इस मानसून डेंगू मलेरिया चिकुनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारी से कैसे बचें! जाने बेहद ही आसान और घरेलू उपाय:-

इस मानसून डेंगू मलेरिया चिकुनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारी से कैसे बचें! जाने बेहद ही आसान और घरेलू उपाय:- मानसून  बरसात का मौसम आते ही  कई जगहों पर जलभराव जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं ऐसे में मच्छर जनित कई प्रकार की गंभीर बीमारियां तेजी से बढ़ने लगती हैं एक अनुमान के मुताबिक प्रत्येक वर्ष लाखों लोग डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से ग्रसित होते हैं और हजारों लोग इस दुनिया को हमेशा के लिए छोड़ जाते हैं ऐसे में यहां पर यह जानना बेहद आवश्यक है कि मानसून के मौसम के बाद डेंगू – मलेरिया जैसे खतरनाक बुखार से बचने के लिए वह कौन से बेहद आसान तरीके हैं जिससे कि कोई भी आम नागरिक अपनी और अपने परिवार की इन गंभीर बीमारियों से अपने आप को बचा सके।

 

 बरसात के मौसम के बाद बढ़ जाता है संक्रमण का खतरा:-

 अक्सर कर हम देखते हैं कि  हर वर्ष बरसात के मौसम के बाद  मच्छर जनित बीमारियों जैसे डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस इ पीलिय, टाइफाइड बुखार  Laptoस्पायरोसिस के अलावा कई अन्य बीमारी भी  लोगों को  बेहद परेशान करती हैं जिनमें प्रमुख रूप से डायरिया, टाइफाइड, पेचिश (कृमि संक्रमण)  जैसी प्रमुख बीमारियां  होती हैं।

 

 इस तरह करें बचाव, और हमेशा रहे स्वस्थ:-

इस तरह की बीमारियोंसे बचने के लिए हमें खुद से सजग होना पड़ेगा जिसके लिए मच्छरदानी का सोते समय उपयोग जरूर करना चाहिए इसके अलावा पूरी बांह के कपड़ेपहनने चाहिए वहीअपने आसपास स्वच्छता बनाए रखना चाहिए वहीं कई घरों के आसपास बारिश के बाद पानी इकट्ठा हो जाता है इस इकट्ठे पानी को कई दिनों तक जमा होने देना नहीं चाहिए ,इसके निकासी के लिए जो भी उपाय हो सके वहजरूर करना चाहिए क्योंकि ज्यादातर डेंगू मलेरिया के मच्छर एक जगह पर इकट्ठा हुए पानी में ही पनपते हैं इसके साथ-साथ अपने आसपासपहले सेपढ़े हुए टायरनारियल केखाली पड़ी टुकड़ोंको अपने आसपास से पूरी तरह हटा देना चाहिए क्योंकि बारिश केपानी से इनमें पानी कट्ठा हो जाता है और इसमें कई प्रकार के हानिकारक चिकुनगुनिया मलेरियाको उत्पन्नकरने वाले मच्छर इसमें उत्पन्न होते हैं।

इसके अलावा बरसात के मौसम में सर्प दंश का भी खतरा पूरी तरह से बना रहता है ऐसे में सांप के काटने के तुरंत बाद डॉक्टर से सीधा संपर्क करें या अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में पेशेंट को जरूर ले जाए किसी झाड़-फूंक के चक्कर में कभी ना पड़े।

 

 अक्सर कर देखा गया है कि  बरसात  के मौसम के बाद कई जगह जलभराव गंदगी और शर्तें गलती  कूड़े  करकट पत्तियों की वजह से कई प्रकार की गंभीर बीमारियां  उत्पन्न हो जाती है जिसमें एक प्रमुख बीमारी फाइलेरिया भी है जिससे बचना बेहद ही जरूरी है यह बीमारी प्रमुख रूप से मच्छर मक्खी और अन्य कीड़े मकोड़ों के माध्यम से फैलती है जिसको यदि पहले से ही विशेष ध्यान देकरअपने आसपास स्वच्छताबनाए रखा जाए और अपनी स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहा जाए तो इस प्रकार की गंभीर बीमारियां आप तक कभी नहीं पहुंचेगी।

 

खानपान का रखें विशेष ध्यान:-

 

 वर्षा काल के मौसम में हम सभी को खानपान का विशेष ध्यान रखना  चाहिए जिससे कि  मच्छर जनित कई प्रकार की जो गंभीर बीमारियां  हमारे सेल्स कोशिकाओं को नष्ट करके  एक गंभीर खतरा उत्पन्न कर देते हैं उससे पूरी तरह बचा जा सकता है ।हमें अपने दैनिक आहार में अंकुरित अनाजों  को सम्मिलित करना चाहिए, इसके साथ साथ खाने के बाद फलों का सेवन करना चाहिए, जिससे कि हमारी सेल्स कोशिकाएं मजबूत बनी रह सके। इसके साथ- साथ हमें स्वच्छ या फिर थोड़ा गर्मपानी का इस्तेमाल अपने दैनिक जीवन में करना चाहिए जिससे कि किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचा जा सके वही हमें अपनेआसपास स्ट्रीट, फूडढाबे या होटल में खाना खाने से बचना चाहिए।

 

 इन बातों का भी रखें बेहद ध्यान

 

  • अपने आसपास गंदगी जमा ना होने दें और अपने आवाज को हमेशा साफ सुथरा बनाए रखें
  •  जब भी जरूरत हो  अपने आसपास इकट्ठा हुए पानी में मिट्टी का तेल या फिर थोड़ी मात्रा में एक ढक्कन पेट्रोल डाल दें जिससे कि मच्छर के लारवा उत्पन्न नहीं होंगे और आसपास का वातावरण भी स्वच्छ बना रहेगा।
  •  बरसात के मौसम में  ज्यादा मात्रा में एकत्र हुए पानी में कभी भी नहाना नहीं चाहिए  इससे कई प्रकार के बैक्टीरिया वायरस एस  शरीर को नुकसान पहुंचाते 
  • हमेशा अपने बाजू और शरीर को  ढक कर रखना चाहिए  इसलिए संभव हो सके तो हमेशा फुल बाजू के कपड़ों  को जरूर पहने।
  • सिर दर्द चक्कर आना भूख न लगना थकान महसूस होना बार बार उल्टी आना या मुंह से या फिर नाक से खून आना जैसी समस्याएं होने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराना चाहिए ।
  • बरसात के मौसम में सर्पदंश या फिर बिच्छू  के काटने पर हमेशा अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अपने एक्सपर्ट डॉक्टर की देखरेख में तुरंत इलाज कराना चाहिए किसी झाड़-फूंक के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए।

 

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