क्या यह संभव है! डॉगी फेस वाली फूलगोभी? भारत ने शुरू की वैज्ञानिक टेक्नोलॉजी वाली खेती:- आधुनिक समय में कई नए-नए आविष्कार किये जा रहे हैं। कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है और यही बात साबित होती है आधुनिकतम समय में तेजी से बदल रहे काम करने के तरीके और नई नई खोजों की वजह से जो हम सभी सपने में भी नहीं सोच सकते वह हमारे विद्वान साइंटिस्ट, आमजन से लेकर साधारंजन तरह-तरह की नई खोज करते जा रहे हैं और यह नई खोजें भारत को एक नई पहचान दिल रहे हैं।
हाल ही में भारतीय कृषि वैज्ञानिकों द्वारा गोभी की नई किस्म को डॉगी के फेस के आकार में इसका उत्पादन करके एक नया कीर्तिमान अपने नाम हासिल किया है। ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले भी मूली के पौधों को मानवीय आकृति मैं उगाकर भारतीय वैज्ञानिकों ने दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया था। इतना ही नहीं कई प्रकार के फलों जैसे सेब संतरा नींबू की विभिन्न प्रकार की फसलों को भी अब उनको कई प्रकार की इंसानों जैसी शक्ल और आकृति (आकार) देने का कम भारतीय वैज्ञानिकों ने करके एक बड़ी सफलता हासिल की है। लेकिन सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि यह सब आखिर होता कैसे हैं यह प्रश्न हम सभी लोगों के मन में कोणता रहता है तो लिए चलते हैं आज इन्हीं प्रश्नों के उत्तर ढूंढने के लिए और जानते हैं कि आखिर सब्जियों फूलों फलों का आकार हूबहू किसी अन्य जीव की शक्ल में कैसे परिवर्तित किया जाता है और वैज्ञानिक इसके लिए कौन सा तरीका अपनाते हैं।
आखिर कैसे इन सब्जियों, फलों का आकार बदला जाता है:-
वर्तमान समय में आधुनिक वैज्ञानिक ढंग से कृषि के नए-नए तरीके और विकल्प ढूंढे जा रहे हैं जिसमें कई तरह के नई खोजें वैज्ञानिकों द्वारा की जा रही है, यहां पर इमेज में आप साफ देख रहे हैं कि गोभी के फूलों की आकृति डॉगी केहू बहुत शक्ल के रूप में परिवर्तित कर गोभी के फूल को एक नया रूप दिया गया है जो की यथार्ता सत्य है और यह नई खोज का ही परिणाम है कि ऐसा वैज्ञानिक अब कर पा रहे हैं।
आखिर ऐसा कैसे संभव हो पता है? यही सब जानने के लिए हमने बात की एक्सपर्ट वैज्ञानिकों और ऐसा करने वाले उन एक्सपर्ट से जिन्होंने इस नई खोज को एक नया रूप दिया है, एक्सपर्ट वैज्ञानिकों द्वारा हमें बताया गया है कि ऐसा इसलिए संभव हो पाता है, जब हम किसी सब्जी को उगाते हैं तो उससे पहले हम किसी भी शेप आकृति का मॉडल प्लास्टिक के ढांचे में बना लेते हैं और फिर उस सब्जी के छोटे आकर में ही इस सांचे को ऊपर से फिट कर देते हैं और जैसे-जैसे यह सब्जी, फूल गोभी जैसे-जैसे बड़ी होती जाती है यह डॉगी के फेस के आकार में परिवर्तित होती जाती है और बाद में इसमें कुछ और कलाकारी करके इसे हूबहू डॉगी के फेस के आकार की शेप में इस तरह की फूल गोभी को उगाया जाता है और यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है जिससे कि पूरे खेत में डॉगी कैसे फेस जैसी आकृति वाली फूलगोभी का उत्पादन संभव हो पता है।
वहीं दूसरी तरफ एक्सपर्ट वैज्ञानिकों द्वारा हमें यह भी बताया गया कि, जब किसी फल को हमें किसी इंसान की शक्ति या फिर किसी लड़की का shape देना होता है तब हम उसी के सांचे की आकार की प्लास्टिक की मॉडल बना लेते हैं और फिर जिस किसी भी फल को वैसी ही आकृति देनी होती है उसे हम उसके बढ़ते छोटे फल पर पहले से लगा देते हैं और उसे पूरी तरह से उस मॉडल ढांचे से ढक देते हैं और उसमें छोटे-छोटे खोल कर देते हैं जिससे कि फल को पूरी तरह से ऑक्सीजन और सूर्य का प्रकाश मिलता रहे और धीरे-धीरे या फल पूरी तरह से विकसित और बड़ा हो जाता है और यह पूरे मॉडल ढांचे का आकार ले लेता है जिसमें पहले से दिए गए ढांचे के आकार की आकृति यह फल ले लेता है और हूबहू किसी इंसानी शक्ल या फिर जिस भी मॉडल के आधार पर इसे आकृति जाती है यह हुबहू वैसा दिखने लगता है और, जो लोग इसे पहली बार देखते हैं वह अपने दांतों तले उंगली दबा लेते हैं क्योंकि ऐसा जब वह पहली बार देखते हैं तो उन्हें अपने खुद की आंखों पर यकीन नहीं हो पता, और यह उन्हें किसी बड़े आश्चर्य, अनोखी घटना जैसा लगता है जोकि यथार्था पूरी तरह से सभी को अचरज में डाल देता है।
आज के आधुनिक समय में भारत के साथ साथ जापान, चीन, अमेरिका, जैसे देश में इस तरह की नई टेक्नोलॉजी कृषि होती हुई देखी जा रही है और आने वाले समय में इसमें कई नए आमूल- चूल परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं, जो कि भारतीय कृषि वैज्ञानिकों की साथ-साथ सभी भारतीयों के लिए ज्यादा उत्पादन क्षमता बढ़ाने और सब्जियों फलों फूलों की उन्नत नई किस्मों को अपने जीवन में उपयोग करने के लिए, और कई अन्य महीना में इनका भरपूर उपयोग करने के लिए बेहद आवश्यक है।
डिस्क्लेमर:- कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है और वर्तमान समय में इन नई शेप आकृति आकार वाली सब्जियां, भारत में वैज्ञानिक तकनीक के आधार पर उगाई जा रही है इसके साथ-साथ ऐसी कृषि आपको, जापान चीन अमेरिका जैसे देशों में भी देखने को मिल सकती है, लेकिन यहां पर दी जा रही जानकारी केवल सामान्य जानकारी के तौर पर पाठक गणों तक पहुंचाई जा रही है इसमें किसी भी त्रुटि या फिर किसी सटीकता के लिए लेखक जिम्मेदार नहीं होगा इसके बारे में यदि अधिक सटीकता जानकारी लेनी है तो कृपया एक्सपर्ट वैज्ञानिकों की सलाह जरूर लें। यदि पाठक गणों को दी जा रही जानकारी से कुछ नया सीखने को मिल रहा है तो कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में अपने कमेंट हम तक साझा जरूर करें और यदि किसी भी प्रकार का मन में प्रश्न है तो वह भी हमारे साथ साझा जरूर करें उसके सटीक उत्तर आप तक जरूर पहुंचाए जाएंगे।