भारत में जल्द ही आने वाली है हाइपरलूप ट्रेन रफ्तार होगी 1200 किलोमीटर प्रति घंटा :- हाइपरलूप ट्रेन का निर्माण चीन जापान और अमेरिका जैसे देशों में ट्रायल पर चल रहा है। टि्वटर के मालिक एलन मस्क ने सबसे पहले हाइपरलूप ट्रेन के स्ट्रक्चर मॉडल को बनाने का सपना देखा था और इस हाइपरलूप ट्रेन की स्पीड और रफ्तार को फ्यूचर के लिए एक बेहतरीन विकल्प बताया था। इसी प्रोजेक्ट पर कहीं अन्य देशों ने भी अपनी सहमति जताते हुए फ्यूचर में इस ट्रेन के इस्तेमाल के लिए इसके निर्माण के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
चीन जैसे देशों में तो यह अपने फाइनल स्टेज में ट्रायल के रूप में इसका निरीक्षण और परीक्षण का कार्य लगातार अपनी प्रगति पर है। भविष्य में या आने वाले कुछ सालों में बुलेट ट्रेन से भी तेज रफ्तार वाली इस हाइपरलूप ट्रेन को लांच कर कुछ चुनिंदा देशों में होड़ सी लग गई है। इन प्रमुख देशों में जापान, चीन, अमेरिका और भारत जैसा प्रमुख देश हाइपरलूप टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके अपने देश में हाइपरलूप ट्रेन चलाने के लिए अभी से कार्य करना शुरू कर दिए हैं लेकिन देखना होगा कि कौन सा देश इस लेटेस्ट एडवांस टेक्नोलॉजी को अपने देश में लॉन्च करके अपनापन लहराने में सफल हो पाता है। हाइपरलूप ट्रेन के निर्माण के लिए भारत भी अब बढ़-चढ़कर सामने आ रहा है। भारत सरकार की तरफ से भी बुलेट ट्रेन और हाइपरलूप जैसे बड़े प्रोजेक्ट के लिए हरी झंडी पहले ही दी जा चुकी है ऐसे में रेल मंत्रालय ने मद्रास आईआईटी के प्रमुख वैज्ञानिकों के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम करना भी शुरू कर दिया है।
हाल में है आई ताजा रिपोर्ट के मुताबिक हाइपरलूप ट्रेन को भारत में स्वदेशी तरीके यानी मेक इन इंडिया के तहत बनाया जाएगा और इस प्रोजेक्ट को मद्रास आईआईटी के प्रमुख वैज्ञानिकों के साथ इस पर काम किया जा रहा है।
क्या है हाइपरलूप ट्रेन निर्माण तकनीक आओ जाने?
हाइपरलूप ट्रेन निर्माण की प्रक्रिया को सबसे पहले लाने वाले टि्वटर अकाउंट की मालिक एलन मस्क जिन्होंने सबसे पहले इस फ्यूचर ड्रीम प्रोजेक्ट को बनाने का सपना देखा था इतना ही नहीं एलन मस्क में बुलेट ट्रेन की स्पीड से दोगुना स्पीड कि इस हाइपरलूप तकनीक को लाने के लिए इस प्रोजेक्ट के सभी पहलुओं पर गहनता से अध्ययन करने के बाद हाइपरलूप तकनीकी के 3D मॉडल को विश्व के सामने पेश किया था जिसको देखकर सभी ने उनकी खूब प्रशंसा भी की थी तभी से विश्व के कई देशों जैसे अमेरिका कनाडा और सऊदी अरब ने इस ड्रीम प्रोजेक्ट को अपने देश में निर्माण और गति प्रदान करने का एक बेहतर विकल्प समझ कर इस पर उसी समय से कार्य करना चालू कर दिया था जो कि अभी तक निरंतर पूर्ण होने की दिशा में संभवत दिखाई पड़ रहा है।
समय-समय पर मीडिया समाचार में भी इस हाइपरलूप ट्रेन की स्पीड और इस ड्रीम प्रोजेक्ट के कई अहम पहलुओं को दिखाया और बताया जाता रहा है। वर्तमान समय की बात करें तो बुलेट ट्रेन की सबसे ज्यादा स्पीड लगभग 600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार है जो कि जापान और चीन के पास मौजूद हैं ऐसे में इससे दोगुनी रफ्तार तक यदि पहुंचना है तो इस हाइपरलूप तकनीक के सहारे ही पहुंचा जा सकता है, क्योंकि इस हाइपरलूप तकनीक में तैयार किए गए कैप्सूल या पॉड्स का उपयोग प्रमुख रूप से होता है । ये पॉड्स पाइपों में इलेक्ट्रिक चुंबकीय प्रभाव की वजह से यह हाइपरलूप ट्रेन ट्रैक से थोड़ा ऊपर उठकर चलती है जिससे इनको ज्यादा गति मिलती है और घर्षण भी कम से कम लगता है।
पॉड्स के अंदर वेक्यूम जैसा वातावरण होता है जो कि इस को और अधिक गति प्रदान करने में अहम भूमिका निभाता है। इसी तकनीक का इस्तेमाल करके हाइपरलूप ट्रेन की स्पीड को बुलेट ट्रेन की दुगनी स्पीड यानी 600 किलोमीटर से दुगनी रफ़्तार 1200 किलोमीटर प्रति घंटा तक किया जा सकता है। कई ट्रेनों और परीक्षणों के बाद इस हाइपर लूप ट्रेन की टॉप स्पीड 1200 किलोमीटर से भी अधिक होने की संभावना जताई जा रही है जो कि यदि संभव हो पाता है तो यह एरोप्लेन की टॉप स्पीड से भी कहीं ज्यादा होगा ऐसे में इस ड्रीम प्रोजेक्ट को भारत जल्द से जल्द लांच करना चाहता है जिससे कि भारत के पास इस हाइपरलूप ट्रेन के मायने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में अपना प्रमुख योगदान दे सकते हैं यही वजह है कि रेल मंत्रालय की तरफ से हाल ही में मद्रास आई आई टी(IIT) के साथ कई अहम मुद्दों पर इस प्रोजेक्ट को लेकर कार्य शुरू करने के लिए पूर्ण सहमति बन गई है और इस पर लगातार काम हो रहा है और आने वाले कुछ ही समय में यह लगभग बनकर तैयार भी हो जाएगा जो कि भारत के लिए ही नहीं पूरे विश्व के लिए एक सफल ड्रीम प्रोजेक्ट साबित होगा ।
हाइपरलूप ट्रेन की स्पीड कितनी होगी,और इस पर आने वाला खर्च कितना होगा?
