विंड Wind  टरबाइन की जगह वैज्ञानिक अब ट्यूलिप के आकार के छोटे-छोटे विंड पंखुड़ियों को कृत्रिम रूप से बने पेड़ों की शाखाओं पर लगाकर इससे बिजली उत्पन्न करेंगे।

इस ट्यूलिप के फूल के आकार की  विंड पंखुड़ियों में केवल दो ब्लेड होती हैं जो आपस में एक दूसरे से जुड़ी होती हैं और हवा चलने पर तेजी से घूमने लगती हैं और बिजली उत्पन्न  करती हैं।

आधुनिक समय में यह टेक्नोलॉजी इसलिए भी ज्यादा सक्सेस Success  है क्योंकि, इकोसिस्टम के लिए नेचुरल Natural बिजली उत्पन्न करने का यह सबसे बड़ा स्रोत भी माना जा रहा है।

छोटे-छोटे कृत्रिम स्टील और एल्यूमीनियम जैसी धातु का उपयोग करके बनाए गए पेड़ों पर सैकड़ों  की संख्या  मैं छोटे-छोटे विंड पंखुड़ियों वाले ट्यूलिप के आकार के ब्लेड  जब एक साथ  घूमते हैं,

तब विंड टरबाइन से यह सभी पंखुड़ियां मिलकर लगभग 10 गुना ज्यादा इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न  करती हैं, जिससे घरों से लेकर शहरों तक  को रोशन किया जा सकेगा।

अभी तक  कंपनियों  ने  1 मीटर से लेकर 3 मीटर और 6 मीटर तक बनाये हैं, जिनको इनके साइज के हिसाब से घर की छत और जमीन पर और बड़े साइज वाले विंड टरबाइन को खुली जगहों पर स्टाल किया जाता  है

सबसे बड़े ट्यूलिप विंड Tree टरबाइन 5 किलोवाट के जनरेटर के साथ आता है जो लगभग 1 साल में 10000 किलोवाट KW बिजली उत्पन्न कर सकता है इससे आप इसकी क्षमता का अंदाजा लगा सकते हैं।

विंड Tree  टरबाइन को भारत के अलावा जिन देशों में अभी इसकी न्यू टेक्नोलॉजी शुरू हुई है उनमें प्रमुख रूप से जर्मनी, कोलंबिया, इजरायल,  फ्रांस जैसे प्रमुख देश शामिल हैं |