Maha Kumbh Latest Update 2025 : महाकुंभ में कल्पवास क्या होता है कल्पवास के 21 कठिन नियम आओ जाने जिससे मिलती है सभी पापों से मुक्ति: – 

Maha Kumbh Latest Update 2025 : महाकुंभ में कल्पवास क्या होता है कल्पवास के 21 कठिन नियम :- 

महाकुंभ ( Mahakumbh) 2025: – 

 

महाकुंभ जो कि प्रत्येक 12 वर्ष के बाद लगने वाला सबसे बड़ा सांस्कृतिक धार्मिक पर्व है जिसमें देश भर के कोने-कोने से भक्तगण और साधु संत आकर पूर्णमासी संक्रांति के अवसर पर शुभ योग में गंगा स्नान करते हैं जिससे कि यह मानता है कि ऐसा करने से जीवन में सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। ऐसी भी पौराणिक कथाएं हैं कि इस दिन स्वयं भगवान के देवता गण धरती पर आकर गंगा स्नान करते हैं। 

 

कल्पवास क्या होता है आओ जाने ?

 

कल्पवास भारतीय सभ्यता संस्कृति के पुरातन सनातन धर्म की एक आध्यात्मिक परंपरा है, जिसमें किसी एक व्यक्ति द्वारा एक महीने तक पवित्र नदी के तट पर रहकर सांसारिक मोह माया और जीवन से अलग होकर गहन आध्यात्मिक अभ्यास और योग व्रत करके आध्यात्मिक तरीके से अपने मां और आत्मा को शुद्ध करने का  एक बहुत ही कठिन साधन माना जाता है इसे ही कल्पवास कहते हैं। 

 

महाकुंभ 2025 में कल्पवास के 21 कठिन नियम कौन-कौन से हैं आओ जाने:- 

 

 भारत में महाकुंभ का पावन पर्व आज दिनांक 13 जनवरी 2025 को पौष मास की पूर्णिमा से प्रारंभ हो गया है, जिसके यदि शुभ मुहूर्त की बात करें तो यह 13 जनवरी 2025 की सुबह 4:32 से 14 जनवरी की सुबह 3:45 तक इसका शुभ मुहूर्त रहेगा जिसमें सोमवार शाम 4:30 तक भद्रा है लेकिन जो भी लोग कल्पवास का व्रत रखे हैं उनके लिए स्नान दान में उसका प्रभाव नहीं माना जाएगा ऐसा  ज्योतिर्विद आचार्य और महा पंडितों का मानना है।

 

Maha kumbh Kalpwas 2025: महाकुंभ कल उपवास नव वर्ष 2025 जनवरी महीने की 13 तारीख दिन सोमवार को पोस्ट पूर्णिमा पर पर गंगा नदी में शुभ मुहूर्त में पवन डुबकी लगाने के साथ ही संगम की रेती पर एक माह के कठिन कल्पवास की शुरुआत प्रारंभ हो गई है जिसमें वह सभी कल्पवासी व्रत रखने वाले साधु संत और महात्मा लोग इस कल्पना में 13 जनवरी से लेकर 12 फरवरी तक अपना कल्पवास व्रत रखेंगे।

वही 12 जनवरी को माघी पूर्णिमा का स्नान भी होना है जिसमें कलपूवासी सोमवार को पोस्ट पूर्णिमा पर शुभ मुहूर्त में स्नान करने के बाद अपने तीर्थ पुरोहितों के सानिध्य में कल्पना का संकल्प लेंगे और अपनी कठिन दिनचर्या के साथ इस कल्पव वास व्रत को आगे बढ़ाएंगे और अपने जीवन में हुई गलतियों और पापों को इस कठिन व्रत के बल पर खत्म करेंगे ऐसी पौराणिक मान्यताएं हैं।

महाकुंभ कल्पवास में जो भी कल्पवास का व्रत रखें हुई है वह अपने शिविर के बाहर तुलसी का पौधा रखकर पूजन अर्चन करेंगे इसके साथ ही वह व्रत कल्पवासी महान संत और लोगों द्वारा जो भी बाई जाएगी जिसकी मानता है कि इस दौरान जो जिस तरह से बढ़ता है इस तरह से उसे बन वाले कल्पवासी के जीवन में सुख समृद्धि धन-धान्य की वृद्धि होती है और जीवन कठिनाइयां से निकालकर सुख शांति समृद्धि की ओर बढ़ता जाता है।

