2022 में भारत देश का पहला डबल डेकर फ्लाईओवर दिल्ली में बन रहा है जिसकी लंबाई 1.4 किलोमीटर होगी:

दिल्ली में डबल डेकर फ्लाईओवर के बन जाने से दिल्ली का प्रारूप रूप कितना बदल जाएगा, इन्हीं तथ्यों पर आधारित है आज का हमारा विशेष ज्ञान मंथन… 

आवश्यकता आविष्कार की जननी है, आज भारत में हो रहा प्रत्येक कार्य ना सिर्फ लोगों की आवश्यकता और जरूरतों के कारण आज संपन्न होता नजर आ रहा है, बल्कि इसके पीछे नियमित अथक और कड़ी परिश्रम भी शामिल है l देश में हो रहे चौमुखी विकास की तरफ यदि हमारा आज ध्यान जाता है तो उसमें हमारे देश के सभी श्रमिकों, कारीगरों, वैज्ञानिकों और कौशल लोगों का प्रमुख योगदान  है, जो लगातार बिना रुके हुए अपने अथक मेहनत परिश्रम से आज भारत के लगातार बढ़ रहे वर्चस्व को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। भारत के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई,कोलकाता, चेन्नई इन प्रमुख शहरों में कई प्रकार के अतुलनीय  विकास देखे जा सकते हैं जिसमें दिल्ली में कुछ वर्षों में आए आमूल- चूल परिवर्तनों के कारण कई प्रकार के बदलाव देखे जा सकते हैं l

दिल्ली में लगातार बढ़ रहे Population (जनसंख्या)  और भारत के कई राज्यों से आने वाले  वर्करों, मजदूरों की वजह से दिल्ली में यातायात यानी ट्रैफिक की समस्याओं से रोज लोगों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था , ऐसे में 2001 में जब मेट्रो की शुरुआत की नीव रखी गई और कुछ ही समय में दिल्ली में मेट्रो का संचालन भी शुरू हो गया, तब से लेकर दिल्ली में इस ट्रैफिक समस्या पर कुछ हद तक काबू जरूर पाया गया लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे दिल्ली में रोड ट्रैफिक की समस्याओं में फिर से  बढ़ोतरी होने लगीl इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार द्वारा अब फ्लाईओवर  ब्रिज को भी डबल डेकर यानी दो मंजिला बनाने की जरूरत महसूस होने लगी, ऐसे में दिल्ली में हाल ही में मेट्रो फेज -4 के लिए डबल डेकर फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है l

जिसमें नीचे सड़क और फ्लाईओवर पर वाहन गुजरेंगे तो ठीक उसके ऊपर टॉप ट्रैक पर मेट्रो ट्रेन चलेगी। यदि इस डबल डेकर फ्लाईओवर की बात की जाए तो यह तकरीबन 1.4 किलोमीटर के दायरे में बन रहा सबसे अनोखा और नया निर्माण कार्य है जिसे कुछ ही समय में पूरा कर लिया जाएगाl  इससे उत्तर पूर्वी दिल्ली की 10 से अधिक कालोनियों के लोगों को आने जाने मैं होने वाली दिक्कतों भारी ट्रैफिक की समस्या से छुटकारा मिल पाएगा। इस डबल डेकर  फ्लाईओवर के बन जाने से वर्तमान समय से लगभग 3 गुना अधिक वाहन यहां से गुजर सकेंगे और पिछले समय में होने वाली ट्रैफिक की समस्याओं से छुटकारा मिल पाएगा।

 उत्तरी दिल्ली में लोक -निर्माण विभाग (PWD)पीडब्ल्यूडी और दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation) द्वारा यह कार्य सुचारू रूप से मिलकर किया जा रहा है, जिसे जल्द से जल्द पूरा करके उत्तर पूर्वी दिल्ली से रोजाना दिल्ली के लोगों को दिल्ली के हर कोने तक लोगों की पहुंच को आसान बनाने  की यह योजना लोगों को हो रही असुविधा से छुटकारा दिला पाएगा।

