जय वीरू की दोस्ती से भी बढ़कर है यह हिरण और इंसान की दोस्ती:-

जय वीरू की दोस्ती से भी बढ़कर है यह हिरण और इंसान की दोस्ती:-दुनिया में एक से एक ऐसे दृष्टांत देखने को मिलते हैं जिनको देखने के बाद आंखों पर यकीन नहीं होता है। राजा बाबू और कालिका प्रसाद कि दोस्ती भी इन्हीं का एक बेमिसाल और अनुपम उदाहरण है।प्रकृति में हर एक जीव -जंतु के पास उतनी ही दया, करुणा, प्रेम जैसी संवेदनाएं होती हैं,जो कि किसी एक अच्छे इंसान में पाई जाती हैं बस जरूरत होती है इस दया करुणा प्रेम को एक दूसरे के साथ साझा करने की। अभी हाल ही में पीछे इतने बीते कुछ महीनों पहले सारस पक्षी और आरिफ की दोस्ती इंसान और बेजुबान पक्षियों के बीच दोस्ती का एक जीता जागता उदाहरण सभी लोगों ने देखा था। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस संपूर्ण पृथ्वी पर इंसान और जानवरों के बीच ऐसी दोस्ती की मिसाल भी है जो कि जया वीरू की जोड़ी और उनकी दोस्ती को भी मात देती ही नजर आती हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं एक बेहद सुंदर छोटे हिरण के बच्चे जिसका नाम राजा बाबू है और वहीं दूसरी तरफ कालिका प्रसाद जी हैं जिनकी अनोखी और बेमिसाल दोस्ती देखकर सभी लोग आश्चर्य में पड़ गए हैं।

 

राजा बाबू  (हिरण) और कालिका प्रसाद में आखिर कैसे हुई यह दोस्ती?

राजा बाबू हिरण और कालिका प्रसाद में आखिर यह दोस्ती हुई कैसे इसकी भी एक दिलचस्प कहानी है जो कि आप सुनकर आपको बेहद रोमांचित कर देगी और जीव जंतु के प्रति दया भावना और उनमें भी प्रेम करुणा वात्सल्य जैसी संवेदनाओं की झलक देखने को मिलेगी। 

 

जंगल में शुरू हुई दोनों की दोस्ती किसी अनोखी कहानी से कम नहीं:-

 

कुछ समय पहले कालिका प्रसाद जी अपने गांव से थोड़ी दूर पर पढ़ने वाले एक जंगल में कुछ फल की तलाश में गए थे वहां पर उन्हें झाड़ी के पीछे एक घायल अवस्था में हिरण का बच्चा दिखा , पहले तो वह थोड़ा डर से गए लेकिन जब उस झाड़ी के पास जाकर देखा तो एक छोटा हिरण का बच्चा अपने पैरों पर नहीं खड़ा हो पा रहा था और उसके पैरों में चोट भी लगी हुई थी , कालिका प्रसाद जी इस छोटे से हिरण के बच्चे को उठाकर अपने घर ले आए और यहीं पर उन्होंने  इस खूबसूरत हिरण के बच्चे की दवाई पट्टी कि जिससे कुछ दिनों में यह छोटा हिरण का बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो गया। कालिका प्रसाद ने इतना ही नहीं हिरण के इस छोटे से मासूम बच्चे के लिए सुबह पहले आधा लीटर दूध दिया करते थे और जैसे-जैसे यह बड़ा होता गया उसकी दूध की मात्रा भी वह बढ़ाते गए और उसको खाने में हरी पत्तियों के साथ-साथ घर का बना भोजन भी अपने साथ खिलाते थे दोनों के बीच धीरे-धीरे करके एक अनोखी दोस्ती होती चली गई और दोनों अब एक दूसरे के बिना एक पल रह भी नहीं सकते। वर्तमान समय में लोग चकाचौंध की दुनिया में खोए हुए हैं लेकिन वहीं कई ऐसे दृष्टांत अनोखी उदाहरण देखने को मिल रहे हैं जो कि इंसान और जानवरों के बीच अनोखी दोस्ती का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी पेश कर रहे हैं जो कि अपने आप में मानवता और जीव जंतु के बीच दया करुणा वात्सल्य जैसी भावनाओं के सत्यता को आज भी पर  परिलक्षित कर रहा है। 

 

कालिका प्रसाद राजा बाबू हिरण का रखते हैं विशेष ख्याल सुबह- शाम 1 लीटर दूध, के साथ-साथ उसकी पसंद का भी विशेष रखते हैं ध्यान : 

कालिका प्रसाद और छोटे( हिरण के बच्चे) राजा बाबू के बीच दोस्ती हुए 2 साल से भी ज्यादा का समय हो गया है और इस महत्वपूर्ण 2 सालों के बीच में कालिका प्रसाद जी ने जिस तरह से इस छोटे से हिरण के बच्चे को शुरू से लेकर अब तक अपने वात्सल्य, से इस तरह सूचित किया है कि यह छोटा सा हिरण का बच्चा एक जानवर होकर भी उनसे एक पल के लिए भी दूर नहीं रह सकता। कालिका प्रसाद जहां जहां जाते हैं यह हिरण का छोटा सा बच्चा उनके पीछे-पीछे  जाने लगता है। कालिका प्रसाद बताते हैं कि पहले जब यह छोटा था तो वह इसके लिए एक पाव दूध की व्यवस्था किसी तरह कर पाते थे, लेकिन धीरे-धीरे जब यह बड़ा होता गया तो उन्होंने अपनी मेहनत और मजदूरी के दम पर इसके लिए विशेष खाने पीने की व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा उन्होंने इसकी हर एक जरूर  ठीक उसी तरह पूरी की जिस तरह से कोई व्यक्ति अपने बच्चों की परवरिश करता है। आज जब यह 2 साल का हो गया है तो वह इसके लिए सुबह शाम एक 1 लीटर दूध इसको पीने के लिए देते हैं और अपने साथ ही इस को खाना खिलाते हैं । 

 

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