आज जानिए कैसे जमीन के नीचे बनेगा यह अद्भुत भविष्य का शहर और दुनिया में कहां-कहां पर ऐसे शहर पहले से ही बनाए गए हैं, इन सभी तथ्यों की पूरी जानकारी जाने:-
भारत में अद्भुत टेक्नोलॉजी के जरिए जमीन के नीचे बनेगा यह अद्भुत शहर, तमाम भविष्य की जरूरतों के लिए यह बेहद अहम भूमिका निभाएगा |
वर्तमान समय में आधुनिक टेक्नोलॉजी के चलते कई प्रकार के परिवर्तन देखे जा रहे हैं ,जिनमें आधुनिक टेक्नोलॉजी के कई बड़े आयामों को फ्यूचर की आने वाली कई सारी बड़ी समस्याओं को ध्यान में रखकर इनको विश्व की सभ्यता और संस्कृति को बचाने के लिए कई देशों द्वारा इन पर प्रमुख रूप से कार्य किया जा रहा हैl आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है शायद उसी की देन है कि दुनिया के कई बड़े देश जैसे चीन, जर्मनी, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया, तुर्की जैसे देशों में जमीन के नीचे शहरों को बसाकर मानव सभ्यता को बचाने के लिए और नए- नए इन्वेंशन आविष्कार के जरिए आने वाली कई समस्याओं को पूरी तरह खत्म करने के लिए इस तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं।
भारत जैसे अत्यधिक जनसंख्या वाले देश में बढ़ती भीड़ को देखते हुए आने वाले भविष्य मैं मेट्रो स्टेशनों के अंडर ग्राउंड मॉडल के आधार पर भारत में भूमिगत सहरवा मार्केट बस आने की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है। यह भी इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि भारत की सीमा पर सुरक्षा की दृष्टिकोण से भी यह भूमिगत शहर आने वाली कई संकट और नई समस्याओं को पूरी तरह से समाप्त करने में अपना अहम योगदान देगी ,इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए भारत के प्रमुख iit-bhu व दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के बीच इसके फीचर स्ट्रक्चर मॉडल बनाने को लेकर अभी से कार्य शुरू कर दिया गया है जो कि आने वाले समय में कई संभावनाओं को नया पंख लगाने में अपना अहम योगदान दे सकती है इस पर भारत सरकार भी पूरी तरह से सहमत है और आने वाले कुछ ही वर्षों में भारत में भी अंडरग्राउंड शहर देखने को मिल सकते हैं।
भारत में इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए भारत में भी नई टेक्नोलॉजी और भविष्य की असीमित संभावनाओं और आने वाले गंभीर संकटों को देखते हुए वैज्ञानिकों ने जमीन के नीचे शहर बसाने का पूरा मैप तैयार कर लिया है और यह कार्य आईआईटी के प्रमुख इंजीनियरों और भारत के प्रमुख आईआईटीबीएचयू संस्थान मिलकर इस पर शोध कार्य करेंगे और आने वाले समय में इस इस फ्यूचर प्रोजेक्ट को आईआईटी बीएचयू और दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन यानी डीएमआरसी दोनों मिलकर पूरा करेंगे, इस बड़े फ्यूचर प्रोजेक्ट के लिए दोनों के बीच समझौता हुआ है। आईआईटी के प्रमुख अधिष्ठाता अनुसंधान एवं विकास परिषद के प्रोफेसर विकास कुमार दुबे और डीएमआरसी के निदेशक दलजीत सिंह ने इस फ्यूचर प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जो कि आने वाले समय में इस प्रोजेक्ट पर मिलकर काम करेंगे। भारत में जमीन के नीचे शहर बनाने के लिए इन दोनों iit-bhu और दिल्ली मेट्रो रेल अकादमी शोध के लिए एक -एक केंद्र अपने अपने अकादमी मे स्थापित करेंगे।
आखिर भारत में जमीन के नीचे इन शहरों को बनाने के पीछे की वजह क्या है आओ जाने:-
सुरक्षा और जनसंख्या नियंत्रण की दृष्टि से बेहद अहम :-
फ्यूचर में आने वाली कई गंभीर समस्याओं प्राकृतिक आपदाओं व कई प्रकार की समस्याओं से निपटने के लिए भारत जमीन के नीचे शहर बना कर आने वाली कई गंभीर समस्याओं को पूरी तरह खत्म करने के साथ-साथ युवाओं को रोजगार और विश्व में चल रही क्रांतिकारी बदलाव के प्रति यह महत्वपूर्ण कार्य बेहद जरूरी और अहम माना जा रहा है।
इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए iit-bhu के निदेशक आचार्य प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत परिवहन और रक्षा के लिए tanal टनल बनाने में तकनीकी पद्धति का प्रयोग देश के संपूर्ण विकास मैं अपना महत्वपूर्ण सहयोग देगा।
