2023 भारत में EV इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य ! आओ जाने: भारत एक विकासशील देश है। भारत देश में लगातार बढ़ते वाहनों की वजह से भारत के बड़े-बड़े शहरों जैसे दिल्ली,मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में प्रदूषण (Pollution) का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है जिसमें सबसे बड़ी भागीदारी डीजल- पेट्रोल कारों और अन्य प्रकार के बड़े वाहनों की वजह से यह सब घटित हो रहा है। भारत को पूर्ण रूप से कार्बन- मुक्त बनाने के लिए भारत सरकार (Net zero Carbon) उत्सर्जन का लक्ष्य लेकर लगातार काम कर रही है। भारतीय परिवहन निगम लगातार कई सालों से इस दिशा में लगातार प्रयासरत है। दिल्ली जैसे बड़े शहरों में तो हर साल कार्बन की मात्रा बढ़ती जा रही है, जिसका सबसे प्रमुख कारण दिल्ली में लगातार तीव्र गति से बढ़ रहे डीजल- पेट्रोल की कारों का उपयोग होना बताया जा रहा है। भारत सरकार ने दिल्ली जैसे अति प्रदूषित शहरों और भारत के अन्य ऐसे बड़े कार्बन से प्रदूषित शहरों को चिन्हित किया है जिनमें लगातार प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है, जिसका सबसे प्रमुख कारण यदि देखा जाए तो डीजल -पेट्रोल के वाहनों की लगातार बढ़ रही संख्या के कारण ऐसा होना बताया जा रहा है।
इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने अब भारत में EV कारों यानी इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है जिसके प्रारंभिक चरणों में भारत के कई बड़े शहरों में अब इलेक्ट्रिक वाहन को सुचारू रूप से चलाने के लिए कई जगहों पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन का निर्माण किया गया है, इसके साथ-साथ कई कंपनियां इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और कुछ कंपनियां जैसे TATA, एमजी(MG), MARUTI मारुति, महिंद्रा जैसी कंपनियों ने हाल ही में EV यानी इलेक्ट्रिक कारों को सड़कों पर उतार कर परिवहन TRANSPORT क्षेत्र को कार्बन मुक्त बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने लगी है।
भारत में आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण मेक इन इंडिया (MAKE IN INDIA) के तहत भारत में ही किया जा रहा है क्योंकि भारत सरकार स्वदेशी उपकरणों पर ज्यादा भरोसा दिखा रही है ऐसे में कई बड़ी कंपनियों को भारत सरकार ने इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया है जिसका सीधा बढ़ता प्रभाव दिखाई देता नजर आ रहा है। इन प्रमुख भारतीय कंपनियों के द्वारा किए जा रहे इस प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण की वजह से यह कंपनियां अपने प्रारंभिक चरणों में भारत को पूर्ण रूप से कार्बन मुक्त बनाने की दिशा में अपना प्रमुख योगदान दे रहे हैं ।
भारत सरकार भी इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है कि भारत को वर्ष 2027 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का जो लक्ष्य रखा है उसे पूर्ण करने के लिएइ लेक्ट्रिक वाहनों के सभी पार्ट्स भारत में ही निर्मित हो जिससे कि इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या को और अधिक बढ़ाया जा सके जिससे कि भारत के प्रत्येक व्यक्ति तक इन इलेक्ट्रिक कारों, इलेक्ट्रिक BIKE का अधिकाधिक उपयोग लोग कर सके। भारत में लोगों का इलेक्ट्रिक कारों और इलेक्ट्रिक बाइकों के प्रति बढ़ता आकर्षण और इसका उपयोग आने वाले समय में एक महत्वपूर्ण क्रांतिकारी परिवर्तन की संभावना की ओर संकेत करता दिखाई पड़ रहा है।इसका लगातार बढ़ता उपयोग भारत सरकार के उज्जवल भविष्य की दिशा में अपना पहला कदम सकारात्मक और पूर्ण होता हुआ दिखाई दे रहा है।
