क्या आपने कभी सोचा है कि जो हम आज के मॉडल जमाने में जो भी इलेक्ट्रिक डिवाइस इस्तेमाल कर रहे हैं उसमें लगने वाला चिप कहां पर बनता है और इसका प्रोडक्शन कौन सी कंपनी करती है, अभी हाल ही में सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन का उत्पादन कम हो जाने की वजह से कार निर्माता कंपनियों के सीधे प्रोडक्शन के ऊपर फर्क पड़ा था इतना ही नहीं यदि टीएसएमसी कंपनी का चिप making प्रोडक्शन बंद हो जाए तो पूरे विश्व की टेक्नोलॉजी से चलने वाली छोटी मशीनरी से लेकर बड़ी मशीनरी पूरी तरह से काम करना बंद कर देंगी और इसका सीधा असर पूरी दुनिया के इलेक्ट्रिक मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट के ऊपर सीधा असर पड़ेगा जिसके चलते कोई भी देश इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे सुई से लेकर एरोप्लेन तक को उड़ाने में लगने वाला छोटा सा चिप के ना मिल पाने की वजह से पूरा सिस्टम थप्प पड़ जाएगा।
टीएसएमसी TSMC क्या है ,आओ जाने: –
T s m c यानी ताइवान सेमी कंडक्टर मैनुफैक्चरिंग कंपनी जो कि बड़ी मात्रा में कंप्यूटर का दिमाग कहीं जाने कहीं जाने वाली चिप, processor, जैसे जटिल से जटिल सामानों का प्रोडक्शन करके आज के आधुनिक समय में उपयोग होने वाले सभी प्रकार की डिवाइस जोकि कार से लेकर एरोप्लेन तक में यूज होती हैं उनका उत्पादन बड़ी मात्रा में टीएसएमसी यानी ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में ही किया जाता है जो कि ताइवान में हैl टीएसएमसी कंपनी अपने आप में विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक व्यवस्था को गति देने वाली कंपनियों में से एक है यदि इसका बाजार मूल्य देखा जाए तो इस समय यह लगभग 550 बिलियन डॉलर से अधिक का कारोबार कर रही है और सिर्फ सेमीकंडक्टर्स प्रोडक्शन से वैश्विक राजस्व का लगभग 54% हिस्सा अपने पास रखती है जो कि अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। Tsmc company एसएमसी कंपनी जापान और यूरोप में अपने सामान का का बड़ी मात्रा में उत्पादन करके निर्यात करती है जो कि इसकी अर्थव्यवस्था में लगभग 30% की हिस्सेदारी रखती है जो कि अपने आप में एक व्यापार का बहुत बड़ा कारोबार माना जाता है।
भारत का ताइवान की कंपनी टीएसएमसी TSMC के साथ सेमीकंडक्टर चिप्स का प्रोडक्शन करने के लिए व्यापार समझौते पर पूरी तरह सहमति बन गई है:-
अभी हाल ही में भारत और ताइवान की सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन चिप्स की सबसे बड़ी कंपनी TSMC के साथ बहुत बड़े निवेश पर दोनों देशों के बीच बहुत बड़ी सहमति बनी है lभारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में इस बात का निर्णय लिया गया है कि भारत भी अब सेमीकंडक्टर चिप्स का प्रोडक्शन ताइवान कंपनी के साथ मिलकर करेगा और इसके लिए तो सरकार ने यहां तक कहा है कि भारत देश का जो भी राज्य इस कंपनी के साथ मिलकर सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन चिप्स का उत्पादन करने के लिए आगे आएगा सरकार उसको 75 हजार करोड़ रूपीस के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव के तौर पर देने के लिए तैयार है। शुरू में कयास लगाए जा रहे थे कि मुंबई जो की आर्थिक और व्यापारिक दृष्टिकोण से एक बहुत बड़ा राज्य है जो कि सेमीकंडक्टर चिप्स का प्रोडक्शन करने में दिलचस्पी दिखा सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ और इस दिशा में सबसे पहला राज्य जो सामने आया है उसका नाम है गुजरात राज्य जोकि सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन चिप्स का निर्माण करने के लिए सरकार के साथ सभी पहलुओं पर बात करके इस पर पूरी तरह से मुहर लगा दी है और हाल ही में टीएसएमसी कंपनी के साथ एक लाख करोड़ रुपए का निवेश भी इस राज्य ने चिप्स प्रोडक्शन के लिए कर दिया है जो कि आने वाले समय में सेमीकंडक्टर चिप्स का प्रोडक्शन करके भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों को भी इस प्रोडक्ट का निर्यात करके भारत को विश्व के सामने एक नई अर्थव्यवस्था के रूप में लेकर सामने आने वाला है। यदि भारत ऐसा कर पाता है तो यह विश्व का सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन चिप्स का उत्पादन करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन जाएगा और इससे कई मायनों में भारत को फायदे ही फायदे होने वाले हैं जिसका आने वाले समय में प्रत्यक्ष तौर पर सामाजिक आर्थिक और वैश्विक स्तर पर भारत को एक विकसित राष्ट्र बनानेने में पूरी तरह से सही साबित होने वाला है।