कृष्ण जन्माष्टमी 2023, 18 तारीख को है या 19 तारीख को, जाने सही डेट और पूजा करने की विधि: –

 

Shree Krishna Janmashtami 2023:-

 

कृष्ण जन्माष्टमी 2023, 18 तारीख को है या 19 तारीख को, जाने सही डेट और पूजा करने की विधि: –कृष्ण जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद के महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। भारत में कृष्ण जन्माष्टमी प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। एक तरफ जहां कृष्ण जन्माष्टमी की धूम भारत के उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है, वहीं प्रत्येक वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर, श्री कृष्ण की बाल लीलाएं से संबंधित नाटक क्रम भी संपूर्ण देश में बड़ी शालीनता के साथ मनाया जाते हैं।

एक तरफ जहां छोटे बच्चे श्री कृष्ण के अद्भुत रूप में बांसुरी लिए हुए पितांबर वस्त्र धारण किए हुए और सिर पर मोर मुकुट लगाए हुए एक अलग अलौकिक दृश्य मैं नजर आते हैं, वही कई जगहों पर सांस्कृतिक धार्मिक रंगारंग कार्यक्रमों में श्री कृष्ण की झांकियां भी निकाली जाती है जिसे लोग बड़े उत्साह के साथ रात की जगमगाती रोशनी में देखकर बेहद ही आह्लादित होते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण कि मथुरा वृंदावन नगरी में प्रत्येक वर्ष अपनी अलग छवि प्रदर्शित करता है। मथुरा में तो भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला के समुचित दर्शन के साथ-साथ श्री कृष्ण के जीवन पर्यंत सभी लीलाओं का संचित दर्शन भक्तजन करते हैं। मथुरा में मटकी फोड़े, आयो आयो रे कन्हैया, जैसे गीतों पर बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसे दूर दराज से आए हुए कृष्ण भक्त प्रत्येक वर्ष आनंद के साथ देखते हैं और श्रीकृष्ण की भक्ति में सराबोर हो जाते हैं।

जन्माष्टमी 2023 शुभ मुहूर्त और समय:-

 

श्री कृष्ण जन्माष्टमी प्रत्येक वर्ष अगस्त या सितंबर महीने में पड़ती है, क्योंकि कैलेंडर में प्रत्येक वर्ष तिथि और समय का आकलन घटता बढ़ता रहता है। इस वर्ष यानी 2023 में कृष्ण जन्माष्टमी 2 दिन मनाया जाएगा , भारत के हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 2023 में भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष जन्माष्टमी की तिथि 6 सितंबर 2023 को दोपहर 3:27 से प्रारंभ होगी जो की अष्टमी तिथि का समापन 7 सितंबर 2023 को शाम 4:14 पर होगा।

जिसके अनुसार यदि देखें तो कृष्ण जन्माष्टमी को मनाने वाले जो लोग गृहस्ती जीवन से जुड़े हुए हैं वह जन्माष्टमी का व्रत 6 सितंबर यानी बुधवार को रख सकते हैं वही वैष्णव संप्रदाय को मानने वाले लोग कान्हा का जन्मोत्सव 7 सितंबर 2023 दिन बृहस्पतिवार को मनाएंगे। जहां तक मथुरा की बात है इस वर्ष 2023 में मथुरा में 7 सितंबर 2023 दिन बृहस्पतिवार को कृष्ण जन्माष्टमी का महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाएगा।

 

रोहिणी नक्षत्र शुरू होगा: –

 

6 सितंबर 2023 दिन बुधवार को सुबह 9:20 पर

 

रोहिणी नक्षत्र का समापन होगा: –

 

7 सितंबर 2023 दिन बृहस्पतिवार को सुबह 10:25 पर

 

पूजन का समय मध्य रात्रि से सुरू:-

 

कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजन का सही समय मध्य रात्रि 12:02 से लेकर 12:48 तक होगा जो कि 7 सितंबर 2023 दिन बृहस्पतिवार को विधि विधान से किया जाएगा।

 

भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने की विधि:-

 

भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी की रात्रि मैं पूजा करने का विशेष महत्व और लाभ है। भारतीय शास्त्रों उपनिषदों और धर्म ग्रंथों में भी भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर पूजा अर्चना का विशेष महत्व और लाभ बताया गया है जिसमें भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करने की विधि भी बताई गई है जिसे लोग करके अपने जीवन में संपूर्ण सुखों की प्राप्ति करते हैं और उनके जीवन में कई प्रकार के अमूल चूल परिवर्तन देखने को मिलते हैं जिसे श्री कृष्ण भक्त जन खुद अपने शब्दों द्वारा लोगों को बताते फिरते हैं, यहां तक कि कृष्ण भक्त जन के जीवन से जुड़ी हुई ऐसी भी कहानियां सुनने को मिलती है जो कि आपके हृदय और जीवन परिवर्तन पल भर में करके संपूर्ण जीवन को सुखमय और आनंदित बना देती हैं। 

 

श्री कृष्ण के जन्म अवसर पर लोग भगवान श्री कृष्ण को छप्पन भोग का भोग लगाते हैं, उन्हें पालने पर झूला झूलाते हैं ,उनके पैर छूते हैं, और भगवान श्री कृष्ण से आशीर्वाद स्वरूप अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं। इसके साथ-साथ जन्माष्टमी के पावन अवसर पर भक्तजन लड्डू गोपाल का पंचामृत से अभिषेक कर विशेष श्रृंगार करते हैं , इसके साथ-साथ भगवान श्री कृष्ण का प्रिय भोजन माखन मिश्री का भोग भी लगाते हैं । भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करने के बाद लोग संतान सुख की प्राप्ति के लिए भगवान श्री कृष्ण से आशीर्वाद स्वरूप वरदान मांगते हैं और भगवान श्री कृष्ण अपने भक्तों की झोली हमेशा भरते हैं ।

 

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