भारत धार्मिक उत्सव त्योहारों का प्रमुख देश है है। भारत में कई प्रकार के उत्सव व त्यौहार मनाए जाते हैं जैसे दीपावली,होली, बसंत पंचमी, गणेश चतुर्थी इसी के साथ -साथ भारत में सावन महीने में रक्षाबंधन का त्यौहार भी हिंदू धर्म में बड़े सादगी की भावना के आधार पर संपूर्ण देश में मनाया जाता हैl इस साल यानी 2022 में रक्षाबंधन का पावन पर्व 11 अगस्त दिन गुरुवार को पड़ रहा है जोकि सभी के लिए बहुत ही शुभ नक्षत्र में पढ़ने वाला यह पर्व बहुत ही शुभ और लोगों को खुशियां देने वाला है।
2022 में रक्षाबंधन बांधने का शुभ मुहूर्त और समय:
भारत में इस साल यानी 2022 में रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त के बारे में कुछ प्रमुख ज्योतिषाचार्य ने इसके दिन और तारीख समय के बारे में हिंदू पंचांग के अनुसार इसके बारे में सटीकता से बताया है। इस वर्ष हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा जो कि 11 अगस्त दिन गुरुवार को पर पड़ रही है इस का शुभ मुहूर्त 10:30 से शुरू होकर उसके अगले दिन 12 अगस्त शुक्रवार को सुबह 7:05 पर समाप्त होगी। यहां पर यह बात महत्वपूर्ण हो जाती है कि गुरुवार और शुक्रवार 2 दिनों में इसकी तिथि का शुभ मुहूर्त बन रहा है लेकिन आपको यहां पर बताते चलें कि रक्षाबंधन बांधने का जो शुभ मुहूर्त बताया गया है वह 11 अगस्त 2022 दिन गुरुवार को सुबह 8:51 से लेकर रात 9:19 तक इसका शुभ मुहूर्त रहेगा जिसमें बहनें अपने भाइयों को इस समय के बीच में कभी भी रक्षाबंधन बांधकर बांधकर उनके लंबी आयु होने की मनोकामना कर सकती हैं।
2022 में रक्षाबंधन का शुभ योग संयोग कब बन रहा है?
2022 में रक्षाबंधन के दिन चंद्रमा मकर राशि में रहने वाले हैं और धनिष्ठा नक्षत्र के साथ सुमन योगी इस साल लगेगा। आता रक्षाबंधन के शुभ योग के लिए भद्र काल को छोड़कर राखी बांधने के लिए पूरा 12 घंटे का समय इस वर्ष मिल रहा है जो कि बहुत ही शुभ और लोगों को सुख समृद्धि देने वाला माना जा रहा है। 2022 में भद्रा काल और राहु काल का विशेष महत्व होता है जिसमें की भद्रा काल और राहु काल में राखी ना बांधने का प्रचलन हमारे यहां सदियों से रहा है क्योंकि इस समय में शुभ कार्य करने वर्जित माने जाते हैं । अतः 11 अगस्त 2022 दिन गुरुवार को पूर्वाहन 10:38 से शुरू होकर उसके अगले दिन यानी 12 अगस्त दिन शुक्रवार को सुबह 7:05 तक शुभ योग पर ही रक्षाबंधन बांधने का शुभ मुहूर्त बताया गया है तो इसी समय पर सभी बहने अपने भाइयों को रक्षाबंधन बांधकर उनके लंबी आयु की व्रत पूजा कर सकती हैं।
रक्षाबंधन से जुड़ी दो प्रमुख कथाएं जो सब को पढ़नी चाहिए:
रक्षाबंधन के पर्व से संबंधित एक लोककथा सदियों से चली आ रही है अनुसार एक बार मृत्यु के देवता यम लगभग 12 वर्षों तक अपनी बहन यमुना के पास किसी कारणवश नहीं जा सके इस पर यमुना को काफी दुख हुआ बाद में मां गंगा के विचार विमर्श पर हम अपनी बहन यमुना के पास गए, इतने लंबे समय के बाद जब हम अपनी बहन यमुना के पास पहुंचे तो यमुना अपने भाई को देखकर बहुत ही प्रसन्न हुई उन्होंने यम को आदर्श सत्कार के साथ उनको भोजन कराया और अपने भाई यम की खूब देखभाल की, इससे यम महाराज काफी प्रसन्न हुए और आशीर्वाद के रूप में उन्होंने यमुना को हमेशा के लिए अमर होने का वरदान दिया जिससे यमुना हमेशा के लिए अमर हो गई और यम सदा उनकी रक्षा के लिए पप्रतिबद्ध हो गएl