आदित्य L-1 ने पृथ्वी और चंद्रमा की एक साथ खींची सटीक और दर्शनीय फोटो:-
आदित्य L-1 ने हजारों किलोमीटर दूर से खींची पृथ्वी और चंद्रमा की एक साथ तस्वीरें, पृथ्वी की सुंदरता देखकर आंखों पर यकीन नहीं होगा:- इसरो द्वारा पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर जाकर सूर्य का अध्ययन करने वाले आदित्य एल्बम मिशन अभी अपने शुरुआती सफर पर लगातार सूर्य की तरफ बढ़ रहा है ऐसे में, प्रतिदिन इसरो द्वारा सूर्य मिशन आदित्य एल्बम से कई तरह के अपडेट आते रहते हैं लेकिन हाल ही में एक ऐसा बहुत बड़ा अपडेट सामने निकल कर आ रहा है जिसको सुनकर आप भी अपने आप को गौरवान्वित महसूस करेंगे, हु आर यू की पृथ्वी से हजारों किलोमीटर की दूरी पर लगातार सूर्य की तरफ बढ़ रहे आदित्य L1 ने जब अपने कमरे पृथ्वी की तरफ जूम करके फोटो खींची तो पृथ्वी की गोल आकृति में उड़ते हुए बादल और नीले रंग का पानी पृथ्वी की गोली में समाहित अपने आकर्षक रंग में दिखा वही आदित्य एल् L1 के कैमरे ने पिछले दिनों 4 सितंबर 2023 को चंद्रमा की भी तस्वीर खींची, जिनको आदित्य एल -1, ने इसरो को भेज कर अपने सफलतम लगातार बढ़ रहे सूर्य की तरफ मिशन की एक बार फिर से पुष्टि की है, इतना ही नहीं आदित्य एल्बम ने अपनी खुद सेल्फी लेते हुए जिसमें पीएसएलवी तथा एस यू आई टी पेलोड को सीधे तौर पर देखा जा सकता है उनकी भी फोटो फोटो इसरो के साथ साझा की है जिनको इसरो ने मीडिया पर इन फोटो को साझा करके एक बार फिर से सूर्य मिशन आदित्य एल्बम की प्रामाणिकता और लोगों के बीच जिज्ञासा को बढ़ा दिया है ऐसे में जब इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर लोग एक दूसरे के साथ देख तो उन्होंने पृथ्वी की सुंदरता पर अपने अंदाज में पृथ्वी की खूबसूरती का न सिर्फ केवल वर्णन किया बल्कि आदित्य एल 1 मिशन की प्रशंसा भी की।
आदित्य L-1 मिशन सफल होने के बाद लगातार 5 साल तक प्रत्येक दिन 1440 तस्वीरें धरती तक भेजने का है लक्ष्य:-
भारतीय इसरो द्वारा जब से सूर्य की गहन पड़ताल और सूर्य पर उठने वाले मा तूफानों के बारे में सटीक जानकारी अपने और सूर्य से निकलने वाली विकिरण करने को सटीकता और गहनता के साथ अध्ययन करके पृथ्वी पर इसके होने वाले प्रभावों को जचने पर रखने के लिए और अन्य सूर्य से छिपी हुई गुड जानकारी को हासिल करने के लिए जब से आदित्य एल्बम मिशन भेजा गया है तब से लेकर अभी तक सूर्य मिशन लगातार सूर्य की तरफ अपनी सटीकता और सही गति के साथ आगे बढ़ रहा है यदि सब कुछ सही रहा और आदित्य एल्बम मिशन सफल रहा तो आने वाले समय में न सिर्फ केवल सूर्य से जुड़े कई रहस्य में तथ्यों से पर्दा उठेगा बल्कि सूर्य मिशन सूर्य की नजदीकी कक्षा एल-1 में पहुंचकर वीएलसी 5 साल तक लगातार हर दिन 1440 तस्वीर पृथ्वी तक इसरो केंद्र तक भेजेगा जिन्हें इसरो के वैज्ञानिक सटीकता से इन पर गहन अध्ययन करके सूर्य पर प्रतिफल घटने वाली घटनाओं और वहां से पृथ्वी तक आने वाली विकिरण करने के बारे में गहनता से अध्ययन करके पृथ्वी पर आने वाली किसी संभावित खतरे या फिर किसी अन्य प्रकार की घटनाओं के बारे में पहले से ही आकलन कर सकेंगे।
आदित्य एल्बम की सबसे बड़ी खूबी यह भी है कि इस अंतरिक्ष यान में लगाए गए सभी सीसीटीवी कैमरे बेहद हाई रेजोल्यूशन वजन पर आधारित लगाए गए हैं जो कि किसी भी मौसम और भीषण से भीषण गर्मी में भी आसानी से सूर्य की करने और सूर्य के कोर से लेकर वहां पर घटने वाली प्रत्येक घटना का एक हाई रेजोल्यूशन सटीक चित्र खींचने में सक्षम है और इतना ही नहीं इस आदित्य एल्बम यह में लगाए गए हर एक कैमरे की इतनी ज्यादा सटीकता है कि वह क्लियर और स्पष्ट इमेज खींचने के साथ-साथ वह एक दिन में 1440 तस्वीरों को खींचने की सबसे बड़ी काबिलियत रखता है इसे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि आदित्य एल्बम मिशन सफल रहा तो यह आने वाले समय में न सिर्फ केवल सूर्य से जुड़ी कई अंशुल जी पहेलियां को सुलझाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा बल्कि पृथ्वी पर लगातार मौसम और वातावरण में हो रहे बदलाव का भी सटीकता से आगे चलकर गहन अध्ययन करके कई अहम जानकारियां पूरी दुनिया के सामने लाकर अब तक का सबसे बड़ा कार्य भी करने वाला है।
आदित्य L-1 लगातार एक के बाद एक नई सफलताओं के साथ सूर्य की तरफ तेजी से बढ़ रहा है:-
इसरो द्वारा सूर्य का गहन अध्ययन करने के लिए आदित्य एल्बम मिशन को भारत के सतीश अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र से pslv3 राकेट द्वारा 2 सितंबर 2023 को लांच किया गया था जो की लगातार अपनी सफलता के साथ आगे बढ़ता हुआ सूर्य की तरफ बढ़ रहा है जिसने अभी तक पृथ्वी से 4225 किलोमीटर की अधिकतम दूरी तय कर ली है वहीं यदि न्यूनतम दूरी की बात करें तो यह 282 किलोमीटर की दूरी पर अभी चरणबद्ध तरीके से पृथ्वी की कक्षा में परिक्रमा करके लगातार अपनी कक्षा में बदलाव कर रहा है और आगे बढ़ रहा है आदित्य एल्बम पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर कुछ ही दिनों में पहुंच जाएगा इसके बाद क्रम चरण शुरू होगा जिसके बाद L-1 की कक्षा में यह प्रवेश करेगा। आदित्य L-1 मिशन का सबसे बड़ा मिशन सूर्य की अनजान अनोखी अबूझ पहेलियों का गहनता से अध्ययन करके पहले से सूर्य पर छिपे गुण रहस्यों का पता लगाकर उनकी सटीक और विस्तृत जानकारी प्राप्त करना है जो की आने वाले समय में पृथ्वी पर तेजी से बदल रहे वातावरण तापमान और मानवीय सभ्यता को खत्म होने से बचने के लिए कई प्रकार के हम खोज करने के लिए यह मिशन पूरे विश्व के लिए किसी अनोखी उपहार से कम नहीं होगा।