सिंघाड़ा (Water Nut) खाने के फायदे ! एकमात्र दुनिया का ऐसा फल जो पानी के अंदर उगता है:-
सिंघाड़ा जिसे हम अंग्रेजी में (Water Nut) वाटर नट के नाम से भी जानते हैं। भारत में प्राचीन सभ्यता संस्कृति से लेकर वर्तमान समय में भी सिंघाड़े के महत्व को आज भी उतना ही महत्व और उपयोगी समझा जाता है जितना की प्राचीन समय में। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह भी है कि सिंघाड़े में कई प्रकार की औषधि गुण के साथ-साथ इसे भारतीय वृत्त पूजा, के रूप में सबसे शुद्ध फलों में से एक इसे माना जाता रहा है। सिंघाड़े में जहां कई प्रकार के विटामिन खनिज पदार्थ एंटीऑक्सीडेंट तत्व, और कई सूक्ष्म यौगिक तत्व पाए जाते हैं जो कि कई प्रकार की गंभीर बीमारियों को जड़ से खत्म करने में किसी रामबाण औषधि से काम नहीं है यही वजह है कि आज भी सिंघाड़े की महत्व को समझते हुए भारतीय सभ्यता संस्कृति में ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्र में आज भी सिंघाड़े को सबसे प्रमुख फलों में प्राथमिकता दी जाती है, और जैसे ही सितंबर-अक्टूबर का महीना शुरू होता है यह फल जो की पानी के अंदर उगता है इसकी पैदावार बड़ी मात्रा में भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों और बड़े-बड़े झीलों में इसका बड़ी मात्रा में उत्पादन किया जाता है, जो कि भारत के साथ-साथ अन्य कई देश में इसे निर्यात भी किया जाता है क्योंकि एक तरफ जहां सिंघाड़े के कच्चे फल का सेवन इसे एक फल के रूप में खाने के लिए किया जाता है वहीं दूसरी तरफ पके हुए सिंघाड़े को सुखाकर इसका आटा, बनाकर इसे व्रत पूजा, मैं भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
इतना ही नहीं सिंघाड़े के आते को जिसे कुट्टू का आटा के नाम से भी जाना जाता है इसे भारत के अलावा कई अन्य देशों जैसे श्रीलंका, अफगानिस्तान, अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, जैसे प्रमुख देशों में निर्यात भी किया जाता है क्योंकि वर्तमान समय में इन देशों में भारतीय सभ्यता संस्कृति व्रत पूजा विधान में आस्था रखने वाले लोग इन बड़े देशों में मौजूद है जहां पर वह अपनी भारतीय सभ्यता संस्कृति से जुड़े हुए व्यंजन पकवानों और कई प्रकार के फलों का सेवन आज भी बड़ी मात्रा में करते हैं।
सिंघाड़े में पाए जाने वाले विटामिन और पोषक तत्व:-
सिंघाड़े में प्रमुख रूप से विटामिन-A ए, भरपूर मात्रा में पाया जाता है वहीं इसमें विटामिन सी भी पाया जाता है जो की स्कर्वी जैसे भयंकर रोगों के लिए बेहद ही लाभदायक और उपयोगी फल होता है। सिंघाड़े के फल में मौजूद इन्हीं विटामिन की वजह से आज वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्र में सिंघाड़े को बड़े चाव से लोग खाना पसंद करते हैं क्योंकि एक तरफ जहां यह रतौंधी जैसे भयंकर रोगों के लिए रामबाण औषधि का काम करता है तो वहीं यह शरीर में, कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट तत्व खनिज पदार्थ और इसमें पाए जाने वाले फास्फोरस, लौह अयस्क, एंटीफंगस और एंटीबैक्टीरियल गुना से युक्त होने की वजह से यह कई प्रकार के हानिकारक वायरस को पूरी तरह से खत्म करके शरीर को निरोगी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सिंघाड़े में मौजूद कई प्रकार के विटामिन मिनरल्स खनिज पदार्थ की वजह से यह शरीर को अंदर से स्ट्रांग बनता है और शरीर को फुर्तीला, बलवान और निरोगी बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सिंघाड़ा खाने के फायदे:-
रतौंधी जैसे भयंकर रोग में लाभदायक:-
सिंघाड़ा एकमात्र ऐसा फल है जो की पानी के अंदर उगता है। प्रकृति में एक से एक बढ़कर फल पाए जाते हैं जो की अक्सर कर पेड़ों, छोटे-छोटे पौधों और लताओं में उगते फलते फूलते और पकते हैं लेकिन विश्व में एक मात्र ऐसा फल सिंघाड़ा ही है जो की पानी के अंदर फलता फूलता और पकता है। इन्हीं सब गुना के कारण सिंघाड़ा में कई अनोखी प्रकार की खूबियां पाई जाती हैं जो कि इसे अन्य फलों की अपेक्षा सबसे अलग बनाती हैं सिंघाड़े में प्रमुख रूप से विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो की रतौंधी रोग जिसमें व्यक्ति को रात के समय में कुछ दिखाई नहीं पड़ता इस भयंकर रोग में भी सिंघाड़ा किसी चमत्कारिक संजीवनी बूटी से काम नहीं है जो लोग सिंघाड़े का सेवन करते हैं वह रतौंधी जैसे भयंकर रोगों से भी छुटकारा पा जाते हैं अक्सर का डॉक्टर इस तरह के मरीजों को सिंघाड़े फल का सेवन करने की सलाह देते हैं।
चेहरे को सुंदर और गोरा बनाने में सहायक