भारत में हाइपरलूप ट्रेन लांच करने के लिए इंडियन रेलवे ने आईआईटी IIT मद्रास के साथ मिलकर इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है। आईआईटी मद्रास किंग इन 11 इंजीनियर को अलग-अलग विषयों से जोड़ा गया है जिनका प्रमुख काम हाइपरलूप ट्रेन के ए टू जेड जानी इसके संपूर्ण निर्माण कार्य को करने का जिम्मा इन Expert इंजीनियरों के ऊपर सौंपा गया है।
भारत देश में सबसे पहले इस हाइपरलूप प्रोजेक्ट को मुंबई से पुणे के बीच पहले 500 मीटर लंबी Hyperloop Train के ट्रैक का निर्माण कर रही है जिस पर इस हाइपरलूप ट्रेन का परीक्षण किया जाएगा।इस परीक्षण का पहला कार्य 2022 के अंत तक खेलने के बाहरी इलाकों में संस्थान के डिस्कवरी परिसर में पूरा किया जाएगा। भारत में हाइपरलूप प्रोजेक्ट के पहले चरण में मुंबई से पुणे के बीच इसका पहला पॉड्स (वैक्यूम),का निर्माण किया जाएगा जिसकी अनुमानित लागत 77 हजार 644 करोड रुपए तक आने की उम्मीद है। शुरुआत में इस हाइपरलूप ट्रेन की स्पीड को 1000 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है वहीं यदि इसके टॉप स्पीड की बात की जाए तो यह एरोप्लेन की स्पीड से दुगनी स्पीड की गति प्राप्त करने में पूरी तरह सक्षम हो पाएगा क्योंकि इसकी अनुमानित टॉप स्पीड 12000 किलोमीटर प्रति घंटा होने की पूरी संभावना बताई जा रही है।
भारत में हाइपरलूप ट्रेन कब चलेगी?
भारत में आखिर कब तक हाइपरलूप ट्रेन चल पाएगी इस प्रश्न का उत्तर देने से पहले आइए जान लेते हैं कि हाइपरलूप ट्रेन किन-किन देशों में इस पर काम चल रहा है और हाइपरलूप ट्रेन बनाने का काम कहां तक पूरा हो पाया है और आने वाले समय में हाइपरलूप ट्रेन के लॉन्च होने की कब तक संभावना है इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको आज जरूर मिल जाएंगे क्योंकि गहन पड़ताल और खोजबीन के बाद इस प्रोजेक्ट के फाइनल लॉन्च होने की जो अटकलें लगाई जा रही थी वह आने वाले 2 वर्षों में कंप्लीट हो जाएंगी और मुख्य रूप से भारत में हाइपरलूप ट्रेन के ड्रीम प्रोजेक्ट को वर्ष 2024 से 2025 के बीच में लांच कर दिया जाएगा।
आपको पता होगा कि इस बिन प्रोजेक्ट को 2017 से ही मद्रास आईआईटी के 70 छात्रों की टीम इस पर काम कर रही है और हाल ही में रेलवे मंत्रालय की तरफ से भी पूरी तरह से इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए पूरा सहयोग भारत सरकार देने के लिए तैयार है ऐसे में हाइपरलूप ट्रेन सबसे पहले मुंबई से पुणे के बीच चलाई जाएगी जिसके ट्रेक निर्माण का कार्य अपनी तीव्र गति से लगातार आगे बढ़ता जा रहा है।
भारत के अलावा यदि अन्य देशों की बात की जाए तो अमेरिका कनाडा और सऊदी अरेबिया में भी इस हाइपरलूप ड्रीम प्रोजेक्ट पर लगातार काम जारी है लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि चीन और जापान भी इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं और अब तो इन प्रमुख देशों के बीच हाइपरलूप ट्रेन को लॉन्च करने की होड़ सी लग गई है ऐसे मैं यह देखना बेहद महत्वपूर्ण होगा कि आखिर कौन सा देश है पहले हाइपरलूप ट्रेन को लांच कर पहली बाजी मारने में कामयाब होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन जिस तरह से भारतीय वैज्ञानिकों ने स्टीम प्रोजेक्ट हाइपरलूप पर जब से काम करना शुरू किया है तब से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि भारत में इस प्रोजेक्ट को सबसे पहले लांच किया जा सकता है क्योंकि भारत में कई अन्य देशों के साथ मिलकर हाइपरलूप ट्रेन के सभी पार्ट्स को मेक इन इंडिया के तहत बनाने के लिए अब तेजी से इस पर काम करना चालू कर दिया है और इस हाइपरलूप ट्रेन मॉडल को 2024 के अंत या 2025 के शुरुआती महीनों में हाइपरलूप ट्रेन को लांच करने की तैयारी में भी है ।