- अब भारत में सभी तरह की सेवाओं के लिए एक जैसा नियम बनाने की मांग टेलीकॉम कंपनियों की तरफ से की जा रही है।
- Relianceरिलायंस की Jio और Airtel एयरटेल कंपनियों की तरफ से सरकार को टेलीकॉम सेक्टर में एक जैसे नियम लागू करने के लिए निवेदन किया गया है।
- टेलीकॉम कंपनियों जैसे व्हाट्सएप, टेलीग्राम ,सिग्नल, स्काइप जैसे OTT(Over the Top) ओटीटी और मोबाइल टेलीफोन में कोई ज्यादा फर्क नहीं है इसलिए इन सेवाओं को समान रूप से सरकार द्वारा भारत देश में लागू करना चाहिए।
Airtel एयरटेल कंपनी के चेयरमैन सुनील मित्तल और Jio जिओ कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने हाल ही में टेलीकॉम सेक्टर को समान रूप से कार्य करने जैसे नियमों को लागू करने के लिए सरकार से सिफारिश की है। जैसा कि सबको पता है कि टेलीकॉम कंपनियों को ऑपरेट करने के लिए सरकार द्वारा लाइसेंस लेना पड़ता है जोकि भारत में ऑपरेट होने वाले सभी प्रकार के ओटीटी प्लेटफार्म पर इंटरनेट के जरिए चलाए जाते हैं लेकिन इसके लिए उनको सरकार से लाइसेंस नहीं लेना पड़ता है। अभी तक ओटीटी प्लेटफॉर्म जो भारत में ऑपरेट हो रहे हैं जैसे कि व्हाट्सएप ,टेलीग्राम या फिर अन्य प्रकार की मैसेजिंग ओटीटी प्लेटफार्म उन सभी पर सरकार सरकार द्वारा किसी भी प्रकार के लाइसेंस के अनिवार्यता का नियम नहीं बनाया गया है। लेकिन टेलीकॉम कंपनियों के जरिए इन ऐप को संचालित किया जाता है जिसका पूरा खर्च टेलीकॉम कंपनियों को करना पड़ता है उसके बदले यह ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बने हुए ऐप अपना मुनाफा कमा रहे हैं लेकिन टेलीकॉम सेक्टर कंपनियों को इससे कोई फायदा नहीं हो रहा है ऐसे में l अभी व्हाट्सएप कॉल जोकि फ्री में यूजेस यूजर्स इसका उपयोग कर रहे हैं वह आने वाले समय में इसके लिए उनको सामा समान रूप से मोबाइल नंबर रिचार्ज करने जैसा पेमेंट करना पड़ सकता है क्योंकि हाल ही में दूरसंचार विभाग ने हाल ही में इंडियन टेलीकॉम बिल 2022 का ड्राफ्ट बनाकर जारी कर दिया है। इस पर टेलीकॉम सेक्टर ट्राई से 20 अक्टूबर 2022 तक सुझाव मांगा है यदि टेलीकॉम सेक्टर की तरफ से इस पर पॉजिटिव रिस्पॉन्स आता है तो हो सकता है कि आने वाले समय में सरकार द्वारा इस पर कोई नया नियम कानून बनाया जाए जिससे कि आने वाले समय में टेलीकॉम सेक्टर की कंपनियों को हो रहे इस बड़े नुकसान और ओटीटी को टेलीकॉम सेक्टर के तहत लाने का जो प्लान है उस पर भी कोई नियम यदि बन जाता है तो व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर चैट और कॉल करने जैसी सुविधाओं जो कि अभी तक फ्री हैं उनको पाने के लिए ग्राहकों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ सकती है। यदि सरकार इस तरह का कोई भी नियम कानून लेकर आती है तो इससे टेलीकॉम सेक्टर से जुड़े हुए ओटीटी प्लेटफॉर्म पर समान रूप से लोगों को समान सुविधा के लिए समान रूप से पेमेंट करनी पड़ेगी। भारती एयरटेल कंपनी ऑफिसर राहुल सैनी वत्स ने इस नए नियामक पर कानून लाने और इस पर ट्राई द्वारा विचार-विमर्श कर 20 अक्टूबर 2022 तक अपनी सुझाव देने के संबंध में खुशी जाहिर की है और इसका भरपूर समर्थन भी किया है। टेलीकॉम कंपनियों की प्रमुख द्वारा हाल ही में इस पर गंभीरता से विचार करते हुए कहा गया है कि इंटरनेट कॉलिंग और मैसेजिंग को भी टेलीकॉम कंपनियों पर लागू होने वाले नियमों की तरह समान रूप से लागू करना चाहिए और समान रूप से इसकी फीस चुकानी चाहिए। अभी तक यदि बात की जाए तो ओटीटी प्लेटफॉर्म पर चलने वाले मैसेजिंग एप या फिर फ्री कॉलिंग वाले सभी प्रकार के ऐप्स जैसे व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर किसी भी देश में ऐसा नियम कानून लागू नहीं किया गया है पर देखने वाली बात होगी कि भारत की टेलीकॉम कंपनियों के द्वारा उठाए गए सवालों पर भारत सरकार किस तरह अमल करती है और आने वाले समय में इस पर क्या नया नियम , या नया अपडेट निकल कर सामने आता है यह देखने वाली बात होगी।
OTT ओटीटी प्लेटफॉर्म का लाइसेंस के दायरे में आने से क्या क्या परिवर्तन होगा और इसका क्या असर पड़ेगा?