सिंघाड़े में प्रमुख रूप से अंतिम फंगस और एंटीबैक्टीरियल तत्वों की भरपूर मौजूदगी होती है जो कि शरीर की बाहरी त्वचा को मुलायम चमकदार और गोरा बनाने में बेहद मददगार साबित होते हैं यही वजह है कि जो लोग सिंघाड़े का प्रतिदिन सेवन करते हैं उनका चेहरा सुंदर और गोरा बनता है वही सिंघाड़े में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो की शरीर की बाहरी स्क्रीन त्वचा परत के लिए बेहद लाभदायक होती है यह शरीर की त्वचा की ऊपरी परत को किसी भी प्रकार के एंटी फंगल इंफेक्शन से बचाए रखने में बेहद मददगार साबित होती हैं
स्कर्वी रोग में बेहद लाभदायक:-
अक्सर कर अपने भी सुना होगा कि विटामिन सी की कमी के कारण लोगों को स्कर्वी रोग हो जाता है, जो लोग सिंघाड़े का सेवन अपने दैनिक आहार में करते हैं उनमें स्कर्वी रोग के यदि शुरुआती लक्षण है तो यह भयंकर रूप भी पूरी तरह से खत्म हो जाता है और व्यक्ति अपने आप को निरोगी, स्वस्थ बनाएं रख पाता है यही वजह है कि अक्सर कर ग्रामीण क्षेत्रों में जो लोग सिंघाड़े का सेवन करते हैं उनमें इस तरह के स्कर्वी रोग बेहद कम मात्रा में या फिर ना के बराबर देखने को मिलते हैं।
लो -ब्लड प्रेशर और हाई- ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक:-
सिंघाड़े का सेवन करने से उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं पूरी तरह से खत्म हो जाती है क्योंकि सिंघाड़े में खून को सामान्य संतुलन अवस्था में बनाए रखने के लिए इसमें कई प्रकार के एंजाइम एंटीबायोटिक और अंतिम एक्सीडेंट तत्व मौजूद होते हैं जिसकी वजह से यह खून की प्लेटलेट्स और खून के सामान्य स्तर को बनाए रखने में बेहद मददगार साबित होता है जिससे कि उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं पूरी तरह से खत्म हो जाती हैं।
हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में सहायक:-
कच्चे सिंघाड़े में प्रमुख रूप से कई प्रकार के एंटीबायोटिक और एंटीऑक्सीडेंट तत्व के साथ-साथ इसमें प्रमुख रूप से विटामिन ए और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है इसके साथ-साथ इसमें विटामिन डी की भी मत उचित मात्रा पाई जाती है जो की हड्डियों को अंदर से स्ट्रांग बनाए रखने में बेहद मददगार होती है। इसके साथ-साथ कच्चे सिंघाड़े में लाल -रक्त कणिकाओं को उत्पन्न करने वाले प्रमुख यौगिक तत्व और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं, जिससे कि हीमोग्लोबिन की मात्रा धीरे-धीरे शरीर में बढ़ती है जिससे कि लोगों में प्रमुख रूप से होने वाला पीलिया जैसे भयंकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रदान करने और शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने के साथ-साथ यह फल किसी रामबाण औषधि से काम नहीं है।
मोटापे को दूर करने में बेहद लाभदायक और उपयोगी:-
सिंघाड़े में प्रचुर मात्रा में कई प्रकार के खनिज, पदार्थ पाए जाते हैं इसके साथ-साथ इसमें बेहद कम मात्रा में फैट पाया जाता है, सिंघाड़े के सूखे फलों से बनाया गया आता जिसे कुट्टू का आटा के नाम से भी जाना जाता है इससे बनी रोटियां खाने से शरीर (स्लिम) पतला बनता है, यही वजह है कि आज शहरी क्षेत्र में कुट्टू के आटे का सेवन मोटापा दूर करने के लिए लोग अक्सर कर सेवन करते नजर आते हैं जिससे कुछ ही समय में उन्हें भारी मोटापे पन से पूरी तरह छुटकारा मिल जाता है और उनका शरीर बेहद पतला, और फुर्तीला बन जाता है।
शरीर को ऊर्जावान और अंदर से स्ट्रांग बनाने में सहायक:-
कच्चे सिंघाड़े में प्रमुख रूप से विटामिन-A ए, विटामिन-C सी, जैसे प्रमुख तत्वों के साथ-साथ इसमें प्रमुख रूप से खनिज लवण, एंटीऑक्सीडेंट तत्वों के साथ-साथ इसमें सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि शरीर को अंदर से स्ट्रांग बनाने के साथ-साथ शरीर को ऊर्जावान भी बनाते हैं जिससे कि शरीर हष्ट पुष्ट और बलवान बनता है और व्यक्ति आजीवन निरोगी बना रहता है यही वजह है कि अक्सर कर हमारे बुजुर्ग लोग सिंघाड़े से बने कई प्रकार के व्यंजन और इसके सूखे हुए फलों से बने कुत्तों के आटे का सेवन करने की सलाह देते हैं जो कि आज वर्तमान समय में भी लोगों को निरोगी और हष्ट -पुष्ट, बलवान बनाने में बेहद उपयोगी और लाभदायक सिद्ध होता हुआ दिखाई पड़ रहा है और वर्तमान समय में बढ़-चढ़कर युवा वर्ग भी अब इसके फायदों को जानते हुए ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्र में इसका बड़ी मात्रा में सेवन करने लगा है।