2022 में दीपावली कब है? Deepawali kab hai:-

भारत सदियों से धार्मिक त्योहारों, उत्सवों, का देश रहा है l भारत को विश्व का आदिगुरु कहा जाता है क्योंकि संपूर्ण मानव सभ्यता की संस्कृति की झलक भारत में मिलती है। दीपावली का पर्व आते ही हमारे मन में जगमगाती और टिमटिमाती हुई चमकीली रोशनी, से सजी संवरी इमारतें, दीपों की रोशनी से जगमगाते घर आदि की छवि स्वत: ही हमारी आंखों के सामने आ जाते हैं। दीपावली का त्यौहार होता ही इतना सुंदर है कि हमारे चारों तरफ का वातावरण दीपों की जलती रोशनी से इतना सुंदर दिखाई पड़ता है कि मानो स्वर्ग की जगमगाती रोशनी धरती पर आज की रात  अपने आप चलकर आ गई है।भारत में कई प्रकार के धार्मिक उत्सव और त्योहार बड़ी सादगी और हर्षोल्लास के साथ प्रति वर्ष मनाए जाते हैं। भारत में दीपावली का पर्व सबसे प्रमुख माना जाता है। वैसे तो हर साल हम दीपावली का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। लेकिन इस वर्ष यानी 2022 में दीपावली का पर्व त्यौहार कब पड़ रहा है और इसकी पूजा का शुभ समय क्या पढ़ रहा है आइए इसके बारे में जानते हैं। इस वर्ष 2022 में दीपावली का पर्व हिंदी पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या  तिथि  24 अक्टूबर 2022 दिन सोमवार को पढ़ रहा है। प्रत्येक वर्ष की तरह इस साल भी कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की जो तिथि पड़ रही है वह 24 अक्टूबर दिन सोमवार की हैl इस दिन का सबसे बड़ा महत्व इसलिए भी है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करने से वह अपने भक्तों पर प्रसन्न रहती हैं इस अमावस्या तिथि को जो भी माता लक्ष्मी और गणेश की पूजा अर्चना करते हैं उन भक्तों के जीवन में धन की कमी कभी नहीं होती है उनके जीवन में यश वैभव और उनकी कीर्ति हमेशा बढ़ती रहती है यही वजह है कि भारत में ही नहीं संपूर्ण विश्व में दीपावली का पर्व बड़े उत्साह पूर्वक हर्षोल्लास के साथ हर वर्ष मनाया जाता है।

2022 दीपावली का शुभ समय और पूजन:-

2022 में दीपावली हर साल की तरह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाएगा लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका सही शुभ समय पूजा विधि के लिए कितने बज के कितने मिनट से स्टार्ट होगा और पूजन में किन किन सावधानियों को ध्यान में रखना है इसके लिए हम आपको बताते चलें कि अमावस्या तिथि का प्रारंभ 24 अक्टूबर को शाम 6:03 से शुरू होगा जोकि 24 अक्टूबर 2022 को रात्रि 2:44 (2 बजकर 44 मिनट) पर समाप्त होगा तो इसी समय के बीच में पूजन करने का शुभ संयोग बन रहा है।

प्रदोष काल का समय शाम 5:43 से रात्रि के 8:16 तक रहेगा इसके अलावा सब काल का भी समय रात्रि 6:54 से रात्रि 8:50 तक रहेगा।

माता लक्ष्मी की पूजा की विधि:

दीपावली मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का सबसे शुभ पर्व माना जाता है। साल की सबसे बड़ी अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी और श्री गणेश भगवान की पूजा अर्चना करने से हर व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता यानी गरीबी दूर होती है इतना ही नहीं यदि सही मनसे और विधिपूर्वक मां लक्ष्मी की पूजा जो भी स्त्री- पुरुष मिलकर करते हैं उन पर मां लक्ष्मी और गणेश की कृपा जीवन पर्यंत बनी रहती है और उनके जीवन में दरिद्रता गरीबी कभी नहीं आती है। 

दीपावली साल की सबसे बड़ी अमावस्या को पड़ता है इसलिए मां लक्ष्मी और गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए यह सबसे उत्तम और सरल समय माना जाता है। पूजा शुरू करने से पहले हमें अपने घर पर मंदिर को गेंदे के फूल और घी के दीपक जला कर सबसे पहले मंदिर को दीप्तिमान करना चाहिए। इसके बाद एक थाली  में सुगंधित पुष्प और कुमकुम, प्रज्वलित दीपक के साथ-साथ कपूर को  जलाकर मां लक्ष्मी की आरती करने का विशेष प्रावधान है, जिसे हर घर में हर व्यक्ति अपने तरीके से मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते हैं। पूजा करने के बाद मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इस दिन गरीबों को दान देने का भी विशेष महत्व ऋषि मुनियों द्वारा बताया गया है जिसे करने वाले व्यक्ति हमेशा अपने जीवन में सुख शांति और समृद्धि पाते हैंl

Disclaimer:-दीपावली का पर्व आप लोगों को कैसा लगता है यह कमेंट बॉक्स में अपने विचार आप लोग हमारे साथ जरूर साझा कर सकते हैं। यदि आपको मेरे द्वारा दी जा रही जानकारी अच्छी लगती है तो आप इस सूचना को अपने दोस्तों तक शेयर जरूर करें l पोस्ट में दी जा रही जानकारी केवल आप सभी तक एक संदेश पहुंचाने के माध्यम से दी जा रही है यह किसी भी प्रकार की मान्यता या फिर किसी प्रकार की मान्यता या इसमें बताए गए सुझाव को अमल में लाने के लिए किसी को प्रेरित नहीं करता है l

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