- सौर ऊर्जा से चार्ज होने वाला यह अद्भुत ड्रोन सीमाओं की सुरक्षा किसी भी परिस्थितियों में कर सकता है:-
- यह गर्म से गर्म मौसम राजस्थान जैसे इलाकों की भीषण गर्मी की तपिश को सह सकता है और लेह लद्दाख की –40 डिग्री सेल्सियस तापमान को भी सहने में पूरी तरह सक्षम है:-
आधुनिक समय में ड्रोन टेक्नोलॉजी तेजी से विकसित हो रही है ड्रोन |भारत में बनने वाले दोनों टेक्नोलॉजी के अद्भु अभी की अपनी कुछ अलग ही खास और पहचान आज बनती जा रही है इसकी वजह भारत के युवा और उनकी अद्भुत कार्य कुशलता को दर्शाता है। भारत में आज कृषि ड्रोन से लेकर सामान को ट्रांसपोर्ट करने वाली है विड्रोल भी बनाए जा रहे हैं इसके अलावा मेडिसिन सप्लाई के लिए भी ट्रांसपोर्ट वाले बड़े दलों का निर्माण इंडिया की हॉल कंपनी बना रही है इसके साथ साथ भारत अपने सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए सीमाओं की निगरानी करने के लिए आधुनिक अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस हर मौसम में काम करने वाले ड्रोन बना रही है। भारत में अभी हाल ही में भारतीय युवाओं द्वारा बेहतरीन टेक्नोलॉजी से लैस स्काईब्लॉक नामक ड्रोन बनाकर तैयार किया गया है जो कि सभी परिस्थितियों में सीमाओं की निगरानी कर सकता है इसके अलावा यह ड्रोन ऑटोमेटिक मोड पर चलता है और भीषण से भीषण गर्मी में भी काम कर सकता है और लेह लद्दाख जैसी ठंडी से ठंडी जगहों पर भी अपना हंड्रेड परसेंट परफॉर्मेंस करने में पूरी तरह सक्षम है। यही वजह है कि इस ड्रोन की अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी को जब प्रदर्शित किया गया तो भारतीय सेना के प्रमुख और भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा इसकी तारीफ की गई। भारत में अभी कई एडवांस फीचर शैलेश डोल टेक्नोलॉजी अपने शुरुआती चरणों में है और धीरे-धीरे यह अपना विस्तार कर रही है और आने वाले समय में भारत डॉन का निर्यात भी करने वाला है ।