अद्भुद अविश्वसनीय structure बनावट है दिल्ली के लोटस टेंपल में यदि आप भी पहली बार देखेंगे तो आश्चर्यचकित हो जाएंगे: 

 

यदि आप भी खूबसूरत दिल्ली की छवि एक बार अपनी आंखों से निहारना चाहते हैं तो आप दिल्ली कालकाजी मंदिर के पास बने भव्य लोटस टेंपल को देखकर आपका मन गदगद हो जाएगा।

दिल्ली की खूबसूरत जगह में से लोटस टेंपल नंबर 1 पोजीशन पर आता है ,क्योंकि इसकी खूबसूरती और यहां का गार्डन पूरी तरह से पर्यटकों के लिए किसी अजूबे से कम नहीं है। यहां पर आप गेट से एंट्री करते ही ऐसा नजारा देखते हैं जो कि अपनी आंखों पर विश्वास भी आप नहीं कर पाएंगे l

लोटस टेंपल की स्ट्रक्चर डिजाइन पूरी तरह से कमल के फूल के आकार के आधार पर बनाया गया है जो कि पूरी तरह से सफेद कमल की तरह दिखता है और यही वजह है कि लोग देश विदेशों से भी भारी मात्रा में पर्यटक स्कोर देखने के लिए खींचे चले आते हैं।

लोटस टेंपल की अनोखी बातें आइए जाने पूरा इतिहास: –

भारत में सात अजूबों में से कई प्रकार के ऐसे अनूठे और अनुपम स्ट्रक्चर आपको देखने को मिल जाएंगे जो कि आपको दुनिया में नहीं देखने को मिलेंगे यही वजह है कि भारत में बड़ी तादात में न सिर्फ केवल इंग्लैंड से बल्कि ऑस्ट्रेलिया अमेरिका कनाडा न्यूजीलैंड रूस फ्रांस जैसे अमीर देशों से लाखों पर्यटक यहां की खूबसूरती निहारने के लिए दौड़े चले आते हैं। भारत में लोटस टेंपल जोकि दिल्ली में स्थित है इसकी खूबसूरती अपने आप में लाजवाब है इसको देख कर आप कमल का फूल जो कि शांति और पवित्रता का सूचक है ऐसी छवि मन में शांति और प्रसन्नता भर देती है यही वजह है कि पर्यटक इस लोटस टेंपल को देखने के लिए बड़ी मात्रा में हर साल दिल्ली के लोटस टेंपल का विजिट करते हैं और इसकी खूबसूरती देखकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं और इसकी चर्चा अपने दोस्तों मित्रों के साथ करते दिखाई देते हैं।

 

कमल की आकृति की इस शानदार कलाकृति बनावट का इतिहास:-

 

लोटस  टेंपल की बनावट अपने आप में अनूठी और अविश्वसनीय है यह दुनिया भर में आधुनिक वास्तुकला के नमूनों में से एक है जिसका निर्माण बहाउल्लाह ने करवाया था जो कि बहाई धर्म के संस्थापक थे। इस लोटस टेंपल को बधाई मंदिर भी कहा जाता है।यदि बात करें इस मंदिर में जाने के लिए किसी भी विशेष एक धर्म को मान्यता नहीं दी गई है बल्कि यह सभी धर्मों का समावेश करता है और किसी भी प्रकार की धार्मिक प्रवृत्ति की आजादी से मुक्त है। यहां पर लाखों लोग सभी धर्मों के आते हैं और अपने आपको इसका सजीव दर्शन पाकर अपने आपको एक गौरवान्वित सुख शांति भरा महसूस करते हैं क्योंकि यहां का वातावरण ही ऐसा है कि जब आप लोटस के दायरे में होते हैं यहां पर बिक्री मनमोहन हरियाली और शांति भरा वातावरण आपके मन को एक अलग ही शांति भरी शक्ति सुकून का अहसास कराता है। 

 

यदि बात करें लोटस टेंपल के निर्माण में लगने वाले समय की तो यह लगभग 4 वर्षों की लगातार मेहनत और नक्काशी भरी कलाकृतियों को करते हुए कारीगरों के अनुपम अनूठे बनावटी कलाकृति का जीता जागता उदाहरण है। लोटस टेंपल के निर्माण में लगभग $10000000 की कीमत लगी थी यदि बात करें मंदिर की संपूर्ण आकृति में आपको कमल की पंखुड़ियों के स्वरूप का दर्शन होता है मंदिर आधे खिले कमल की आकृति में संगमरमर की 27 पंखुड़ियों से मिला कर बनाया गया है जो कि 3 चक्रों में व्यवस्थित है। 

 

मंदिर चारों ओर से 9 दरवाजे से मिलकर बना हुआ है और बीचों-बीच एक बहुत बड़ा हॉल है जोकि इस संपूर्ण मंदिर की स्ट्रक्चर बनावट को एक में संजोए हुए हैं। यदि बात करें इस बड़े हॉल की ऊंचाई की तो इसकी ऊंचाई लगभग 40 मीटर है इस हाल में एक साथ में लगभग 25 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। 

 

इस मंदिर के अंदर एक बात खास इसको बनाती है कि इसमें यदि आप जाकर फोन में बैठते हैं और वहां पर कोई भी एक शब्द शब्द बोलते हैं तो वह इस मंदिर के अंदर गुंबद में गुंजायमान होता है और बार-बार उसकी इको ध्वनि आपको सुनाई पड़ती है इसीलिए यहां पर किसी को बोलने की इजाजत नहीं होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2001 में जो रिपोर्ट सामने आई यह लोटस टेंपल दुनिया की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली पर्यटन स्थलों में से एक हैl

 

 

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