भारत में टनलिंग और भूमिगत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की शुरुआत करने में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, इसके साथ-साथ डीएमआरसी फील इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने के लिए एक छोटे समय में प्रशिक्षण कार्यक्रम को भी यह महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेगा।
IIT आईआईटी में स्थापित होगा यह उत्कृष्टता केंद्र टनलिंग उद्योग में भारत बनने जा रहा है आत्मनिर्भर:-
भारत में जमीन के नीचे शहर बसाने की पूरी योजना को डीएमआरसी और आईआईटी अनुसंधान दोनों मिलकर इसको फ्यूचर का मॉडल देने के लिए कमर कस चुके हैं और आने वाले कुछ ही समय में यह महत्वपूर्ण कार्य प्रारंभिक कर दिया जाएगा जो कि आने वाले कुछ वर्षों में भारत भी उन गिने-चुने देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा जहां पर जमीन के नीचे यानी अंडरग्राउंड शहरों को पहले ही बनाया जा चुका है जो कि भविष्य में आने वाली कई बड़ी समस्याओं और कई बड़ी सफलताओं के लिए बेहद अहम रोल निभाने का काम करेंगी।
यह भूमिगत शहर भारत के भविष्य के लिए बेहद जरूरी भी है:-
भारतीय वैज्ञानिकों के अनुसार फ्यूचर में आने वाली कई प्रकार की संभावित बड़ी समस्याओं के लिहाज से यह भारत के विकसित भविष्य के लिए बेहद जरूरी है कि भारत में भी अंडर ग्राउंड स्पेस फ्यूचर मॉडल के आधार पर शहर बनाए जाएं जिससे भारत में लगातार बढ़ रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भूमि के नीचे सुरंगों में समानांतर शहर बनाए जाएं इसके साथ-साथ इन शहरों में बाजार शॉपिंग, कंपलेक्स ग्रीन पर्यावरण और कई अन्य मां मानव जीवन के दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली उन सभी सुख-सुविधाओं की तरह ईद पर इन शहरों का निर्माण किया जाए जिससे कि भारत में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं व कई प्रकार की अन्य गंभीर समस्याओं का सामना किया जा सके, और भारत भी अपनी अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के लिए अपना कार्य कर सके।
दुनिया में कुछ प्रमुख देशों द्वारा पहले ही बनाए जा चुके हैं भूमिगत शहर आओ जाने:-
जर्मनी:-
भूमिगत शहरों की श्रेणी में जर्मनी का नाम प्रमुख रूप से आता है, क्योंकि यहां पर आपको यदि असली बर्लिन को ढूंढना और देखना है तो आपको जमीन के नीचे जान पड़ेगा l इस भूमिगत बनाए गए शहर को यदि आप देखेंगे तो आपकी आंखें खुली की खुली रह जाएंगी क्योंकि यहां का संपूर्ण वातावरण प्राकृतिक नजारा और यहां का रहन-सहन बिल्कुल धरती के ऊपरी वातावरण की तरह है जो कि एक अद्भुत रोमांच मन में भर देता है, पर्यटन की दृष्टि से भी यह एक ऐतिहासिक स्थल रहा हैl
तुर्की:-
भूमिगत शहरों की दूसरी श्रेणी में तुर्की का नाम प्रमुख रूप से आता है क्योंकि यहां पर बनाए गए भूमिगत शहर मैं लगभग 20000 लोगों की रहने की व्यवस्था है जो कि अपने आप में एक अद्भुत शहर माना जाता है यहां पर आपको भूमिगत कॉन्प्लेक्स के अलावा यहां पर धार्मिक स्कूल, पर्यटन स्थल और कई प्रकार के तहखाने मौजूद हैं जिनकी सुंदरता देखते ही बनती है।
दक्षिण ऑस्ट्रेलिया:-
दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में यह छोटा सा भूमिगत शहर इसलिए बनाया गया क्योंकि यहां पर पड़ने वाली भीषण गर्मी और जंगली कुत्तों से बचने के लिए वहां के लोगों द्वारा इस भूमिगत शहर को बनाया गया था l जो कि देखने में बेहद सुंदर और कई प्रकार की दुकानें और चर्च से अपने आप को अलंकृत करता है इसमें आपको ऑस्ट्रेलियाई सभ्यता संस्कृति के दर्शन करने को मिलते हैं जो कि अपने आप में एक अनूठा शहर है।
China चीन:-
चीन में बने इस भूमिगत शहर को सुरक्षा की दृष्टि से बनाया गया है, इस भूमिगत अंडरग्राउंड शहर में आपको स्कूल, थिएटर क्लीनिक, रेस्ट्रां, और मनोरंजन के लिए कई प्रकार के आधुनिक रोलर स्केटिंग जैसे उपकरण भी यहां पर आपको देखने को मिल जाएंगे l चीन द्वारा बनाए गए इस भूमिगत शहर को अंडर ग्राउंड ग्रेट वॉल के नाम से भी जाना जाता है जोकि देश के नागरिकों की सुरक्षा और कई प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिए इस भूमिगत शहर स्ट्रक्चर मॉडल को बनाया और बसाया गया है।