सरकार द्वारा यदि टेलीकॉम कंपनियों द्वारा सुझाए गए इस विषय पर यदि नया नियम कानून बनकर भारत में आ जाता है तो इससे भारत में यूज Use होने वाले Whats’apव्हाट्सएप, Telegramटेलीग्राम,Skyp स्काइप, सिग्नल जैसे सभी प्रकार के ओटीटी प्लेटफॉर्म को चलाने का खर्च बढ़ जाएगा या यूं कहें कि यदि आप व्हाट्सएप के जरिए मैसेज और कॉल करना चाहते हैं तो उसके लिए भी आपको अलग से अपनी जेब ढीली करनी पड़ सकती है जैसा कि अभी आप टेलीकॉम कंपनियों की सिम यूज करके उसको हर महीने रिचार्ज करवाते हैं ठीक उसी प्रकार ओटीटी प्लेटफॉर्म पर यह नियम भी लागू हो जाएंगे। लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि क्या टेलीकॉम कंपनियों के दिग्गजों द्वारा सुझाए गए इस विषय पर क्या सरकार वाकई में कुछ नए नियम कानून के बारे में सोचती भी है या फिर नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन यह जरूर संभव है कि आने वाले समय में इस प्रकार के ओटीटी प्लेटफॉर्म को चलाने के लिए यूजर्स के लिए कुछ नए नियम कानून आने वाले हैं जो कि यूजर्स को कुछ अलग और कुछ नया सोचने और करने पर मजबूर कर सकते हैं।
इस नियम के आ जाने से टेलीकॉम कंपनियों को क्या फायदा होगा?
यदि सरकार द्वारा ओटीटी प्लेटफॉर्म के सभी Apps ऐसा नियम कानून बन जाता है तो इन ओटीटी प्लेटफॉर्म के यूजर्स को व्हाट्सएप कॉल और मैसेज भेजने पर उनको टेलीकॉम कंपनियों की सिम की तरह ही पेमेंट करना होगा, जिसकी वजह से यह खर्च भी खर्च भी यूजर्स से वसूला जाएगा ऐसे में यूजर्स के पास एक ही विकल्प होगा या तो वह किसी और की थी प्लेटफार्म को उपयोग करके अपने दैनिक कार्य को किसी एक प्लेटफॉर्म के जरिए ऑपरेट करने के लिए बाध्य होगा चाहे वह ओटीटी प्लेटफॉर्म हो या फिर टेलीकॉम कंपनियों कि कोई भी सिम हो क्योंकि कोई भी यूजेस एक ही काम करने के लिए दो जगह समान रूप से पेमेंट नहीं करना चाहेगा। इस सामान नियम कानून के लागू हो जाने की वजह से टेलीकॉम कंपनियों के यूजर्स द्वारा टैरिफ प्लान जोकि अभी तक यूजर्स ओटीटी प्लेटफॉर्म का उपयोग करने की वजह से नहीं लेते हैं वह आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा टेलिप्लान की तरफ आकर्षित होंगे इससे ना सिर्फ केवल टेलीकॉम सेक्टर की कंपनियों को फायदा होगा बल्कि ओटीटी OTT प्लेटफॉर्म पर यूजर्स की संख्या मे समान रूप से बढ़ोतरी होगी इससे दोनों सेक्टर को समान रूप से अधिक मुनाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है।