इसका स्ट्रक्चर होगा बेहद मजबूत:

यदि बात की जाए इस प्रोजेक्ट निर्माण की मजबूती और टिकाऊ पनकी तो यह बेहद ही मजबूत और आधुनिक टेक्नोलॉजी और इंजीनियर की मदद से इसका निर्माण किया जा रहा है जिसमें इसको जमीन से 8.5 मीटर की ऊंचाई पर मेट्रो चलाने और इसके नीचे से मैं जमीन से 9.5 मीटर की ऊंचाई पर फ्लाईओवर बनाकर उस पर वाहनों के आने जाने की सुविधाओं से परिपूर्ण होगा। इस डबल डेकर फ्लाईओवर की चौड़ाई 10.5 मीटर होगी इसके अलावा यदि बात चीज है इसकी चौड़ाई की तो यह तकरीबन 10 मीटर तक चौड़ी होगी। यदि बात की जाए पिलर की गहराई की तो इनके पैरों को मजबूती देने के लिए इसके पिलर को के गड्ढे को लगभग 10 मीटर की गहराई तक खुद कर किस को मजबूती दी जाएगी जिससे कि भविष्य में आने वाले भूकंप व अन्य प्रकार के समस्याओं से यह डबल डेकर फ्लाईओवर ब्रिज अपनी सेवाएं सदा प्रदान करता रहेगा।

इस डबल डेकर फ्लाईओवर का निर्माण 12.5 किलोमीटर के मौजपुर मजलिस पार्क डोर पर पिंक लाइन के विस्तार के लिए किया जा रहा हैl  जिससे कि इस एरिया में लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक Traffic की समस्याओं और लोगों की  आने जाने की परेशानियों से छुटकारा मिल पाएगा। इसके अलावा इस  डबल डेकर फ्लाईओवर के बन जाने से रिंग कॉरीडोर के जरिए इस को जोड़ा जाएगा जिससे कि इसकी कनेक्टिविटी को और अधिक सुविधाओं से लैस किया जा सके ,जिससे कि लोगों की सुविधाएं और अधिक आसान और सुलभ हो सके।

जल्द ही 8 मेट्रो स्टेशनों के बीच दौड़ती नजर आएगी ड्राइवरलेस मेट्रो:-

आपको बताते चलें कि इस कॉरिडोर के निर्माण के पूरा हो जाने पर इस Corridor (कोरिडोर) से जुड़े हुए अन्य कॉरीडोर जैसे यमुना विहार, सोनिया विहार, भजनपुरा, खजूरी, सूर घाट जगतपुर गांव, झरोदा, माजरा और बुराड़ी के सभी लोगों को आठ 8 और नए एलिवेटेड स्टेशनों से यात्रियों को मेट्रो की सुविधा पहुंच पाएगी, इस कॉरिडोर पर सबसे पहले फेज 4 मेट्रो परिचालन की शुरुआत होगी जिसके सफल हो जाने के बाद  इस कॉरिडोर पर चालक रहित यानी ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन(Driver Less Metro Train) का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा।

यह एक कॉरिडोर इतना ज्यादा महत्वपूर्ण है कि उपरोक्त जानकारी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दिल्ली के इन एरिया Area में रहने वाले सभी लोगों को कितनी अच्छी सुविधा मिलने जा रही है , जो लोग अभी तक ट्रैफिक व अपने क्षेत्र में पहुंचने के लिए घंटों विलंब हो जाते थे उनको अब यह असुविधा से छुटकारा मिलने वाला है, क्योंकि दिल्ली सरकार की तरफ से यह डबल डेकर फ्लाईओवर का निर्माण ना सिर्फ दिल्ली के लोगों के लिए एक आमूलचूल परिवर्तन लेकर आयेगा  बल्कि आने वाले दशक में यह दिल्ली के बनावट स्ट्रक्चर को पूर्ण रूप से बदलकर दिल्ली को एक नया लुक(New Look) भी प्रदान करेगा, जिससे कि दिल्ली में लगातार बढ़ रहे पॉपुलेशन और बढ़ रहे ट्रैफिक की समस्याओं से पूर्ण रूप से छुटकारा पाया जा सकेगा।

