दशहरा (Dussehra) कब है 2023 में ? आज ही जानें  विजयदशमी की सही तारीख और समय:-

Dussehra 2023 Date & Time:-

दशहरा (Dussehra) कब है 2023 में ? आज ही जानें  विजयदशमी की सही तारीख और समय:- असत्य पर सत्य की जीत का महापर्व दशहरा इस वर्ष यानी 2023 में आखिर कब है, लोगों के मन में अभी से इसको लेकर स्पष्टीकरण नहीं हो पा रहा है ऐसे में आज हम जानेंगे कि आखिर 2023 में दशहरा का पावन पर्व किस दिन और तारीख को पड रहा है, और मनाया जाएगा। संपूर्ण भारत में दशहरा पर्व को लेकर लोगों में बेहद उत्साह रहता है क्योंकि इस दिन संपूर्ण भारत के प्रत्येक राज्य में ना सिर्फ केवल दशहरा का पावन पर्व बड़े जोश और उल्लास हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है बल्कि इस विजयदशमी के अवसर पर राज्यों के प्रत्येक ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों में बड़े मेले का आयोजन  भी किया जाता है जिनमें, सभी युवा वर्ग बच्चे बूढ़े सभी मेला देखने जाते हैं और इसके साथ-साथ झूला झूलने, मेले में कई प्रकार की, अपनी मनपसंद चीजों को खरीदने के साथ-साथ , चाट ,गोलगप्पे, मिठाईयां खाने के शौकीन होते हैंl दशहरे के मेले में बच्चे के हाथों में चमकते हुए धनुष- बाण, गदा जैसे खिलौने मेले की सुंदरता में और  नया चार चांद लगा रहे होते हैं l 

 

 दशहरा 2023 Date and Time:-

भारत में दशहरा का पावन पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है,जो कि इस वर्ष 2023 में 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को पड़ रहा है, इस दिन दशहरा का पावन पर्व संपूर्ण भारतवर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। दशहरा का पावन पर्व असत्य पर सत्य की जीत को प्रदर्शित करता है जिसमें भगवान श्रीराम ने अत्याचारी रावण को इसी दिन यानी शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मारकर बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल की थी और एक बार फिर से आदत आता है राक्षसों का अंत करके यह साबित किया कि,

रामायण चौपाई:- 

 जब जब होई धरम की हानि, बढ़हि असुर अधम अभिमानी ,तब – तब प्रभु धरि विविध शरीरा हरहु कृपानिधि सज्जन पीरा ll

 

जब जब पृथ्वी पर पर अत्याचार और पाप का घड़ा पूरी तरह से भर गया और प्रभु ने देखा कि पृथ्वी पर धर्म की हानि हो रही है तब तब प्रभु ने पृथ्वी से राक्षसों का अंत करने के लिए अवतार लिया ओर राक्षसों का अंत करके पृथ्वी को पापियों से मुक्त करा कर लोगों की पीड़ा को हर कर लोगों का उद्धार किया।

 

दशहरा 2023 शुभ मुहूर्त और समय:-

 

भारतीय हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष यानी 2023 में अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि जिसकी शुरुआत 23 अक्टूबर 2023 दिन मंगलवार को शाम 5:44 से प्रारंभ हो रही है और यह अगले दिन यानी 24 अक्टूबर 2023 को दोपहर 3:14 पर दशमी तिथि का समापन होगा यही सबसे सही शुभ मुहूर्त और सही समय होगा जिसमें लोग अपनी धर्म आस्था और संस्कृति रीति रिवाज के अनुसार पूजा अर्चना भगवान विष्णु भगवान का कर सकते हैं।

 

बुराई के प्रतीक रावण को जलाने का सही मुहूर्त और समय:-

इस वर्ष यानी 2023 में विजयदशमी यानी दशहरा का पावन पर्व 23 अक्टूबर 2023 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा जिसमें रावण दहन का शुभ मुहूर्त समय जो निकलकर सामने आ रहा है वह विद्वान पंडितों के अनुसार शाम को 5:44 से शुरू होकर रात्रि 8:30 तक रहेगा जिसमें रावण दहन किया जा सकता है। भारत के प्रत्येक राज्य में असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक पावन पर्व दशहरा बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है जिसमें प्रत्येक राज्य के प्रत्येक क्षेत्र में रामलीला का आयोजन किया जाता है और इस का समापन असत्य पर सत्य की जीत जानी भगवान श्री रामचंद्र द्वारा रावण वध के साथ ही इसका समापन हो जाता है।