लोगों का E.V. इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति बढ़ता रुझान:
विश्व भर के देशों के सामने आने वाले समय में पेट्रोल और डीजल जैसे प्रमुख उपयोगी तत्वों की आने वाले समय में और अधिक कमी का सामना करने को देखने को मिल सकता है, क्योंकि मांग (Demand) की ज्यादा और उत्पादन की आपूर्ति कम होने की वजह से विश्व के कई प्रमुख तेल उत्पादक देशों के द्वारा पेट्रोल- डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है , जिससे कि भारत ही नहीं विश्व के कई प्रमुख देशों को कच्चे तेलों की कमी के कारण इनसे चलने वाले वाहनों और अन्य प्रकार की इंडस्ट्री में इनकी ज्यादा मांग होने की वजह से कच्चे तेल की समस्याओं का सामना आज विश्व के सामने एक गंभीर समस्या बनी हुई है ।
इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका, जापान, चीन जैसे बड़े देशों के वैज्ञानिक अब इन पैट्रोलियम तेलों से चलने वाले इंजनों की जगह अब दूसरे अन्य विकल्प ढूंढना शुरू कर दिए हैं, जिससे कि ट्रांसपोर्ट में उपयोग होने वाले हर एक वाहनों मेंअब पूरी तरह से बदलाव करके इन्हें इलेक्ट्रिक इंजन बनाया जा रहा है इसके अलावा , 0 जीरो- कार्बन उत्सर्जन वाले वाहनों के निर्माण के लिए ग्रीन -हाइड्रोजन जैसे विकल्पों को आने वाले समय में इनको अपनाकर इन पेट्रोल -डीजल की भावी समस्याओं से पूरी तरह छुटकारा पाया जा सकता है। अब भारत ही नहीं चीन, जापान, अमेरिका ,रूस जैसे देशों ने भी अपने परिवहन संचार व्यवस्था को फ्यूचर मॉडल पर आधारित बनाने के लिए और इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोडक्शन पर जोर देना चालू कर दिया है ।
इलेक्ट्रिक चार्जिंग बैटरी को बनाया जा रहा है और अधिक बेहतर और एडवांस:
भारत मैं इलेक्ट्रिक चार्जिंग बैटरी की गुणवत्ता में लगातार सुधार हो रहा है यदि आज से 5 साल पहले की बात की जाए तो जहां भारत में बैटरी क्वालिटी प्रोडक्शन गुणवत्ता मात्र 10 % थी वह आज बढ़कर 90 % पर पहुंच गई है इसके आलावा इलेक्ट्रिक चार्जिंग सुविधा को और ज्यादा बेहतर बनाया जाना चाहिए, इसी प्रकार के कई तथ्यों का ध्यान रखते हुए जापान ,चीन और भारत जैसे देश के युवा वैज्ञानिकों के द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों इलेक्ट्रिक कारों के अलावा इलेक्ट्रिक स्कूटर इलेक्ट्रिक बसों , इलेक्ट्रिक रेल को अब इलेक्ट्रिक बैटरी से चलने वाले मॉडल पर बनाया जा रहा है।
भारत देश की प्रमुख वैज्ञानिकों के द्वारा हाल ही में इलेक्ट्रिक vehicles इंजन और इसमें लगाने वाली चार्जिंग बैटरी की गुणवत्ता में सुधार लाया गया है क्योंकि पहले की अपेक्षा लगभग 50 गुना ज्यादा बैटरी चार्जिंग की उच्च गुणवत्ता का की खोज की गई है, इसके अलावा छोटे इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर बड़े इलेक्ट्रिक वाहनों की मोटरों को चलाने के लिए पहले की अपेक्षा अब भारतीय वैज्ञानिकों ने बेहतर तकनीक खोज निकाली है ,जिससे कि आने वाले समय में भारत की सड़कों में ना सिर्फ करें दौड़ती नजर आएंगी इसके अलावा Electric- Bikes भी सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी , इसके साथ -साथ भारत में इलेक्ट्रिक बसों, इलेक्ट्रिक रेलगाड़ियों के निर्माण में भी लगातार काम जारी है और आने वाले समय में इन परिवहन साधनों का भी विस्तार होने जा रहा है, ऐसे में भारत जैसे विकासशील देश के पुनर्निर्माण में भारत में पूर्ण रूप से कार्बन मुक्त बनाने में इलेक्ट्रिक वाहनों की आने वाले समय में अहम भूमिका होने वाली है।