महाकुंभ में शिविर के किसी भी एक कोने मेंभगवान शालिग्राम की स्थापना कल्पवासी व्रत करने वाले के द्वारा की जाती है जिससे कि जब तक और मानस का पाठ इसी के सानिध्य में सामने बैठकर कल्पवासी करेंगे। वही इस कल्पवास व्रत रखने वालों के लिए एक कठिन तपस्या यह भी रहेगी कि वह अपने हाथ से सिर्फ बनाया हुआ भोजन ग्रहण कर सकेंगे जिसमें वैज्ञानिकों की भी ऐसी मान्यता है की कल्पना से व्यक्ति की मानसिक ऊर्जा के साथ-साथ शारीरिक निरोगी और दीर्घायु में वृद्धि होती है। 

 

कल्पवास के किस कठिन नियम यह रहे जिन्हें हर एक कल्पवासी व्रत करने वाले को करने ही होंगे: – 

 

यदि आप भी महाकुंभ 2025में कल्पवास व्रत रख रहे हैं तू इसके लिए आपको यह 21 कठिन नियम कल्पवास की जान लेने बेहद आवश्यक हैं जिसमें सबसे पहला नियम यह है कि संगम की रेती में जनवरी की कठिन से कठिन ठंड में कल्पवास व्रत रखने वाले को प्रतिदिन 3बार गंगा स्नान सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में करना होगा। इसके साथ-साथ इस नियम में सत्य वचन , अहिंसा , प्राणियों और जीवन के प्रति दया भाव ,अपने इंद्रियों पर नियंत्रण संयम , ब्रह्मचर्य का पालन ,गलत विचारों और विष्णु का त्याग ,ब्रह्म मुहूर्त में जागना , त्रिकाल संध्या, पितरों का पिंडदान करना , दान आदि शामिल है।

 

कल्पवास रखने वाले व्यक्ति मिलती है पाप से मुक्ति ऐसी मान्यता भारतीय सभ्यता संस्कृति और वेदों में बताई गई है: – 

 

महाकुंभ में कल्पवास रखने वाले व्यक्ति के लिए ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति ऋषि मुनि ऐसा कठिन कल्पवास का नियम रखते हैं और व्रत पूरा कर लेते हैं उन्हें अपने जीवन में हुई गलतियों और पाप कर्मों से पूरी तरह से छुटकारा मिल जाता है और वह स्वर्ग लोक के भागीदार होते हैं और उन्हें इस मृत्यु लोक में आने-जाने के चक्कर से मुक्ति मिल जाती है। मत्स्य पुराण के अनुसार ऐसा माना गया है कि कल्पवास का वही फल है जो फल रोज करोड़ गायों के दान करने से मिलता है। 

2025  महाकुंभ के पहले ही दिन एक करोड़ लोगों ने किया स्नान:-

2025 महाकुंभ का शुभारंभ आज दिनांक 13 जनवरी 2025 को ब्रह्म मुहूर्त में 5:15 से सूर्योदय से पहले शुरू हो गया जिसमें पहले से ही प्रयागराज में मौजूद लाखों साधु संतों के साथ-साथ श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान का सौभाग्य प्राप्त किया । वहीं यदि शाम तक आंकड़ों की बात करें तो मिली ताजा रिपोर्ट के आधार पर लगभग एक करोड़ लोगों ने कुंभ स्नान पहले ही दिन करके एक नया रिकॉर्ड बना दिया है ।

अस्वीकरण: – 

 

महाकुंभ 2025 में कल्पवास व्रत और इससे होने वाले फायदे और इस लेख में दी गई जानकारी केवल एक सामान्य जानकारी के तौर पर पाठक गानों तक पहुंचाई जा रही है इस आलेख में दी गई जानकारी यह दावा नहीं करती की पूर्णतया सत्य एवं सती ही होते हैं अतः इन्हें अपने से पहले भारतीय सभ्यता संस्कृति और इससे संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

 

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