ट्विन टावर Twin Tower, जिसमें लगभग 1000 कमरे और 32 मंजिल की ऊंची इमारत को आज दोपहर को 2:30 (2 बकर 30 मिनट) पर मात्र 32 सेकेंड के अंदर 37000 किलो के विस्फोटक से हमेशा के लिए पूरी तरह जमींदोज कर दिया गया। महीनों पहले आए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने इस भ्रष्टाचार के जरिए बनाए गए इन टावरों में पाई गई कई कमियों और भ्रष्टाचार के कई रूपों की पोल खुलने के बाद यह निर्णायक निर्णय सुप्रीम कोर्ट को लेना पड़ा और इसको नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए इसके निर्माण कार्य करता और इसमें भ्रष्ट अधिकारियों, नेताओं को उनके किए की सजा को कुछ इस अंदाज में अंजाम दिया कि वह आने वाले अपने संपूर्ण जीवन काल में इस पूरी भ्रष्टाचार की घटना को अपने दिलो दिमाग से नहीं हटा पाएंगे।
कैसे बना था यह टावर ?और क्या है पूरी कहानी आओ जाने:-
बात 2004 23 नवंबर की है जब नोएडा अथॉरिटी की तरफ से नोएडा सेक्टर 93a में स्थित प्लाट नंबर -4 को एमराल्ड कोर्ट के लिए आवंटित किया था, शुरुआती चरणों में केवल 9 मंजिल तक मकान बनाने की इजाजत मिली थी लेकिन उसके ठीक 2 साल बाद यानी 29 दिसंबर 2006 को इसमें और अधिक संशोधन करके इसकी बनाने की ऊंचाई को संशोधन करके इसको 11 मंजिल तक फ्लैट बनाने की अनुमति दे दी गई। इसके 77 अथॉरिटी ने टावर बनाने की संख्या में और अधिक बढ़ोतरी कर दी जहां पहले 14 टावर बनने थे उन्हें बढ़ाकर 15 और फिर बाद में 16 कर दिया गया लेकिन 2009 में इसकी ऊंचाई और ज्यादा बढ़ाने के लिए इजाजत दे दी गई, धीरे-धीरे समय बीतता गया और ट्विन टावर के टावरों में इजाफा नोएडा अथॉरिटी करती गई और 26 नवंबर 2009 को इनकी संख्या 16 से 17 टावर बनाने का नक्शा भी पास कर दिया गया। बात यहां पर आ कर के भी नहीं रुकी इसमें लिप्त कई प्रकार के भ्रष्टाचारी अधिकारियों और भ्रष्टाचार में लिप्त नेताओं की भाव भगत के कारण इसे 2 मार्च 2012 को टावर नंबर 16 और 17 के लिए फिर से ऐप में बदलाव कर दिया गया ईस्ट संशोधन के बाद इन दोनों टावरों को 40 मंजिल तक बनाने की अनुमति अथॉरिटी की तरफ से दे दी गई। इन टावरों के बीच की दूरी जो कि 16 मीटर होनी चाहिए थी उसको महज 9 मीटर रखा गया इन सभी कानूनी नियमों का उल्लंघन होने के बाद भी इसमें भ्रष्टाचार यहीं पर नहीं खत्म हुआ बल्कि इसकी अनुमानित ऊंचाई भी पहले की संख्या में और अधिक इजाफा करते हुए इसको 121 मीटर तक कर दिया गया। इसके बाद फिर क्या था मामला नियमों का उल्लंघन करने और मनमानी करने के चलते हाई कोर्ट पहुंचा जिसमें इस ट्विन टावर में हुई भ्रष्टाचार की एक-एक पोल धीरे-धीरे खुलती गई और मामला इन दोनों ट्विन टावर ओं को जमींदोज करने के लिए हाईकोर्ट ने आदेश भी दे दिया। जिसे प्रशासन और पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच आज दिनांक 28 अगस्त को दोपहर 2:30 बजे इसको पूरी तरह से जमींदोज कर दिया गया।
28 अगस्त 2022 को रविवार का दिन होने के कारण ट्विन टावर के जमींदोज और पूरी तरह से धराशाई होने का अद्भुत नजारा देखने के लिए सुबह से, इस से 400 मीटर की दूरी पर कई सारे लोग अपने- अपने कैमरे और फोन को लेकर काफी उत्साहित खड़े हुए और मीडिया से बात करते हुए दिखाई पड़े हालांकि प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा की पूरी व्यवस्था करते हुए इन टावरों के आसपास के सभी मकान में रहने वाले लोगों को इन टावरों से दूर पहुंचाने का पूरा काम सुनियोजित ढंग से कर लिया था। इन टावरों को महज आधे मिनट से भी कम समय में पूरी तरह जमींदोज करके इस नोएडा ट्विन टावर को पूरी तरह से लोगों ने अपने कैमरे और मोबाइल फोन में इसकी वीडियो और पिक्चर को इसकी यादों के लिए कैप्चर कर लिया। इन दोनों टावरों के गिराए जाने के बाद तक कोई अप्रिय घटना की सूचना अभी तक नहीं मिली है लेकिन यदि कोई भी इस तरह की कोई घटना या फिर नुकसान होता है तो यह जानकारी भी आप तक जरूर पहुंचाई जाएगी।