क्या आपने कभी खाया है बिना गुठली वाला आम ! एक बार खाएंगे तो जीवन भर इसके स्वाद के दीवाने हो जाएंगे

भारत में उगाया गया बिना गुठली वाला आम:-

आम जिसे फलों का राजा कहा जाता है इसकी विश्व भर में लगभग 1500 प्रकार की विभिन्न किस्म पाई जाती हैं | वहीं भारत में यदि बात करें तो पूरे विश्व भर में आम के उत्पादन में भारत का पहला स्थान है और भारत देश में ही अकेले लगभग 1200 प्रकार की आम की विभिन्न प्रकार की वैरायटी पाई जाती हैं जो की अपने लजीज स्वाद के लिए पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध हैं |

भारत में पाई जाने वाली आमों की प्रमुख किस्म/वरायटी:-

भारत में ही यदि बात करें तो यहां पर आपको दशहरी, लंगड़ा, चौसा, मलीहाबादी , कलमी, के साथ-साथ कई प्रकार के बेहतरीन वैरायटी के आम आपको मिल जाएंगे इसके साथ-साथ भारत देश में आपको सबसे सस्ते और सबसे स्वादिष्ट आम के साथ-साथ सबसे महंगा बिकने वाला मियांजाकी Miyanjaki आम भी  भारत में आसानी से आपको खाने को मिल जाएगा | इसके साथ-साथ भारत में आमों की कई ऐसी किस्म आती है जिसमें आपको आम की गुठली बिहार छोटी या फिर ना के बराबर देखने को मिलती है और इनमें भरपूर मात्रा में आम का रस मौजूद होता है

लेकिन क्या आपने कभी बिना गुठली वाले आम को देखा और सुना है यदि नहीं तो यहां पर आपको बताने से चले की हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा एक कड़ी संघर्ष और बड़ी रिसर्च के बाद बिना गुठली वाले आम की किस्म को तैयार करके इसे उगाया गया है और इस आम में कोई भी गुठली आपको देखने को नहीं मिलेगी वहीं यदि इस आम के स्वाद की बात करें तो इसका स्वाद भी बेहद स्वादिष्ट और लजीज है|

WITHOUT SEED MANGO VARAYATY

रतना आम (बिना गुठली वाला आम)  की विशेष वैरायटी की खूबियां:-

क्योंकि इसे  दो आमों की विशेष  वैरायटी  अल्फांसो और नीलम आम की किस्म को एक साथ मिक्स करके इनसे  एक अलग वैरायटी/ किस्म  का  रत्ना  आम की वैरायटी को उत्पन्न किया,  जोकि स्वाद और रस में सभी आमों से बेहद खास किस्म का आम उत्पन्न हुआ लेकिन वैज्ञानिक इसे भी संतुष्ट नहीं थे क्योंकि इस आम में जो वैज्ञानिक बिना गुठली के आम को उत्पन्न करना चाह रहे थे उन्हें इसमें पूरी तरह से सफलता नहीं मिली

 

लेकिन इसके बाद वैज्ञानिकों द्वारा रत्ना  और अल्फांसो आम के क्रॉस मिश्रित करने के बाद में जो आम की अलग वैरायटी प्राप्त हुई जिसको सिंधु वैरायटी का नाम दिया गया और आमों की किस्म में जब वैज्ञानिकों द्वारा इस आम की वैरायटी को उगाया गया तो इसमें लगने वाला आम बेहद स्वादिष्ट होने के साथ-साथ इसमें गुठली बेहद  पतली कागज की तरह मात्र 7 से 10 ग्राम की पतली लेयर की तरह दिखाई  दी . लेकिन वहीं इस खास किस्म के आम में कई आमों में ऐसा भी पाया गया जिनमें आम की गुठली थी ही नहीं यानी इस वैरायटी से जो आम उत्पन्न हो रहे थे उनमें बिना गुठली के 100% दलदार आम देखने को मिले |

तभी से इस आम को बिना गुठली वाले आम के नाम से जाना जाने लगा भारत में इस 0% गुठली वाले आम यानी रत्ना आम की वैरायटी का सबसे पहले उत्पादन महाराष्ट्र में हुआ लेकिन यहां पर जलवायु और मिट्टी इस आम के लिए अनुकूल तो थी लेकिन यहां पर बेहद कम मात्रा में इसका उत्पादन किया जाता था वही जब इस रत्ना आम की वैरायटी को बिहार राज्य में वैज्ञानिकों द्वारा उगाया गया तो वहां का जलवायु और मिट्टी इस आम के बेहद अनुकूल होने की वजह से वर्तमान समय में बिहार राज्य में रत्न| आम की सबसे ज्यादा मात्रा में प्रोडक्शन होता  है |  रत्ना आम  के लिए काली दोमट मिट्टी बेहद अनुकूल होती है इस वजह से यह भारत के कई राज्यों में इसका उत्पादन बड़ी मात्रा में किया  जाता है |

 

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