शरीर में फर्टिलिटी, और हारमोंस लेवल को बढ़ाने में सहायक होता है इसमें पाए जाने वाली एंटीऑक्सीडेंट विटामिन, मिनरल्स खनिज पदार्थ शरीर को अंदर से स्ट्रांग बनाते हैं।
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बवासीर के रोगियों को कच्चे सिंघाड़े का सेवन प्रतिदिन करने से इसमें मौजूद एंटी फंगस, प्रमुख एंटीऑक्सीडेंट तत्वों की वजह से बवासीर से पूरी तरह छुटकारा मिल जाता है।
सिंघाड़ा सबसे शुद्ध फल माना जाता है, इस फल से बने कुट्टू के आते और इसके फलों का सेवन व्रत, पूजा में किया जाता है।
यहां पर दी जा रही जानकारी को अमल में लाने से पहले और कच्चे सिंघाड़े का सेवन करने से पहले अपने एक्सपर्ट डॉक्टर, की सलाह जरूर लें।