भारत में दिल्ली जैसे शहरों में लग रहे ईवी चार्जिंग स्टेशननो से जगी उम्मीद:
TATA MOTORS कंपनी और MG कंपनी की तरफ इलेक्ट्रिक कारों को अब पूरी तरह से लांच कर दिया गया है ,और अब तो यह CAR करें दिल्ली की सड़कों पर आपको दौड़ती नजर भी आ जाएंगी। आपको बताते चलें कि दिल्ली में हाल ही में अरविंद केजरीवाल की तरफ से दिल्ली में शुरुआती चरण में सो इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन लगाए जाने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है इनमें से दिल्ली एनसीआर में दो बड़े इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन काम भी करना शुरू कर दिए हैं।
इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग स्टेशन के मालिकों को सरकार की तरफ से मात्र ₹2 प्रति यूनिट के हिसाब से लेने की बात कही गई है जो कि औसतन पेट्रोल की अपेक्षा कई गुना सस्ता है जहां 1 लीटर पेट्रोल में कार का एवरेज 25 से 30 किलोमीटर होता है वही यदि EV (Electric Vehicles) की बात की जाए तो इसमें लगने वाला खर्च पेट्रोल की अपेक्षा लगभग 10 गुना सस्ता है यही वजह है कि लोगों में इलेक्ट्रिक कारों के प्रति बढ़ती Demand डिमांड इस बात का प्रमुख संकेत है कि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक कारों के अलावा इलेक्ट्रिक बाइक का भी खूब जलन होने वाला है दिल्ली में तो इलेक्ट्रिक बस से बसों को भी सरकार की तरफ से हरी झंडी दे दी गई है और यह अब सड़कों पर दौड़ती हुई नजर आने लगी हैं ,ऐसे में लोगों की उम्मीद और भी ज्यादा जग गई है कि यदि बड़े ट्रांसपोर्ट वाहनों को इलेक्ट्रिक बैटरी चार्जिंग सिस्टम से चलाया जा सकता है तो क्यों ना छोटे वाहनों को भी पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक कर दिया जाए जिससे कि दिल्ली जैसे प्रदूषित शहरों को पूर्ण रूप से प्रदूषण मुक्त बनाने में सफलता मिल सके।
आने वाले समय में दिल्ली के कतर मेट्रो स्टेशन के पास चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना है। अभी तक आई ताजा जानकारी के अनुसार दिल्ली की राजधानी में 400 चार्जिंग प्वाइंट्स उपलब्ध है और जल्द ही इन चार्जिंग स्टेशनों की संख्या को बढ़ाकर 900 कर दिया जाएगा इससे यह स्पष्ट होता है कि आने वाले समय में लगातार इलेक्ट्रिक वाहनों को सरकार की तरफ से बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे कि भारत में बढ़ रहे प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके इसके साथ साथ पेट्रोल डीजल से चलने वाली कारों को भी अब अपडेट किया जा रहा है जिनको मात्र थोड़ी सी कल पूर्वजों की बदली करके इनको इलेक्ट्रिक वह कल के रूप में पूर्ण रूप से परिवर्तित करके इनको भी पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों की शक्ल देने के लिए लगातार काम हो रहा है जो कि आने वाले समय में भारत को पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों से परिपूर्ण करने में अहम योगदान देने वाला है।