सिंघाड़ा जिसे अंग्रेजी में वाटर नट (Water Nut), के नाम से भी जाना जाता है जिसमें इतनी पौष्टिक एनर्जी होती है कि यह काजू बादाम को भी पीछे छोड़ देता है।

Credit to- Hung Nguyen

सिंघाड़ा में कई प्रकार के विटामिन एंटीऑक्सीडेंट तत्व फाइबर, फॉस्फोरस मैग्नीशियम और कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं।

सिंघाड़ा में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए, और विटामिन C-सी, पाया जाता है जो की आंखों की रोशनी बढ़ाने के साथ-साथ त्वचा को सुंदर और गोरा बनाने में सहायक होता है।

शरीर में फर्टिलिटी, और हारमोंस लेवल को बढ़ाने में सहायक होता है  इसमें पाए जाने वाली एंटीऑक्सीडेंट विटामिन, मिनरल्स खनिज पदार्थ शरीर को अंदर से स्ट्रांग बनाते हैं।

पहला फायदा

Credit To- wesley Tingey

दूसरा फायदा

चेहरे को सुंदर और गोरा बनाने में सहायक होता है, सिंघाड़े में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा पाई जाती है जो की त्वचा की बाहरी हिस्से को सॉफ्ट और चिकना जाई झुरी से रहित बनाने में मददगार होता है।

तीसरा फायदा

बवासीर के रोगियों को कच्चे सिंघाड़े का सेवन प्रतिदिन करने से इसमें मौजूद एंटी फंगस, प्रमुख एंटीऑक्सीडेंट तत्वों की वजह से बवासीर से पूरी तरह छुटकारा मिल जाता है।

चौथा फायदा

 सिंघाड़ा सबसे शुद्ध फल माना जाता है, इस फल से बने कुट्टू के आते और इसके फलों का सेवन व्रत, पूजा  में किया जाता है।

पांचवा फायदा

लो ब्लड प्रेशर, खून का थक्का जमने जैसी समस्याओं के लिए सिंघाड़ा अमृत के समान है, जिसका सेवन करने से लो बीपी, हाई बीपी जैसी समस्याएं पूरी तरह से खत्म हो जाती हैं।

छठा फायदा

कच्चा सिंघाड़ा खाने से  शरीर में हारमोंस अधिक मात्र में बनते है ,यह शरीर को चुस्त, दुरुस्त बनाने में बेहद लाभकारी फल होता है |

डिस्क्लेमर -

यहां पर दी जा रही जानकारी को अमल में लाने से पहले और कच्चे सिंघाड़े का सेवन करने से पहले अपने एक्सपर्ट डॉक्टर, की सलाह जरूर लें।