सरकारी अस्पतालों में Free फ्री में नेजल वैक्सील इनकोवैक iNCOVACC को देने की तैयारी में भारत सरकार:-दुनिया भर में करोना ने हाहाकार मचा रखा हैl भारत भी अपनी पूरी तैयारी में करुणा से बचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। अभी हाल ही में भारत के लिए एक बहुत राहत देने वाली खबर निकल कर सामने आ रही है जिसके मुताबिक भारत बायोटेक कंपनी ने नाक से ली जाने वाली दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन(इनकोवैक iNCOVACC) बना ली है जो कि करुणा के संक्रमण को शुरुआती इंफेक्शन में ही खत्म करके शरीर के अंदर करोना से होने वाले संक्रमण को फैलने से बचाने में बेहद कारगर साबित हुई है।
नाक द्वारा दी जाने वाली यह वैक्सीन शरीर की शासन प्रणाली के ऊपरी हिस्से यानी नाक और गला में प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करती है इसके साथ-साथ यह करो ना कि संक्रमण को भी पूरी तरह से खत्म करके इसे शरीर के अंदर संक्रमण फैलाने से पूरी तरह रूकती है।
वही परंपरागत वैक्सीन की बात करें तो यह मांसपेशियों में सुई से दी जाने वाली वैक्सीन केवल शोषण प्रणाली के निचले भाग यानी फेफड़े में प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में कारगर साबित होती है। मांसपेशियों में सुई द्वारा दी जाने वाली वैक्सीन गले और नाक में संक्रमण को रोकने में कारगर साबित नहीं होती यही वजह है कि भारतीय बायोटेक कंपनी ने इस प्रकार की अद्भुत चमत्कारिक करोना नोजल वैक्सीन बनाकर एक बार फिर से दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है यह वैक्सीन ना सिर्फ केवल भारतीय लोगों में करो ना कि संक्रमण को पूरी तरह से खत्म करने का काम करेगी बल्कि यह करो ना जैसी गंभीर बीमारी को पूरी तरह से नियंत्रित करने में भी गेमचेंजर साबित होगी।
भारत बायोटेक ने बनाई नाक से ली जाने वाली दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन जिसका नाम है इनकोवैक iNCOVACC :-
भारत में कोरोना महामारी से निपटने के लिए गेम चेंजर साबित होने वाली नाक से ली जाने वाली दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन इनकोवैक iNCOVACC को बनाकर करोना को पूरी तरह से खत्म करने का जोक साहसिक काम किया है वह अपने आप में एक बहुत बड़ी भारत के लिए उपलब्धि है। भारत सरकार इस इनको वर्क वैक्सीन को अब सरकारी अस्पतालों में फ्री में देने का विचार कर रही है क्योंकि जिस तरह से चीन अमेरिका और बाकी अन्य देशों में करो ना कि लाखों मामले एक-एक दिन में आ रहे हैं उसको देखते हुए भारत सरकार पूरी तरह से भारत के लोगों को इस करो ना जैसी भयंकर बीमारी से बचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार यानी 27 दिसंबर 2022 को 18 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए इस नेजल वैक्सीन (इनकोवैक iNCOVACC) को अभी फिलहाल निजी अस्पतालों के लिए ₹800 और सरकारी अस्पतालों में इसे ₹325 में देने के लिए निर्णय लिया गया है।
वही इस वैक्सीन को खरीदने पर जीएसटी अलग से लोगों को देना होगा। अभी तक यह सतर्कता रोज की बात करें तो महज 27% परसेंट लोगों को ही सतर्कता डोज लग पाई है इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार इसे सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है लेकिन इस पर अभी तक कोई निर्णय फैसला नहीं आया है।
इनकोवैक iNCOVACC भारत में जनवरी के चौथे सप्ताह से सभी के लिए उपलब्ध हो जाएगी: –
भारत सरकार ने निर्जल वैक्सीन को पूरी तरह से हरी झंडी दिखा दी है और इसके इस्तेमाल के लिए जनवरी यानी नए वर्ष 2023 के आखिरी सप्ताह से इसको अस्पतालों मैं पूरी तरह से उपलब्ध हो जाएगी जिससे कि भारत के 18 वर्ष से ऊपर की आयु वाले प्रत्येक व्यक्ति स्त्री पुरुष को यह नेजल वैक्सीन पूरी तरह से उपलब्ध हो पाएगी जिससे कि भारत में कोरोना के संक्रमण दर में पूरी तरह से कमी आएगी और भारत जो कि चीन के बाद सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है यहां पर चीन जैसे गंभीर हालात नहीं बन पाएंगे ऐसा सरकार का मानना है, लेकिन यह सब कितना संभव हो पाता है यह आने वाला समय बताएगा लेकिन जिस तरह से भारतीय बायोटिक कंपनियों ने कोरोना महामारी के शुरू होने से लेकर अब तक अपनी वैक्सीन बनाकर विश्व में अपनी अलग छाप छोड़ी है वह भारत के सक्षम कुशल और आत्मनिर्भर भारत का गौरव पूरे विश्व में अपना परचम लहरा रहा है।
सतर्कता डोज के रूप में इसे नाक में मात्र दो बूंद डालने की आवश्यकता होगी: –
इनकोवैक iNCOVACC को सतर्कता डोज के रूप में नाक में मात्र दो बूंदे डाली जाएंगी जिससे यह करोना के शुरुआती संक्रमण को नाक मुंह और गले में होने वाले पहले संक्रमण को पूरी तरह से खत्म करने में पूरी तरह कारगर साबित होगा जिससे कि करुणा जैसा घातक वायरस शरीर के अंदर नहीं जा पाएगा इससे शरीर के अंदरूनी फेफड़ों और अन्य शरीर के अंदरूनी पार्ट्स को यह किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचा पाएगा।
इनकोवैक iNCOVACC नेजल वैक्सीन ज्यादा कारगर साबित हो रही है: –
भारतीय बायोटेक कंपनी द्वारा नाक से दी जाने वाली नेजल वैक्सीन (इनकोवैक iNCOVACC) शासन प्रणाली के ऊपरी हिस्से यानी नाक और गला में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जिससे कि यह शरीर के अंदर फेफड़ों मांसपेशियों को संक्रमित होने से बचाने का काम करता है इसलिए इस पर जो अभी तक शोध किए गए हैं उसमें यह नेजल वैक्सीन पूरी तरह से ज्यादा अन्य व्यक्तियों के मुकाबले कारगर साबित हुई है।
लेकिन देखना यह होगा कि यह जन सामान्य पर उपयोग होने पर कितने प्रतिशत फायदेमंद साबित होती है यदि इसने जल वैक्सीन के द्वारा कुरौना के शुरुआती संक्रमण को रोकने में सफलता मिल पाए तो निश्चित ही भारत न सिर्फ केवल करुणा जैसी महामारी से निपटने में पूरी तरह सक्षम हो पाएगा बल्कि चीन और अमेरिका में हो रहे लगातार बढ़ते गंभीर हालत हो के बीच आपसी सहयोगी मदद करके इस भयंकर बीमारी पर पूरी तरह नियंत्रण पाने में कामयाब हो पाएगा।