प्रत्येक वर्ष से अलग हटकर इस वर्ष बड़े हर्षोल्लास के साथ दशहरा का पावन पर्व लोग मनाने जा रहे हैं क्योंकि बड़े लंबे अरसे के बाद लोगों को यह शुभ अवसर और सही समय मिल रहा है जिसमें भाईचारे और मिल बर्तन की भावना से ओतप्रोत होकर सभी लोग हर्षोल्लास के साथ इस वर्ष यानी 2023 में दशहरा का महा पावन पर्व बड़े शालीनता और हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे इस दिन मंगलवार यानी सबसे शुभ दिन भी पड़ रहा है जो कि अपने आप में एक बेहद दुर्लभ और बेहद सही संयोग है जिसमें लोग भगवान श्री रामचंद्र और श्री हनुमान की भक्ति में सराबोर नजर आएंगे।

 

2023 में दशहरा त्योहार का महत्व:-

 

वैसे तो प्रत्येक वर्ष दशहरा का पावन पर्व बड़े हर्षोल्लास और बड़ी शालीनता के साथ भारत में मनाया जाता है लेकिन इस बार यानी 2023 में दशहरा का पावन पर्व कुछ अलग खास होने जा रहा है क्योंकि इस दिन मंगलवार का दिन पड़ रहा है , जिस दिन भगवान श्री रामचंद्र के पवन भक्ति हनुमान जी का बेहद खास दिन ढहोता है इस दिन लोग भगवान श्री रामचंद्र की आरती के साथ-साथ भगवान हनुमान जी की आरती और विधिवत पूजन करने का सहयोग बेहद लंबे अरसे के बाद कर पाएंगे,  कई बड़े पंडित और ज्योतिष विद्यान द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि ऐसा शुभ संयोग बेहद लंबे समय के बाद बन रहा है ऐसे में लोगों में एक अलग उत्साह और जोश देखने को मिल रहा है।

दशहरा का पावन पर्व मनाने के पीछे जो सबसे बड़ा कारण है वह असत्य पर सत्य की जीत के प्रति के स्वरूप इस दशहरे पर्व को संपूर्ण भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान श्री रामचंद्र ने अत्याचारी अहंकारी रावण का वध करके अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की जीत हासिल की थी, जोकि इस संपूर्ण ब्रह्मांड और पृथ्वी को संतुलित बनाए रखने का अद्भुत और अद्वितीय उदाहरण देखने को मिलता है। वहीं दूसरी तरफ एक पौराणिक कथा के अनुसार मां दुर्गा ने 9 दिन तक महिषासुर के साथ युद्ध किया था और शुक्ल पक्ष में की दशमी तिथि को महिषासुर का वध करके अपने भक्तों और लोगों की रक्षा की थी, और धरती पर बढ़ रहे अत्याचार अधर्म का नाश करके एक बार फिर से सत्य और धर्म की स्थापना की थी तभी से लेकर आज तक भारत में दशमी तिथि यानी दशहरा का अपने आप में एक बड़ा महत्व और इस दिन लोग बड़े हर्षोल्लास के साथ पावन पर्व के रूप में इस त्यौहार को सेलिब्रेट करते हैं।

 

डिस्क्लेमर :-

 

दशहरा का पावन पर भारत में प्रत्येक वर्ष बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है जिसकी यहां पर केवल हिंदी कैलेंडर और ज्योति आचार्य और पंडितों द्वारा बताई गई सही तारीख को ही बताया गया है, पाठक गढ़ यहां पर दी जाएगी रही जानकारी को एक सामान्य जानकारी की तरह अमल करें   tamatargyan.com किसी भी जानकारी या मान्यता की पुष्टि नहीं करता है किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले कृपया पहले संबंधित तथ्यों के बारे में अपने विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें ।

 

5/5 - (1 vote)

Leave a Comment