सिलबट्टे से बनाई गई आम की चटनी बचपन की याद दिला जाती है, इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम मिनरल्स आयरन खनिज पदार्थों की भरपूर मौजूदगी होती है

जो कि हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए, बेहद लाभदायक और गुणकारी होती है। प्राचीन समय से लेकर आज के समय में

खानपान के तौर-तरीकों में जमीन आसमान का अंतर आ चुका है ऐसे में सिलबट्टा, शायद ही किसी घर में वर्तमान समय में उपलब्ध हो

लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी 70% से ज्यादा लोग सिलबट्टे पर ही चाहे वह सब्जी का मसाला पीसना हो या फिर किसी खास किस्म की चटनी बनानी हो सिलबट्टे का ही प्रयोग आज भी करते हैं

जिसका लाभ स्वास्थ्य के साथ-साथ हैं शारीरिक व्यायाम से होने वाले फायदे से शरीर को मिलता है जिससे कि शरीर स्वस्थ निरोगी हमेशा बना रहता है।

सिलबट्टी द्वारा बनाई गई चटनी मैं और मिक्सी द्वारा पीसी गई चटनी में आप जान जमीन आसमान का अंतर पाएंगे, वहीं दूसरी तरफ सिलबट्टे से जब जब चटनी पीसी जाती है

तो शारीरिक व्यायाम और हथेलियों का व्यायाम भी पूरी तरह हो जाता है, जो कि शरीर को बेहद स्वस्थ बनाता है, सिलबट्टे पर चटनी पीते समय शरीर का ब्लड सरकुलेशन भी सामान्य गति से होता है

और पूरे शरीर का अच्छा खासा व्यायाम हो जाता है जिससे मस्तिष्क मैं एक अलग प्रकार का केमिकल उत्पन्न होता है जोकि दिमाग को तेज बनाने में भी बेहद उपयोगी होता है वही सिलबट्टे पर बनाई गई

बनाई गई चटनी मैं अलग प्रकार की खुशबू और सुगंध होती है क्योंकि पत्थर पर घिसने के कारण चटनी में मौजूद कई प्रकार के केमिकल घर्षण की वजह से कई प्रकार के महत्वपूर्ण योगिक

और शरीर को कई गंभीर बीमारियों से लड़ने वाले पोषक तत्व प्रदान करते हैं जिससे कि सिलबट्टी द्वारा बनाई गई आम की चटनी ही नहीं बल्कि अन्य चटनी खाकर भी आज के समय में भी लोग स्वस्थ और निरोगी बन पा रहे हैं।

 सिलबट्टे पर आम की चटनी बनाए और हाथ द्वारा बनाई गई मोटी रोटी के साथ इसके जायकेदार स्वाद के साथ अपने शुभ दिन की शुरुआत  जरूर करे, और दूसरों को भी प्रेरित करें।