जी मुंबई मैं अपने घर पर शांति और चयन भरा जीवन जी रहे हैं। उनका कई बार इंटरव्यू भी लिया गया जिसमें उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने अध्यात्म रामायण का किरदार श्री राम के रूप में निभाया है उनके जीवन में खुद कई बड़े परिवर्तन देखने को मिले हैं। लोगों के बीच अटूट आस्था से जाने जाने के कारण खुद उनका अध्यात्म में बहुत बड़ा रोल वर्तमान समय में भी रहा है और उनका मानना है कि इस सृष्टि को नियंत्रित करने के लिए एक परम सकता है जो कि इस को नियंत्रित किए हुए हैं और जब जब धरती पर अत्याचार अधर्म बढ़ जाता है तो उसको नियंत्रित करने के लिए भगवान को स्वयं किसी न किसी रूप में अवतार लेकर उसको पूरी तरह खत्म करके प्रकृति और मानव सभ्यता की रक्षा स्वयं भगवान करते हैं।