इस प्रोजेक्ट के आने से लोगों की क्या प्रतिक्रिया रही है आओ जाने:

इस प्रोजेक्ट के शुरू होते ही इस पर कई लोगों ने अपनी टिप्पणी की है क्योंकि यह एक नया निर्माण और नया प्रोजेक्ट है जिस पर लोगों ने अपनी राय साझा की है यदि आप भी इस प्रोजेक्ट से खुश हैं और दिल्ली में आने वाले समय में कोई परिवर्तन इस प्रोजेक्ट से लेकर आपको नजर आता दिख रहा है तो आप अपने कमेंट नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर कर सकते हैं और यह आपके पास इसी प्रकार के कोई निर्माण आमूलचूल परिवर्तन लाने संबंधित कोई थॉट कोई विचार हैं तो आप हमारे साथ साझा कर सकते हैं और उन खास पॉइंट्स बिंदुओं पर खास चर्चा जरूर की जाएगी और इसको शासन प्रशासन तक पहुंचा कर हमारा प्रयास रहेगा कि दिल्ली जैसे शहर में हो रहे बदलाव के साथ-साथ भारत के अन्य शहरों में भी इसी तरह की नई निर्माण कार्य योजनाओं से बदलते भारत के स्वरूप को दुनिया के सामने रखकर हम एक बेहतर भारत का निर्माण कर सकने में सक्षम जरूर हो पाएंगे।

इस नए प्रोजेक्ट से दिल्ली कितना बदल जाएगी सरकार किन-किन कार्यों पर फोकस कर रही है आओ जाने:

दिल्ली सरकार इन प्रोजेक्टों के तहत दिल्ली को ग्रीन दिल्ली (Green Delhi) क्लीन डेल्ही (Clean Delhi)बनाने के लिए कई अन्य अहम कार्य भी कर रहे हैं जिनमें न्यू मॉडल के Flyover निर्माण के साथ-साथ हरे भरे पौधों का प्रत्यारोपण करना वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कम जगहों पर ज्यादा सुविधा प्रदान करने वाले संसाधनों को और अधिक बेहतर बनाना व इसके अलावा दिल्ली में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना आज प्रमुख कार्यों पर लगातार तीव्र गति से काम किए जा रहे हैं, जिससे कि आने वाले समय में आज की दिल्ली और अधिक स्वच्छ और सुंदर बन सके, जिससे कि यहां पर रह रहे लोगों को हो रही कई प्रकार की असुविधाओं से हमेशा के लिए छुटकारा मिल सके और दिल्ली जैसे शहरों का विश्व में एक नया स्वरूप पहचान बन सके, जिससे कि भारत देश की राजधानी के विकास के इस New स्वरुप के कारण, भारत देश की पहचान उन विकसित देशों की श्रेणी में शामिल हो जाए जो आज अपने आप को ज्यादा बेहतर समझने की गलतफहमी पाले हुए बैठे हैं।

लागत कितनी आएगी आओ जाने:

यदि बात की जय इस प्रोजेक्ट के निर्माण की लागत की तो दिल्ली सरकार की तरफ से इस पर कोई भी आधिकारिक बयान निकल कर सामने नहीं आया है, क्योंकि इस तरह के प्रोजेक्ट को सरकार निर्माण कार्य के बाद ही इसका खुलासा करती हैl हां यदि बात की जाए अनुमानित लागत की तो इसमें लगभग 200 करोड़ करोड़ रुपए की प्रारंभिक लागत आने का अनुमान लगाया जा रहा है।

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